मुंबई: बॉम्बे सेशंस कोर्ट ने बॉलीवुड एक्ट्रेस लैला खान के सौतेले पिता परवेज टाक को मर्डर केस में दोषी करार दिया. उन्हें धारा 302 के तहत मौत की सजा सुनाई गई. धारा 201 के तहत सात साल कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माना और जुर्माना न देने पर एक साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.
मामले में सरकार की ओर से वकील पंकज रामचन्द्र चव्हाण ने पैरवी की. परवेज आर्थर रोड जेल की अंडा सेल में बंद है. फैसले के दौरान उनकी मां, पिता, पत्नी और तीन बेटियां अदालत में मौजूद थीं. लैला खान के साथ-साथ उनके चार भाई-बहनों और मां की 2011 में हत्या कर दी गई थी. उन्होंने सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ एक हिंदी फिल्म में काम किया था. 2002 में लैला खान ने अपने करियर की शुरुआत कन्नड़ फिल्मों से की थी.
परवेज के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश रचने, सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया गया था. उसमें उसे दोषी ठहराया गया था. आरोप था कि हत्या नासिक के पास इगतपुरी में लैला के बंगले पर हुई थी.
ये हत्याएं संपत्ति को लेकर हुए विवाद के बाद हुई थीं. परवेज लैला की मां शेलीना का तीसरा पति है. लैला खान की शादी मुनीर खान से हुई थी. ऐसी अफवाह थी कि मुनीर प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन 'हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी' का सदस्य था. इसलिए उस वक्त इस मामले की गंभीरता बढ़ गई थी. लैला खान ने 2008 में वफ़ा-ए डेडली लव स्टोरी में काम किया था. हत्या से पहले वह फिल्म जिन्नात में काम कर रही थीं.
2011 में हुई थी हत्या : 2011 में लैला के सौतेले पिता नादिर पटेल ने मुंबई के ओशिवारा पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आसिफ शेख और परवेज टाक पर शक जताया था.
पुलिस ने इस मामले में आसिफ शेख को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर पूछताछ की थी. लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. लेकिन मोबाइल नेटवर्क जांच से पता चला कि परवेज लैला खान के साथ इगतपुरी में था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
लैला की मां शेलीना आसिफ को अपनी संपत्ति का केयरटेकर बनाने की सोच रही थी. हत्या के बाद परवेज ने उन सभी के शवों को फार्महाउस के पीछे दफना दिया था. हत्या के बाद परवेज कश्मीर स्थित अपने पैतृक गांव चला गया था.
वह वहां व्यापार करने लगा. उसे 8 जुलाई 2012 को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया था. उसी वक्त उसने पुलिस को हत्या की जानकारी दी. उसके बयान के बाद 10 जुलाई 2012 को इगतपुरी के एक फार्महाउस से शव निकाले गए थे.
पहले तो वह बार-बार अपना बयान बदल रहा था. लेकिन अपराध में उसकी संलिप्तता साबित करने के लिए 42 गवाहों ने अदालत में गवाही दी. मामले में दूसरा आरोपी अभी भी फरार है. लैला खान, उनकी मां, भाई-बहनों के अवशेषों की पहचान डीएनए परीक्षण के माध्यम से की गई थी.