हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए मतदान शुक्रवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. भाजपा इस चुनाव को 2047 में विकसित भारत के लिए मील का पत्थर बता रही है, वहीं विपक्ष लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई बता रहा है. आइए जानते हैं 10 प्रमुख बातें-
- पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हुआ. आम चुनाव के साथ सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई.
- शाम पांच बजे तक 102 सीटों पर कुल 59.71 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 77.57 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया, जबकि बिहार में सबसे कम 46.32 प्रतिशत वोटिंग हुई. त्रिपुरा में 76.10 प्रतिशत, मणिपुर में 68.62 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 65.08 प्रतिशत, तमिलनाडु में 62.08 प्रतिशत, राजस्थान में 50.27 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 57.54 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.56 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 63.25 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया. इससे पहले दोपहर तीन बजे तक कुल 50 फीसदी और दोपहर एक बजे तक कुल 39.9 फीसदी वोटिंग हुई थी.
- पहले चरण की वोटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल में छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. कूचबिहार में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर है. वहीं, हिंसाग्रस्त मणिपुर के बिष्णुपुर में एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी की खबर है. इंफाल पूर्वी जिले में एक मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की गई.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने इस बार 543 लोकसभा सीटों में से 370 जीतने का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी ने एनडीए के लिए 400 सीटें का लक्ष्य तय किया है. पिछले चुनाव में एनडीए ने 353 सीटें जीती थीं, भाजपा को 303 सीटें मिली थीं.
- कांग्रेस के नेतृत्व विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दल कई राज्यों में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. विपक्षी गठबंधन शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एकजुट हुआ है. कांग्रेस अपनी सामाजिक गारंटियों गारंटी और लोगों में सत्ता विरोधी लहर को मुद्दा बनाते हुए चुनाव अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.
- भाजपा पूर्वोत्तर राज्यों की कुल 25 में से 22 सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है. हिंदी राज्यों के साथ भाजपा जम्मू-कश्मीर, गुजरात के साथ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सीटें बढ़ने की उम्मीद कर रही है.
- दक्षिण भारत में भाजपा को कर्नाटक में बड़ी जीत की उम्मीद है, जहां फिलहाल कांग्रेस की सरकार है. पीएम मोदी के नेतृत्व बड़े प्रचार अभियान के साथ भाजपा तमिलनाडु की द्रविड़ राजनीति में भी सेंध लगाने की उम्मीद कर रही है. उसने राज्य की कुछ छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है.
- कांग्रेस इस बार उत्तर भारत में अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करने पर जोर दे रही है. वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल का कहना है कि कांग्रेस इस चुनाव में उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करेगी. तेलंगाना और कर्नाटक में विधानसभा चुनावों में जीत और तमिलनाडु में द्रमुक का साथ मिलने से कांग्रेस को दक्षिण में अच्छे परिणाम की उम्मीद है.
- पहले चरण में आठ केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल समेत कई प्रमुख नेता मैदान में हैं. इस चरण में 20 से अधिक सीटों पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. इनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जितेंद्र सिंह, किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, संजीव बालियान, तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल शामिल हैं.
- 2019 के चुनाव में, यूपीए गठबंधन ने पहले चरण की इन 102 सीटों में से 45 और एनडीए ने 41 सीटें जीती थीं.
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