पटना: भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही देश भर के साथ ही बिहार में भी आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. बिहार में 40 लोकसभा सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे.
क्या है आदर्श आचार संहिता: चुनाव आयोग ने देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं. आयोग के इन्हीं नियमों को आदर्श आचार संहिता कहते हैं. इसका पालन चुनाव के समय जरूरी है. चुनाव आयोग इलेक्शन से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है. साथ ही चुनाव समाप्त होने के बाद इसके खत्म होने की घोषणा भी की जाती है.
कितने दिनों तक लागू रहती है आदर्श आचार संहिता ?: इलेक्शन कमीशन द्वारा चुनाव की घोषणा की तारीख से इसे लागू किया जाता है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूरी होने तक लागू रहती है. लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू होती है.
सरकार के लिए नियम: आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बाद कई नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बातें सम्मिलित है. आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाए नहीं की जा सकती हैं. चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न करना, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना, इलेक्शन के दौरान धन-बल और बाहुबल का प्रयोग न करना, किसी भी व्यक्ति को धन का लोभ न देना, आचार संहिता के दौरान सरकार किसी भी योजना को लागू नहीं कर सकती है.
नीतीश कैबिनेट में 108 एजेंडों को मुहर: आचार संहिता लागू होने से एक दिन पहले ही नीतीश कैबिनेट का विस्तार कर दिया गया. साथ ही नीतीश कैबिनेट में 108 एजेंडों पर मुहर लगाई गई. नीतीश कुमार के अब तक के पूरे कार्यकाल में कैबिनेट की एक बैठक में इतने एजेंडों पर मुहर नहीं लगी थी. नीतीश सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं आरजेडी ने जनता को प्रलोभन देने का आरोप बिहार की एनडीए सरकार पर लगाया है.
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