नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए सोमवार को वोटिंग होनी है. ऐसे में सभी दल चुनाव प्रचार में लगे है. चुनावों को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि पांचवे चरण में वोट प्रतिशत में इजाफा होगा. लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें इसके लिए चुनाव आयोग जी तोड़ मेहनत कर रहा है. वहीं, राजनीति दल भी लोगों से वोटिंग की अपील कर रहे हैं.
भारत में वोटिंग के अधिकार को लोकतंत्र में सबसे बड़े अधिकारों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि आपका वोट ही देश का और समाज का भविष्य तय करता है. इसीलिए हर नागरिक को अपनी इस ताकत का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. वोटिंग के दौरान कई बार फर्जी वोट पड़ते भी देखा गया है, जिसमें किसी और के नाम से कोई और वोट डाल देता है.
यह समस्या हमें चौथे चरण में उस समय देखने को मिली थी, जब महाराष्ट्र के पुणे शहर में कांग्रेस प्रमुख अरविंद शिंदे ने दावा किया था उनका वोट किसी और ने डाल दिया था. हालांकि, सवाल यह है कि अगर कोई वोटर इस समस्या का सामना करता है तो उसके पास क्या विकल्प हो और वह कैसे मतदान कर सकता है?
टेंडर वोटिंग का विकल्प
मान लीजिए कि आप वोटिंग के दिन अपना वोट डालने पोलिंग बूथ पर जाते हैं. वहां जाकर आपको पता चलता है कि आपका वोट तो पहले ही डाला जा चुका है. ऐसे में आपको निराश होने की जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में आप टेंडर वोटिंग के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं.
कैसे करें टेंडर वोटिंग?
टेंडर वोटिंग के लिए आपको सबसे पहले अपना पहचान पत्र लेकर पीठासीन अधिकारी के पास जाना होगा, जो पोलिंग बूथ मौजूद रहता है. आपको उसे बताना होगा कि आपका वोट किसी और नहीं डाल दिया है न कि आपने. इसके बाद अधिकारी आपसे कुछ सवाल करेंगे और कुछ दस्तावेज मांग सकते हैं. आप इन सवालों का जवाब देने और अपने डॉक्यूमेंट दिखाने के बाद आपको वोट डालने की इजाजत दे दी जाएगी. हालांकि, यह याद रहे कि आप ईवीएम पर वोट नहीं डालेंगे, बल्कि अब आपको बैलेट वोटिंग करनी होगी. इसी प्रक्रिया को टेंडर वोटिंग कहा जाता है.
टेंडर वोटिंग के लिए आपको एक पर्चा दिया जाएगा, जिसमें तमाम पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह होंगे. आपको उसी पर्चे पर बताना है कि आप किसे वोट दे रहे हैं. इसके बाद पीठासीन अधिकारी इसे एक लिफाफे में सील कर देंगे और एक बक्से में रख देंगे.