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भारत का पहला एग्जिट पोल, BJP की जीत की हुई थी भविष्यवाणी - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Exit poll: लोकसभा चुनाव के सांतवे चरण के बाद एग्जिट पोल सामने आएंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक 1 जून 2024 (शाम 6:30 बजे) तक एग्जिट पोल पर प्रतिबंधित रहेगा. इसके बाद इन्हें कभी भी जारी किया जा सकता है.

Exit Poll
भारत में कब शुरु हुआ था एग्जिट पोल (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 30, 2024, 2:51 PM IST

Updated : May 30, 2024, 2:57 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के सांतवें और अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोटिंग होगी. इसके साथ चुनाव संपन्न हो जाएगा और 4 जून को इसके नतीजे आएंगे. हालांकि, नतीजों से पहले एग्जिट पोल जारी कर दिए जाएंगे. इनमें बताया जाएगा कि इस बार जनता ने सत्ता की चाबी किसको सौंपेगी.

चुनाव के दौरान विभिन्न मीडिया संगठन और पोल एजेंसियां एग्जिट पोल कराती हैं और नतीजों को लेकर भविष्यवाणी करती हैं. इन्हें चुनाव के अंतिम चरण के बाद जारी किया जा सकता है. एग्जिट पोल के अनुमान कितने सटीक हैं, इसका पता चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही पता चलता है.

कब आएंगे एग्जिट पोल?
चुनाव आयोग ने 28 मार्च 2024 के अपने आदेश में कहा था कि 19 अप्रैल 2024 (सुबह 7 बजे) से 1 जून 2024 (शाम 6:30 बजे) तक एग्जिट पोल पर प्रतिबंधित रहेगा. इसके बाद ही एग्जिट पोल जारी किए जा सकते हैं.

Exit Poll
एग्जिट पोल (सांकेतिक तस्वीर ANI)

पहली बार कब हुआ था एग्जिट पोल?
भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1996 में हुई थी. यहां पहली बार इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी. पहले एग्जिट पोल में अनुमान लगाया था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतेगी. लोकसभा चुनाव के रिजल्‍ट आए तो बीजेपी ने जीत दर्ज की. इसके बाद से एग्जिट पोल का चलन बढ़ता गया. साल 1998 में पहली बार किसी निजी न्यूज चैनल ने एग्जिट पोल का प्रसारण किया.

कैसे किया जाता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल वोटिंग के दिन किया जाता है. जैसे वोटर्स पोलिंग बूथ से वोट डालने के बाहर आते हैं तो उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट किया. इसके बाद वोटर्स से मिले डेटा का विश्लेषण किया जाता है और चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है.हालांकि, कई बार एग्जिट पोल सही साबित होते और कई बार गलत.

क्या चुनाव से पहले जारी हो सकते हैं एग्जिट पोल?
बता दें कि एग्जिट पोल सरकारी अधिकारियों के बजाय निजी कंपनियों या मीडिया द्वारा किया जाता है. इतना ही नहीं इसे चुनाव संपन्न होने से पहले जारी नहीं किया जा सकता है. अगर कोई मीडिया हाउस या एजेंसी इसे समय चुनाव खत्म होने से पहले या इलेक्शन के दौरान जारी कर देती है तो चुनाव आयोग उस पर एक्शन ले सकता है.

2019 में कितनी सटीक रहे एग्जिट पोल?
2019 के आम चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी और एनडीए की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई थी. अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. ऐसे में पिछली बार ज्यादातर एग्जिट पोल ठीक साबित हुए थे.

यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024: आज शाम थमेगा सातवें चरण का चुनाव प्रचार, शनिवार को होगी वोटिंग

यह भी पढ़ें- एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल क्या होते हैं, दोनों में प्रमुख अंतर क्या है, जानें सब कुछ

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के सांतवें और अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोटिंग होगी. इसके साथ चुनाव संपन्न हो जाएगा और 4 जून को इसके नतीजे आएंगे. हालांकि, नतीजों से पहले एग्जिट पोल जारी कर दिए जाएंगे. इनमें बताया जाएगा कि इस बार जनता ने सत्ता की चाबी किसको सौंपेगी.

चुनाव के दौरान विभिन्न मीडिया संगठन और पोल एजेंसियां एग्जिट पोल कराती हैं और नतीजों को लेकर भविष्यवाणी करती हैं. इन्हें चुनाव के अंतिम चरण के बाद जारी किया जा सकता है. एग्जिट पोल के अनुमान कितने सटीक हैं, इसका पता चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही पता चलता है.

कब आएंगे एग्जिट पोल?
चुनाव आयोग ने 28 मार्च 2024 के अपने आदेश में कहा था कि 19 अप्रैल 2024 (सुबह 7 बजे) से 1 जून 2024 (शाम 6:30 बजे) तक एग्जिट पोल पर प्रतिबंधित रहेगा. इसके बाद ही एग्जिट पोल जारी किए जा सकते हैं.

Exit Poll
एग्जिट पोल (सांकेतिक तस्वीर ANI)

पहली बार कब हुआ था एग्जिट पोल?
भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1996 में हुई थी. यहां पहली बार इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी. पहले एग्जिट पोल में अनुमान लगाया था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतेगी. लोकसभा चुनाव के रिजल्‍ट आए तो बीजेपी ने जीत दर्ज की. इसके बाद से एग्जिट पोल का चलन बढ़ता गया. साल 1998 में पहली बार किसी निजी न्यूज चैनल ने एग्जिट पोल का प्रसारण किया.

कैसे किया जाता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल वोटिंग के दिन किया जाता है. जैसे वोटर्स पोलिंग बूथ से वोट डालने के बाहर आते हैं तो उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट किया. इसके बाद वोटर्स से मिले डेटा का विश्लेषण किया जाता है और चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है.हालांकि, कई बार एग्जिट पोल सही साबित होते और कई बार गलत.

क्या चुनाव से पहले जारी हो सकते हैं एग्जिट पोल?
बता दें कि एग्जिट पोल सरकारी अधिकारियों के बजाय निजी कंपनियों या मीडिया द्वारा किया जाता है. इतना ही नहीं इसे चुनाव संपन्न होने से पहले जारी नहीं किया जा सकता है. अगर कोई मीडिया हाउस या एजेंसी इसे समय चुनाव खत्म होने से पहले या इलेक्शन के दौरान जारी कर देती है तो चुनाव आयोग उस पर एक्शन ले सकता है.

2019 में कितनी सटीक रहे एग्जिट पोल?
2019 के आम चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी और एनडीए की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की गई थी. अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा और एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. ऐसे में पिछली बार ज्यादातर एग्जिट पोल ठीक साबित हुए थे.

यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024: आज शाम थमेगा सातवें चरण का चुनाव प्रचार, शनिवार को होगी वोटिंग

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Last Updated : May 30, 2024, 2:57 PM IST
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