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'भगवान जगन्नाथ ने बचाई ट्रंप की जान', इस्कॉन ने किया दावा, कहा- एहसान चुकाया - Lord Jagannath

Lord Jagannath Saved Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले पर इस्कॉन ने प्रतिक्रिया दी है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास कहा कि आज से ठीक 48 साल पहले ट्रंप ने अमेरिका में जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव में मदद की थी. ऐसे में आज भगवान जगन्नाथ ने उन्हें बचाया है.

Lord Jagannath Saved Donald Trump
भगवान जगन्नाथ ने बचाई ट्रंप की जान (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 15, 2024, 12:53 PM IST

कोलकाता: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनावी रैली के दौरान हुए हमले में बाल-बाल बच गए. पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान एक शख्स ने उन पर गोली चला दी. हालांकि गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई. ट्रंप को लेकर हुए हमले को लेकर इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने दावा किया है कि ट्रंप की जान भगवान जगन्नाथ ने बचाई. इसके लिए उन्होंने 1976 की एक रथयात्रा का जिक्र किया. राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ठीक 48 साल पहले डोनाल्ड ट्रंप ने जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को बचाया था. आज, जब दुनिया फिर से जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ट्रंप पर हमला किया गया और जगन्नाथ ने उन्हें बचाकर एहसान चुकाया.

ट्रंप ने की थी इस्कॉन भक्तों की मदद
उन्होंने कहा कि जुलाई 1976 में डोनाल्ड ट्रंप ने रथयात्रा के आयोजन में इस्कॉन भक्तों की मदद की थी और रथों के निर्माण के लिए अपना ट्रेन यार्ड मुफ्त में उपलब्ध कराया था. आज जब दुनिया 9 दिवसीय जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, उस पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बच जाना जगन्नाथ के हस्तक्षेप को दर्शाता है. ब्रह्मांड के भगवान महाप्रभु जगन्नाथ की पहली रथ यात्रा 1976 में न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर शुरू हुई थी, जिसमें तत्कालीन 30 साल के उभरते हुए रियल एस्टेट मुगल - डोनाल्ड ट्रंप की सहायता मिली थी.

इस्कॉन ने बनाई थी न्यूयॉर्क शहर रथ यात्रा की योजना
दास ने बताया कि लगभग 48 साल पहले जब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) न्यूयॉर्क शहर में पहली रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रही थी, तो चुनौतियां बहुत अधिक थीं. ऐसे में 'फिफ्थ एवेन्यू में परेड परमिट देना किसी चमत्कार से कम नहीं था. यात्रा के लिए उन्होंने हर शख्स से बात, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तभी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप कृष्ण भक्तों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आए.

उन्होंने कहा कि ट्रंप के सचिव ने भक्तों को फोन करके कहा कि आइए और उनके हस्ताक्षरित अनुमति पत्र ले आइए. ट्रंप ने रथ यात्रा गाड़ियों के निर्माण के लिए खुले रेल यार्ड का उपयोग करने की अनुमति देने वाले कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए थे. हालांकि, ट्रंप चाहते तो अन्य कॉर्पोरेट कंपनी मालिकों की तरह वह भी इस प्रस्ताव को ठुकरा सकते थे.

यह भी पढ़ें- ट्रंप पर हमले के बाद डेमोक्रेट्स ने बाइडेन से बनाई दूरी, दावेदारी पर संशय बरकरार

कोलकाता: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनावी रैली के दौरान हुए हमले में बाल-बाल बच गए. पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान एक शख्स ने उन पर गोली चला दी. हालांकि गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई. ट्रंप को लेकर हुए हमले को लेकर इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने दावा किया है कि ट्रंप की जान भगवान जगन्नाथ ने बचाई. इसके लिए उन्होंने 1976 की एक रथयात्रा का जिक्र किया. राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ठीक 48 साल पहले डोनाल्ड ट्रंप ने जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को बचाया था. आज, जब दुनिया फिर से जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ट्रंप पर हमला किया गया और जगन्नाथ ने उन्हें बचाकर एहसान चुकाया.

ट्रंप ने की थी इस्कॉन भक्तों की मदद
उन्होंने कहा कि जुलाई 1976 में डोनाल्ड ट्रंप ने रथयात्रा के आयोजन में इस्कॉन भक्तों की मदद की थी और रथों के निर्माण के लिए अपना ट्रेन यार्ड मुफ्त में उपलब्ध कराया था. आज जब दुनिया 9 दिवसीय जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, उस पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बच जाना जगन्नाथ के हस्तक्षेप को दर्शाता है. ब्रह्मांड के भगवान महाप्रभु जगन्नाथ की पहली रथ यात्रा 1976 में न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर शुरू हुई थी, जिसमें तत्कालीन 30 साल के उभरते हुए रियल एस्टेट मुगल - डोनाल्ड ट्रंप की सहायता मिली थी.

इस्कॉन ने बनाई थी न्यूयॉर्क शहर रथ यात्रा की योजना
दास ने बताया कि लगभग 48 साल पहले जब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) न्यूयॉर्क शहर में पहली रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रही थी, तो चुनौतियां बहुत अधिक थीं. ऐसे में 'फिफ्थ एवेन्यू में परेड परमिट देना किसी चमत्कार से कम नहीं था. यात्रा के लिए उन्होंने हर शख्स से बात, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तभी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप कृष्ण भक्तों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आए.

उन्होंने कहा कि ट्रंप के सचिव ने भक्तों को फोन करके कहा कि आइए और उनके हस्ताक्षरित अनुमति पत्र ले आइए. ट्रंप ने रथ यात्रा गाड़ियों के निर्माण के लिए खुले रेल यार्ड का उपयोग करने की अनुमति देने वाले कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए थे. हालांकि, ट्रंप चाहते तो अन्य कॉर्पोरेट कंपनी मालिकों की तरह वह भी इस प्रस्ताव को ठुकरा सकते थे.

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