चेन्नई: भारतीय संगीत संस्कृति संरक्षण संगठन (स्पिक मैके) की ओर से 9वां अंतरराष्ट्रीय संगीत और संस्कृति सम्मेलन सोमवार को आईआईटी चेन्नई में भव्य तरीके से शुरू हुआ. त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नल्लू और सांसद और संगीतकार इलैयाराजा ने विशेष अतिथि के रूप में सम्मेलन का उद्घाटन किया.
एक सप्ताह का सम्मेलन 26 तारीख को समाप्त होगा. पूरे देश से 220 कलाकार शिव वाद्यम, पोइक्कल निधिम, कराकटम, वेलाटम और भरतनाट्यम जैसी पारंपरिक कलाओं में अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए भाग लेंगे.
समारोह की एक विशेष विशेषता आईआईटी मद्रास और इलैयाराजा म्यूजिक एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बीच आईआईटी मद्रास में 'मेस्ट्रो इलैयाराजा म्यूजिक ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर' स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करना था.
समारोह में बोलते हुए संगीतकार इलैयाराजा ने कहा, 'मैं बचपन में 400 रुपए लेकर गांव से संगीत सीखने आया था. तब मैं नहीं जानता था कि संगीत क्या होता है. मैं संगीत सीखने आया था, आज मैंने एक सेंटर शुरू किया है और सभी को सिखाता हूं. मैंने संगीत नहीं सीखा. संगीत मेरी सांस बन गया है. मेरी इच्छा आईआईटी मद्रास से 200 इलैयाराजा तैयार करने की है.'
त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्रसेन ने कहा, 'तमिल एक हजार साल पुराने इतिहास वाली भाषा है. देश में तमिल, तेलुगु, संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और उड़िया को 6 भाषाओं का दर्जा मिला हुआ है. तमिल शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली पहली भाषा थी. अगले 7 दिनों के लिए आप एक नई दुनिया में कदम रखने जा रहे हैं जो भारतीय संस्कृति और विरासत का प्रतीक है. इस अनुभव को कोई नहीं भूलेगा.'