प्रयागराज: महाकुंभ मेले में आने वाले लोग अपनी तरफ से सेवाएं दे रहे हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के इंदौर से आईं सनप्रीत कौर भजन सेवा कर रही हैं. भजन सेवा के तहत सनप्रीत अखाड़ों में जाकर साधु संतों नागाओं को भजन सुनाती हैं. इसके साथ ही मेले में आए श्रद्धालुओं को भी सनप्रीत देवी-देवताओं के भजन सुनाती हैं. इतना ही नहीं कई बार वो गंगा किनारे जाकर मां गंगा को भी भजन सुनाती हैं. उनके भजनों की साधु संतों के साथ ही श्रद्धालू भी सराहना करते हैं.
संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में सनप्रीत कौर ऐसी भजन गायिका के रूप में पहचानी जाने लगी हैं जो अखाड़ों में साधु-संतों के पास जाकर उनको भक्ति गीत सुनाती हैं. उनके भजनों को सुनकर साधु संत से लेकर अखाड़े तक के सन्यासी सराहना करते हैं. सनप्रीत कौर ने ईटीवी भारत से बात की. बताया कि उनका मन भगवान की भक्ति और भजन गाने में बचपन से लगा हुआ है.
इसी वजह से वो प्रयागराज के महाकुंभ में आई हैं और वो यहां पर भजन सेवा कर रही हैं. उनका कहना है कि महाकुंभ में लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार सेवा भाव से करने आते हैं. उनके पास भगवान दी हुई वाणी है. उसी वाणी के जरिए वो भजन सुनाकर संतों की सेवा कर रही हैं. संतों के साथ ही श्रद्धालू भी उनके भजन सुनकर प्रसन्न होते हैं.
संत और श्रद्धालू जब उनके गाए भजनों को सुनकर प्रसन्न होते हैं तो उसे देखकर ही उन्हें भी प्रसन्नता और सुकून मिलता है. इसी आत्मीय सुख के लिए वो महाकुंभ में आकर भजन सेवा कर रही हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने भी सनप्रीत के भजन सेवा की सराहना की है.
भजन गायिका सनप्रीत कौर निरन्तर मेला क्षेत्र में घूमकर भजन सेवा कर रही हैं. मेला क्षेत्र में अभी तक वो निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर, आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालका नंद गिरी के शिविर के साथ ही निरंजनी अखाड़े में उन्होंने भजनों की प्रस्तुति दी है. जहां के संतों ने उनके भजन की प्रशंसा की है.
सनप्रीत कौर का कहना है कि वो कोई साध्वी नहीं हैं लेकिन, उन्हें संतों का साथ अच्छा लगता है. संतों की कृपा से उन्हें मां सरस्वती का आशीर्वाद मिला है और उन्हीं की कृपा से वो भजन सेवा दे रही हैं. सनप्रीत का कहना है कि भजन के साथ ही उन्हें धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने और प्रवचन सुनना पसंद हैं.
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