पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान के पीएम मोदी द्वारा आरक्षण को मजबूत किए जाने के बयान पर तेजस्वी यादव ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस पर ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है. चिराग पासवान संपन्न दलित हैं, वह आरक्षण क्यों नहीं छोड़ देते. चिराग पासवान को इतिहास की जानकारी नहीं है, इसलिए बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता रखने वाले लोगों के साथ हैं.
'मोदी के हनुमान बने हैं चिराग': तेजस्वी ने कहा कि 'पीएम मोदी ने चिराग पासवान के साथ जो किया है, वह उन्हें याद नहीं है. पीएम ने उनके पिताजी की मूर्ति को फेंकवाया, उनके घर को खाली करवाया, उनकी पार्टी के जो सिंबल को छीनने का काम किया. घर में चाचा-भतीजे में लड़ाई लगवाई, फिर भी चिराग पासवान मोदी जी के हनुमान बने हुए हैं. कोई भी खुदगर्ज आदमी होता मोदी जी के साथ नहीं रहता.'
'चिराग को इतिहास की जानकारी नहीं': तेजस्वी ने कहा कि चिराग पासवान किसी के साथ भी रहने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन आरक्षण के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, ना ही इतिहास की उनको जानकारी है. चिराग पहले थोड़ा आरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त करें, अपने पिताजी रामविलास पासवान के पुराने भाषणों को सुने तब उन्हें बीजेपी की असलियत पता चलेगी.
भटक जाते हैं चिराग-तेजस्वी: तेजस्वी ने कहा कि भाषणों में रामविलास पासवान जी ने साफ तौर पर कहा था कि बीजेपी जो है, वह आरक्षण को समाप्त करना चाहती है. वह दंगाई पार्टी है, जिसकी वजह से उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा तक दे डाला था. यह सब लोग जानते हैं और जहां तक बात चिराग पासवान की है, वह नादान हैं. कोई उन्हें बहलाता-फुसलता है तो भटक जाते हैं.
"रामविलास जी हम सबों के नेता थे. उनके भाषणों को चिराग पासवान सुने और समझे. मोदी जी हैं तो लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है. आंख बंद करके नहीं रहना चाहिए, आंख खोल कर रहना चाहिए. भाजपा के नेता और सांसद बार-बार इस बात को कह रहे हैं, 400 पार लाकर हम संविधान को खत्म करेंगे."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
भाजपा पर मुद्दे की बात नहीं करने का आरोप: तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा हो या और कोई अन्य मुद्दा. किसी पर भाजपा के लोग सही से जवाब नहीं दे रहे हैं. मुद्दे की बात वह लोग नहीं करते हैं और हम बार-बार कहते हैं कि रोजगार की बात हो, गरीबों की भलाई का बात हो, किसानों की बात हो, मजदूरों की बात हो, लेकिन इन सब बातों पर वह चर्चा नहीं करते हैं. कहीं ना कहीं उन्हें इन सब बातों से कोई मतलब नहीं है.
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