हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण में बाकी बचीं 57 सीटों पर शनिवार एक जून को मतदान होगा. इस चरण में पंजाब की 13, उत्तर प्रदेश की 13, पश्चिम बंगाल की 9, बिहार की आठ, ओडिशा की 6, हिमाचल प्रदेश की 4, झारखंड की 3 और चंडीगढ़ लोकसभा सीट चुनाव होगा. आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई हाईप्रोफाइल उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. हैवीवेट उम्मीदवारों की वजह से ये लोकसभा सीटें चर्चा में हैं. प्रमुख सीटों में वाराणसी, गोरखपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, कांगड़, मंडी, हमीपुर, अमृतसर, बठिंडा, डायमंड हार्बर, बासीरहट, दुमका और चंडीगढ़ शामिल हैं. आइए कुछ प्रमुख सीटों के राजनीतिक समीकरण जानने की कोशिश करते हैं.
वाराणसी लोकसभा सीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी की इस प्रमुख सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने दोनों कार्यकाल में संसद में वाराणसी लोकसभा सीट का प्रतिनिधत्व किया. पिछले चुनाव में पीएम मोदी करीब चार लाख वोटों के अंतर से विजयी हुए थे. उन्होंने कुल 6,74,664 वोट मिले थे. जबकि उनकी निटकतम प्रतिद्वंद्वी सपा की शालिनी यादव को 1,95,159 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं कांग्रेस के अजय राय को 1,52,548 वोट मिले थे.
भाजपा इस बार पीएम मोदी की 10 लाख मतों के अंतर से रिकॉर्ड जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसके लिए भाजपा नेताओं को वाराणसी में डेरा डालने के लिए कहा गया है. वाराणसी सीट से इस बार सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने एक बार फिर अजय राय को चुनाव मैदान में उतारा है. खास बात यह है कि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय इस बार इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में पीएम मोदी का मुकाबला कर रहे हैं. यानी वह कांग्रेस और सपा के संयुक्त प्रत्याशी हैं. बसपा ने अतहर जमाल लारी को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया है.
गोरखपुर लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ संसद में गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधत्व कर चुके हैं. यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट भोजपुरी अभिनेता रवि किशन सांसद चुने गए थे. भाजपा ने इस बार भी रवि किशन पर दांव लगाया है. समाजवादी पार्टी (सपा) की तरफ से काजल निषाद चुनाव मैदान में हैं. बसपा ने जावेद सिमनानी को उम्मीदवार बनाया हैं. पिछले चुनाव में रवि किशन को 7,17,122 वोट मिले थे. वहीं, सपा के रामभुआल निषाद 4,15,458 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे.
गाजीपुर लोकसभा सीट
पूर्वांचल की इस चर्चित सीट से मौजूदा बसपा सांसद अफजाल अंसारी एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, इस बार वह सपा के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. भाजपा ने गाजीपुर से पारसनाथ राय को उम्मीदवार बनाया है. 2019 के चुनाव में सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में अफजाल अंसारी ने भाजपा के मनोज सिन्हा को एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. अफजाल को 5,66,082 वोट मिले थे, जबकि मनोज सिन्हा को 4,46,690 वोट प्राप्त हुए थे.
मंडी लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट खूब चर्चा में है. इसी वजह बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत हैं. पीएम मोदी की समर्थक कंगना को भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट से टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस ने विधायक और मंत्री विक्रमादित्य सिंह को कंगना के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार कर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है. विक्रमादित्य का संबंध हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज घराने से है. उनके पिता दिवंगत वीरभद्र सिंह कई बार इस पहाड़ी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह वर्तमान में कांग्रेस की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में मंडी से भाजपा के रामस्वरूप शर्मा सांसद चुने गए थे. उन्हें 6,47,189 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के आश्रय शर्मा को 2,41,730 वोट प्राप्त हुए थे.
पटना साहिब लोकसभा सीट
बिहार की पटना साहिब सीट से भाजपा ने एक बार फिर वर्तमान सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर दांव लगाया है. कांग्रेस के अंशुल अभिजीत इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. पटना शहर के अतंर्गत आने वाली यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है. 2019 के चुनाव में रविशंकर प्रसाद 6,07,506 वोट हासिल कर विजयी हुए थे, जबकि कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा को 3,22,849 वोट मिले थे. अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न 2009 और 2014 में भाजपा के टिकट पर पटना साहिब से सांसद निर्वाचित हुए थे. लेकिन 2019 के चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
बठिंडा लोकसभा सीट
पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की हरसिमरत कौर बादल और आम आदमी पार्टी (AAP) के गुरमीत सिंह खुदियां के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है. भाजपा की तरफ से परमपाल कौर सिद्धू और कांग्रेस के जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू भी चुनाव मैदान में हैं. हरसिमरत कौर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू हैं. बठिंडा सीट शिअद का गढ़ मानी जाती है. 2009 से हरसिमरत कौर बठिंडा की सांसद हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में वह 4,92,824 वोट हासिल कर विजयी हुई थीं. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को 4,71,052 वोट मिले थे. वहीं 'आप' की प्रो. बलजिंदर कौर 1,34,398 वोट पाई थीं.
चंडीगढ़ लोकसभा सीट
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एकमात्र लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और भाजपा के संजय टंडन के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है.
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