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श्रीनगर लोकसभा सीट: अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला बड़ा चुनाव, मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा - Lok Sabha Election 2024

Srinagar Lok Sabha Seat Voting: जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, गांदरबल और शोपियां जिलों में फैले निर्वाचन क्षेत्र में 2,135 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता मीर फरहत की रिपोर्ट.

Srinagar Lok Sabha Seat Voting
श्रीनगर लोकसभा चुनाव (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 12, 2024, 11:00 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर सोमवार को चौथे चरण में मतदान होना है. चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं और सुचारू मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. अच्छी बात है कि इस बार अलगाववादी समूहों की ओर से चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया गया है. श्रीनगर सीट पर 24 उम्मीदवार मैदान में हैं और मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच बताया जा रहा है. एनसी ने आगा रूहुल्लाह मेहदी और पीडीपी ने वहीद पारा को मैदान में उतारा है, जबकि जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने पूर्व मंत्री मोहम्मद अशरफ मीर पर दांव लगाया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पीके पोले ने रविवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां विधानसभा क्षेत्र से लेकर मध्य कश्मीर में कागन निर्वाचन क्षेत्र तक फैले श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 17,47,810 मतदाता हैं. इस संसदीय सीट में 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. कुल मतदाताओं में से 8,75,938 पुरुष और 8,71,808 महिला मतदाता हैं. वहीं 64 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. सीईओ पोले ने कहा कि चौथे चरण में श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, गांदरबल और शोपियां के पांच जिलों में 2,135 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा. प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारियों सहित चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे और रिजर्व सहित कुल 85,00 से अधिक मतदान कर्मचारी ड्यूटी पर रहेंगे. वहीं, कश्मीर संभाग के प्रवासी मतदाताओं के लिए 26 विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 21 मतदान केंद्र जम्मू में, चार दिल्ली में और एक उधमपुर जिले में बनाया गया है.

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव होगा. खास बात यह है कि किसी भी अलगाववादी समूह ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान नहीं किया है क्योंकि ज्यादातर अलगाववादी नेता 2018 से जेल में हैं. अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया है. उनका कहना है कि बदलते राजनीतिक हालात में बहिष्कार से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है और पूरे निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्रों पर पुलिस, अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विधि कुमार बिरदी ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. सुचारू और शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा. श्रीनगर क्षेत्र में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है. हालांकि इस बार चुनाव प्रचार के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, जिसे सुरक्षा बलों के लिए सुचारू चुनाव कराने के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव: चौथे चरण में 96 सीटों पर मतदान, 5 केंद्रीय मंत्री समेत कई दिग्गज मैदान में

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर सोमवार को चौथे चरण में मतदान होना है. चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं और सुचारू मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. अच्छी बात है कि इस बार अलगाववादी समूहों की ओर से चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया गया है. श्रीनगर सीट पर 24 उम्मीदवार मैदान में हैं और मुख्य मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच बताया जा रहा है. एनसी ने आगा रूहुल्लाह मेहदी और पीडीपी ने वहीद पारा को मैदान में उतारा है, जबकि जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने पूर्व मंत्री मोहम्मद अशरफ मीर पर दांव लगाया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पीके पोले ने रविवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां विधानसभा क्षेत्र से लेकर मध्य कश्मीर में कागन निर्वाचन क्षेत्र तक फैले श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 17,47,810 मतदाता हैं. इस संसदीय सीट में 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. कुल मतदाताओं में से 8,75,938 पुरुष और 8,71,808 महिला मतदाता हैं. वहीं 64 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. सीईओ पोले ने कहा कि चौथे चरण में श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, गांदरबल और शोपियां के पांच जिलों में 2,135 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा. प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारियों सहित चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे और रिजर्व सहित कुल 85,00 से अधिक मतदान कर्मचारी ड्यूटी पर रहेंगे. वहीं, कश्मीर संभाग के प्रवासी मतदाताओं के लिए 26 विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 21 मतदान केंद्र जम्मू में, चार दिल्ली में और एक उधमपुर जिले में बनाया गया है.

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव होगा. खास बात यह है कि किसी भी अलगाववादी समूह ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान नहीं किया है क्योंकि ज्यादातर अलगाववादी नेता 2018 से जेल में हैं. अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया है. उनका कहना है कि बदलते राजनीतिक हालात में बहिष्कार से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है और पूरे निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्रों पर पुलिस, अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विधि कुमार बिरदी ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. सुचारू और शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा. श्रीनगर क्षेत्र में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है. हालांकि इस बार चुनाव प्रचार के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, जिसे सुरक्षा बलों के लिए सुचारू चुनाव कराने के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है.

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