कुरुक्षेत्र: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हरियाणा में राजनीतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच चुकी है. हरियाणा में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से लगभग सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार चुनावी रण में उतार दिए गए हैं. आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन के द्वारा डॉक्टर सुशील गुप्ता को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (INLD, इनेलो) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला को कुरुक्षेत्र लोकसभा से उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. कुरुक्षेत्र लोकसभा से डॉ. सुशील गुप्ता और अभय चौटाला के आने से भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही थी, लेकिन ऐन मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया है.
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट सियासी समीकरण: हालांकि ईटीवी भारत ने पहले ही बता दिया गया था कि भारतीय जनता पार्टी नवीन जिंदल पर दांव खेलने की सोच रही है. नवीन जिंदल के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा से उम्मीदवार बनाने के बाद अब यहां मुकाबला काफी रोचक होता दिखाई दे रहा है. आइए जानते हैं कि नवीन जिंदल के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी के तौर पर आने से क्या समीकरण बन रहे हैं. आखिर इस सीट से किसका पलड़ा ज्यादा भारी दिखाई दे रहा है.
आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन का कैसा रहेगा रुझान?: भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और कुरुक्षेत्र लोकसभा से नवीन जिंदल के प्रत्याशी घोषित होने से पहले तक ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर सुशील गुप्ता का पलड़ा सबसे भारी दिखाई दे रहा है. इसके कई कारण हैं. सबसे पहला कारण यह है कि पिछले कुछ समय में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ किसानों का रोष दिखाई दे रहा है, जिसके चलते किसानों का ज्यादातर वोट बैंक सुशील गुप्ता का समर्थन करता हुआ दिखाई दे रहा था.
कुरुक्षेत्र में सुशील गुप्ता का प्रभाव: सुशील गुप्ता अग्रवाल समाज से संबंध रखते हैं तो ऐसे में कुरुक्षेत्र लोकसभा में अग्रवाल समाज कई काफी प्रभाव है जिसके चलते उनकी जीत की संभावना काफी हद तक थी. उनकी जीत को लेकर दूसरा कारण यह बताया जा रहा था कि अभय चौटाला के आने से पहले तक यह अनुमान लगाया जा रहा था की कुछ जाट वोट आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर सुशील गुप्ता को प्राप्त हो सकता है, क्योंकि कई स्थानों पर वह भारतीय जनता पार्टी का विरोध करते हुए दिखाई दिए हैं.
नवीन जिंदल ने बदल दिया समीकरण: तीसरा और सबसे अहम कारण यह है कि कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में 3 जिले की 9 विधानसभा सीट आती है. इसमें 4 विधानसभा कुरुक्षेत्र जिले की और 4 विधानसभा कैथल जिले की शामिल है. अगर कुरुक्षेत्र जिले की बात करें तो कुरुक्षेत्र जिले में कांग्रेस पार्टी एक बड़े नेता अशोक अरोड़ा और कैथल जिले से रणदीप सुरजेवाला का अच्छा वोट बैंक है. यमुनानगर जिले की रादौर विधानसभा कुरुक्षेत्र लोकसभा में आती है. ऐसे में कुमारी सैलजा रादौर विधानसभा में अच्छा वोट बैंक है. इंडिया गठबंधन के तहत इन सभी का वोट बैंक डॉक्टर सुशील गुप्ता को प्राप्त होता हुआ दिखाई दे रहा था, जिसके चलते उसके जीत के असर ज्यादा दिखाई दे रहे थे. लेकिन, बीजेपी से नवीन जिंदल के आने के चलते अब समीकरण बदले-बदले से नजर आने लगे हैं.
अभय सिंह चौटाला से किसको हो रहा है नुकसान: कुरुक्षेत्र लोकसभा से इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के द्वारा अभय सिंह चौटाला को दूसरे उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया था. जहां पहले उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के द्वारा उतारा गया था तो ऐसे में 2 बड़े नेताओं के कुरुक्षेत्र के रण में चुनाव लड़ने से काफी रोचक चुनाव होता हुआ दिखाई दे रहा था. लेकिन, अगर राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अभय सिंह चौटाला से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी डॉक्टर सुशील गुप्ता को नुकसान होता हुआ दिखाई दे रहा था. क्योंकि, अभय सिंह चौटाला के साथ किसान वर्ग का ज्यादा वोट बैंक है. ऐसे में यह वोट बैंक अभय सिंह चौटाला के चुनावी रण में उतरने से पहले डॉ. सुशील गुप्ता को मिलता हुआ दिखाई दे रहा था. ऐसे में अभय चौटाला के आने से भी कुछ समीकरण बदले और आम आदमी पार्टी का पलड़ा पहले से कमजोर हुआ है.
नवीन जिंदल के आने से बिगड़े अन्य प्रत्याशियों के समीकरण: आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन के द्वारा डॉक्टर सुशील गुप्ता को कुरुक्षेत्र चुनाव में उतरने से जहां उनका सबसे मजबूत उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से डॉक्टर सुशील गुप्ता के विरोध में अग्रवाल समाज से किसी उम्मीदवार को चुनावी रण में उतरना चाहती है. ईटीवी भारत ने भी कुछ ऐसा बताया था कि वह सबसे पहले नवीन जिंदल पर दांव खेल सकती है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार बिल्कुल ऐसा ही हुआ. भारतीय जनता पार्टी ने नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया.
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट और वोट बैंक समीकरण: नवीन जिंदल के आने से इसका सीधा प्रभाव अग्रवाल समाज की वोट पर पड़ेगा. पहले अग्रवाल समाज की वोट सुशील गुप्ता को मिलती हुई दिखाई दे रही थी, लेकिन अब वह 2 भागों में बंटती हुई दिखाई दे रही है. वहीं, किसान वर्ग की वोट अभय सिंह चौटाला को कुछ हद तक मिलती हुई दिखाई दे रही है. दरअसल कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में जाट समुदाय की सबसे ज्यादा वोट है. वहीं, अभय सिंह चौटाला जाट समुदाय से हैं तो उनको इसका भी फायदा होने वाला है. पहले जाट समुदाय का वोट सुशील गुप्ता को मिलने के आसार दिखाई दे रहे थे, लेकिन अभय चौटाला के आने से अब वह भी पहले से कम होती हुई दिखाई दे रही है.
कुरुक्षेत्र लोकसभा से 2 सांसद रह चुके हैं नवीन जिंदल: जिंदल परिवार का कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से पुराना संबंध रहा है. पहले उनके पिता ओपी जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा से एक बार सांसद चुने गए थे तो वहीं 2 बार खुद नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा से सांसद चुने गए हैं. जब भी जिंदल परिवार से तीन बार यहां से यह सांसद बने तो यह तीनों बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जनता के बीच में आए थे और इन्होंने जीत हासिल की थी. ऐसे में कुरुक्षेत्र लोकसभा में कांग्रेस का काफी हद तक वोट बैंक नवीन जिंदल के साथ खड़ा होता हुआ दिखाई दे रहा है. क्योंकि, वह उनके पुराने नेता हैं, जिनके साथ उनके काफी घनिष्ठ संबंध हैं.
कांग्रेस पार्टी की वोट काटने का काम करेंगे नवीन जिंदल!: राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार नवीन जिंदल के आने से पहले कांग्रेस पार्टी का समर्थन इंडिया गठबंधन और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर सुशील गुप्ता को मिलता हुआ दिखाई दे रहा था, लेकिन नवीन जिंदल के बाद अब समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं. नवीन जिंदल कांग्रेस की वोट बैंक पर भी काफी हद तक सेंध लगाने में कामयाब हो सकते हैं. ऐसे में अब नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सबसे मजबूत उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन, यहां देखने वाली बात यह होगी कि कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के मतदाता किसी पर अपना विश्वास जताते हैं और किसको अपना सांसद चुनते हैं.
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