कोलकाता : लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शनिवार को है. इस चरण में प.बंगाल में जिन सीटों पर मतदान होने हैं, उनमें से एक सीट मेदिनीपुर भी है. इस सीट की सबसे अधिक चर्चा हो रही है. इसकी वजह है यहां से भाजपा और टीएमसी, दोनों ने फिल्मी जगत से संबंध रखने वालों को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने अग्निमित्रा पॉल और टीएमसी ने जून मालिया को उम्मीदवार बनाया है.
अग्निमित्रा पॉल श्रीदेवी, ईशा देओल, मिथुन चक्रवर्ती, केके मेनन, सोनाली कुलकर्णी, प्रवीण डबास और सोनल रावत की पर्सनल डिजाइनर रह चुकी हैं. श्रीदेवी के निधन पर पॉल ने कहा था कि उन्होंने अपनी बहन खो दी है. उन्होंने यह भी कहा था कि श्रीदेवी उनकी बहन जैसी थीं, क्योंकि उनके कहने पर ही उन्हें सिनेमा जगत में काम मिला था. अग्निमित्रा इंगा नाम से उनका अपना फैशन ब्रांड है. मिथुन चक्रवर्ती भी उनका प्रचार कर चुके हैं. अग्निमित्रा ने साल 2019 में अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. 2020 में वह विधायक बनीं. वह आसनसोल दक्षिण से विधायक हैं. इंटेरेस्टिंग यह है कि उनका मुकाबला अभिनेत्री जून मालिया है. जून मालिया टीएमसी की उम्मीदवार हैं. मालिया और अग्निमित्रा की दोस्ती 20 साल पुरानी है.
2019 में मेदिनीपुर से भाजपा नेता दिलीप घोष की जीत हुई थी. इस बार घोष आसनसोल से चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि दिलीप घोष एक कद्दावर नेता हैं और उस पूरे क्षेत्र में उनकी छवि अच्छी थी. लेकिन अग्निमित्रा के आ जाने से कार्यकर्ताओं में थोड़ी निराशा है. लेकिन बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं, जिनका मानना है कि जब से पीएम मोदी की यहां पर रैली हुई है, तब से कार्यकर्ताओं में फिर से जोश आ गया है.
अग्निमित्रा ने एक मीडिया चैनल को बताया कि मिथुन दा के रोडशो से टीएमसी इतने चिढ़े हुए थे, कि उनके समर्थकों ने उन पर वाटर बोतल भी फेंकने की कोशिश की थी. जहां तक जून मालिया की बात है, तो ममता बनर्जी ने खुद यह बात कही है कि वह उनकी फेवरिट अभिनेत्री हैं. मालिया अभी भी फिल्मों में काम कर रही हैं. विधायक बनने के बाद भी उन्होंने फिल्म में काम करना नहीं छोड़ा.
मालिया से जब पूछा गया कि वह अपने दोस्त के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, इस पर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संबंध कायम रहते हैं, लेकिन यह चुनाव है और हम पूरी मजबूती के साथ उन्हें चुनाव में हराएंगे. इस सीट से पिछली बार टीएमसी की ओर से मानस भुइंया चुनाव लड़ रहे थे.
मेदिनीपुर 2014 तक सीपीआई का गढ़ था. लेकिन 2014 के बाद से यहां पर टीएमसी मजबूत रही है. मेदिनीपुर कई स्वतंत्रता सेनानियों के लिए जाना जाता है. इनमें खुदीराम बोस और ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसी हस्तियां शामिल हैं.
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