नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण को लेकर राजनीतिक पार्टियां पुरजोर कोशिश कर रही हैं. इस चरण में महाराष्ट्र की कुछ सीटों पर वोटिंग होनी है. कांग्रेस ने इस चरण के मतदान को लेकर काफी तैयारियां की हैं. बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी एक्शन मोड में आ गए हैं. राहुल गांधी 24 अप्रैल को महाराष्ट्र की सोलापुर और अमरावती लोकसभा सीट पर पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने आ रहे हैं.
महाराष्ट्र के प्रभारी और पार्टी के सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत को बताया कि राहुल गांधी 24 अप्रैल को अमरावती और सोलापुर में रैलियों को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास दोनों सीटों पर जीतने का मजबूत मौका है. उन्होंने आगे कहा कि राहुल ने कुछ दिन पहले अपने चुनावी प्रचार से दूरी बनाई थी क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. इस वजह से वह 21 अप्रैल को सतना और रांची में रैलियों को संबोधित नहीं कर सके और 22 अप्रैल को केरल में तीन रैलियों को रद्द कर दिया.
बता दें, कांग्रेस इस सीट पर जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है क्योंकि यहां पर प्रदेश अध्यक्ष प्रणीति शिंदे का मुकाबला बीजेपी के राम सातपुते से है. वहीं, एक दिलचस्प मुकाबले में सोलापुर से वंचित बहुन अघाड़ी के कैंडीडेट राहुल गायकवाड़ ने सोमवार 22 अप्रैल को अपना नाम वापस ले लिया है. उनका कहना है कि वे वोटों के विभाजन का कारण नहीं बनना चाहते. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे नहीं चाहते कि किसी भी कीमत पर बीजेपी की जीत हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी जीतने के बाद भारत के संविधान को बदल देगी, जो कतई मंजूर नहीं है.
वहीं, पार्टी के सूत्रों से पता चला है कि पिछले 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में, वीबीए को सोलापुर में 1.7 लाख वोट मिले थे और अगर इसका एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस में चला गया, तो यह प्रणीति शिंदे के लिए एक बढ़ावा होगा. बता दें, बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर वंचित बहुजन अगाड़ी के प्रमुख हैं और सीट-बंटवारे को लेकर कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी-एनसीपी-एसपी के साथ बातचीत की थी. उन्होंने 17 मार्च को मुंबई में इंडिया ब्लॉक रैली को भी संबोधित किया था, लेकिन बाद में विपक्षी गठबंधन से इसलिए हट गए क्योंकि वे इन्हें छह सीटें देने के लिए तैयार नहीं थे.
प्रकाश अंबेडकर अकोला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां कांग्रेस के अभय पाटिल और भाजपा के अनूप धोत्रे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. आशीष दुआ ने कहा कि पिछले 2014 और 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में, कांग्रेस ने अकोला में हेदायतुल्ला पटेल को मैदान में उतारा था, जिससे भाजपा को मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने और सीट जीतने में मदद मिली थी. इस बार सबसे पुरानी पार्टी ने मराठा अभय पाटिल को मैदान में उतारा है. इस वजह से नतीजे आश्चर्यजनक होंगे.