नई दिल्ली : दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से भाजपा की उम्मीदें बढ़ गई हैं. भाजपा का ये दावा है कि जब-जब पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता के सामने जितना लक्ष्य रखा है, मतदाताओं ने उससे आगे बढ़-चढ़कर वोट किया है. इस बार भी मतदाता पीएम के लक्ष्य से ज्यादा वोट देंगे.
बीजेपी नेता प्रेम शुक्ला ने कहा 'जो भी मतदाता बाहर निकले हैं उन्हें भाजपा ही मतदान केंद्र तक लाने में सफल हो पाई है, क्योंकि यदि देखा जाए तो इंडी अलायंस कहने भर को ही रह गया है. ये बंगाल में एक दूसरे के खिलाफ हैं. केरल में एक दूसरे के खिलाफ हैं. यूपी में आजतक इस अलायंस की कोई सभा तक नहीं हो पाई है. ये कहने भर को अलायंस है, मगर भाजपा का कार्यकर्ता पार्टी से जुड़ा है वो लोगों से कनेक्ट बनाकर रखते हैं और कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के पास तो कार्यकर्ता ही नहीं बचे हैं.'
उन्होंने कहा कि 'चाहे अटल जी की पूर्ववर्ती सरकार हो या मोदी जी की सरकार हो, ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत से ऊपर रहा है. क्योंकि इन्होंने इनहेरिटेंस टैक्स और वेल्थ टैक्स जैसे कर नहीं लगाए हैं.'
बीजेपी नेता ने कहा कि 'विपक्ष ध्रुवीकरण के नाम पर एसटी-एससी के आरक्षण का प्रतिशत भी मुसलमानों को देने की बात कह रही है, तो ये ध्रुवीकरण ही तो है.' उन्होंने कहा 'लोग मोदीजी को वोट कर रहे हैं, और विपक्ष में इसे लेकर घबराहट है. इसलिए ध्रुवीकरण की राजनीति विपक्ष द्वारा की जा रही है.'
इस सवाल पर कि विकास के नाम पर शुरू हुआ चुनाव आखिरकार ध्रुवीकरण और मंगलसूत्र पर आकर क्यों अटक गया. इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला का कहना है कि ध्रुवीकरण विपक्ष कर रहा, बीजेपी अपनी सरकार के काम पर भरोसा करती है. मगर विपक्ष की इस बात पर जहां, पीएम के बयान का विरोध हो रहा है.
भाजपा का कहना है कि विपक्ष मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर आतंकवादियों, जिहादियों काे समर्थन कर दे, हनुमान चालीसा पढ़ने वालों को जिहादी बता दे, मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर लव जिहाद में मारी गई हिंदू कन्या को उसका प्रेमी बता दे. और उसके बाद ये उम्मीद करते हैं कि पीएम आलोचना भी ना करें.
उन्होंने कहा कि विपक्ष बहुसंख्यकों से संसाधन छीनकर पहला हक अल्पसंख्यकों का होना चाहिए ये भी कह चुका है, ऐसे में यदि पीएम उन्हे संरक्षित करने की बात करते हैं तो विपक्ष उनकी आलोचना कर रहा है. ये कैसी राजनीति है. भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री सबका साथ और सबका विकास की परिभाषा लेकर चल रहे हैं.