पटना: बिहार में चुनाव प्रचार अभियान जोर पकड़ता जा रहा है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तमाम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम चाहते थे और उन्हें सफलता भी मिल गई. पहले चरण के चुनाव को लेकर भाजपा ने कमर कस ली है. प्रधानमंत्री दो सभा कर चुके हैं और अब प्रधानमंत्री गया में तीसरी सभा करने जा रहे हैं.
पीएम मोदी की बिहार में तीसरी सभा: 16 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गया पहुंच रहे हैं. गया में प्रधानमंत्री जीतन राम मांझी के लिए प्रचार करेंगे और चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. जीतन राम मांझी का मुकाबला पूर्व कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के साथ है. राष्ट्रीय जनता दल ने कुमार सर्वजीत को उम्मीदवार बनाया है.
जीतन राम मांझी के लिए मांगेंगे वोट: गया लोकसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण को समझना भी जरूरी है. गया लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी यादवों के बताई जाती है. लगभग 15% आबादी यादव जाति की है तो मांझी भी यादवों से कम नहीं है और लगभग 14.5% आबादी मांझी जाति की है. गया लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी 10% के आसपास है तो वॉइस वोट 200000 के आसपास और माध्यमिक वोटरों की संख्या ढाई लाख के आसपास है.
औरंगाबाद आएंगे अमित शाह: अमित शाह भी अब मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. गृह मंत्री अमित शाह औरंगाबाद के किले को मजबूत करेंगे. गृह मंत्री अमित शाह आचार संहिता लगने के बाद पहली बार बिहार आ रहे हैं और औरंगाबाद में उनकी पहली चुनावी सभा होने जा रही है. 10 अप्रैल को औरंगाबाद में गृह मंत्री चुनावी सभा को संबोधित करेंगे और भाजपा सांसद सुशील सिंह के लिए वोट मांगेंगे.
वोट बैंक साधने की कोशिश: आपको बता दें कि औरंगाबाद को बिहार का चित्तौड़गढ़ कहा जाता है और राजपूत वोटर वहां निर्णायक होते हैं. वर्तमान में राजपूत समुदाय के सुशील सिंह वहां से सांसद हैं और पिछले दो चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई है. इस बार उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल नेता अभय सिंह कुशवाहा के साथ है.
जातिगत समीकरण: जातिगत समीकरण की अगर बात करें तो औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में 16% आबादी राजपूत की मानी जाती है. 6% भूमिहार जाति की आबादी है और तीन प्रतिशत के आसपास ब्राह्मणों की आबादी है. वहीं 4% आबादी फासियों की है तो 3% पासवान भी हैं. औरंगाबाद में यादव आबादी भी लगभग 10% के आसपास है 9% आबादी अल्पसंख्यकों की है 7% आबादी कोइरी तथा 12% महादलित भी हैं. जातिगत समीकरण के हिसाब से भी औरंगाबाद में कड़े मुकाबले के आसार हैं.
राजनाथ सिंह भी करेंगे प्रचार!: राजनीतिक विश्लेषण डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि "पहले चरण के चुनाव में भाजपा बढ़त बनाना चाहती है.लिहाजा दोनों बड़े नेता बिहार आ रहे हैं. जीतन राम मांझी के लिए प्रधानमंत्री प्रचार करेंगे तो सुशील सिंह के लिए गृह मंत्री प्रचार करेंगे. संभव है कि राजनाथ सिंह भी बिहार के चित्तौड़गढ़ के चुनाव प्रचार करने आएंगे ताकि उनके प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सके."
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