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करगिल में पीएम मोदी: लद्दाख के कार्यकर्ता ने अधूरे वादों की याद दिलाई, जानें क्या कहा - Kargil Vijay Diwas

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 26, 2024, 5:52 PM IST

Ladakh activists highlights UT's development: पीएम मोदी ने करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने करगिल के द्रास पहुंचकर शहीदों को नमन किया. वहीं दूसरी तरफ लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता ने पीएम को उस समय किए गए अधूरे वादों की याद दिलाई.

ANI and ETV Bharat
पीएम मोदी करगिल में और राजनीतिक कार्यकर्ता सज्जाद कारगिली (ANI and ETV Bharat)

श्रीनगर: पीएम मोदी करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए 26 जुलाई को लद्दाख पहुंचे. पीएम ने सबसे पहले करगिल जिले के द्रास पहुंचकर शहीदों को नमन किया. इस दौरान लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता ने पीएम को उस समय किए गए अधूरे वादों की याद दिलाई, जब इस क्षेत्र को पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था.

सज्जाद कारगिली ने कहा महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान जरूरी
राजनीतिक कार्यकर्ता सज्जाद कारगिली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में विकास बढ़ा है, फिर भी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनका भारत सरकार को समाधान करने की जरूरत है. पीएम मोदी ने मई 1999 में करगिल जंग के दौरान शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा किया. अपने भाषण में, पीएम ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के विकास पर प्रकाश डाला.

लद्दाख में विश्वविद्यालय, सड़क संपर्क और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे
कारगिली ने कहा कि राज्य और छठी अनुसूची से परे, लद्दाख में विश्वविद्यालय, सड़क संपर्क और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि,'लद्दाख विश्वविद्यालय की स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि यह न तो राज्य विश्वविद्यालय है और न ही केंद्रीय विश्वविद्यालय है. उन्होंने कहा कि, इसे राज्य विश्वविद्यालय घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, लद्दाख में कोई कृषि विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज या आईआईटी नहीं है. सांकू जैसे घनी आबादी वाले इलाकों और तुरतुक जैसे दूरदराज के इलाकों में डिग्री कॉलेजों की मांग हो रही है.

सड़क कनेक्टिविटी जरूरी
वहीं, सड़क कनेक्टिविटी के बारे में कारगिली ने कहा कि सड़क कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है. द्रास-गुरेज, पार्काचिक-पहलगाम और तुरतुक-हनु सड़कों को जोड़ने और बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कारगिल में हवाई कनेक्टिविटी 2019 में भाजपा सरकार द्वारा किया गया एक वादा था और उड़ान योजना के तहत इसकी घोषणा की गई थी, फिर भी मुद्दा अनसुलझा है.

बेरोजगारी का मुद्दा भी चिंताजनक
कारगिली ने कहा कि, 'बेरोजगारी का मुद्दा भी चिंताजनक हैं. पिछले पांच वर्षों में राजपत्रित पदों पर कोई भर्ती नहीं हुई है. हालांकि, मांग के मुताबिक, सरकार जेकेपीएससी के माध्यम से लद्दाख सेवा कैडर की भर्ती करने पर सहमत हुई, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि, लद्दाख सेवा कैडर की भर्ती की तत्काल आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी, बोले- दुश्मनों के नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे

श्रीनगर: पीएम मोदी करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए 26 जुलाई को लद्दाख पहुंचे. पीएम ने सबसे पहले करगिल जिले के द्रास पहुंचकर शहीदों को नमन किया. इस दौरान लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता ने पीएम को उस समय किए गए अधूरे वादों की याद दिलाई, जब इस क्षेत्र को पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था.

सज्जाद कारगिली ने कहा महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान जरूरी
राजनीतिक कार्यकर्ता सज्जाद कारगिली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में विकास बढ़ा है, फिर भी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनका भारत सरकार को समाधान करने की जरूरत है. पीएम मोदी ने मई 1999 में करगिल जंग के दौरान शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा किया. अपने भाषण में, पीएम ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के विकास पर प्रकाश डाला.

लद्दाख में विश्वविद्यालय, सड़क संपर्क और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे
कारगिली ने कहा कि राज्य और छठी अनुसूची से परे, लद्दाख में विश्वविद्यालय, सड़क संपर्क और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि,'लद्दाख विश्वविद्यालय की स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि यह न तो राज्य विश्वविद्यालय है और न ही केंद्रीय विश्वविद्यालय है. उन्होंने कहा कि, इसे राज्य विश्वविद्यालय घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, लद्दाख में कोई कृषि विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज या आईआईटी नहीं है. सांकू जैसे घनी आबादी वाले इलाकों और तुरतुक जैसे दूरदराज के इलाकों में डिग्री कॉलेजों की मांग हो रही है.

सड़क कनेक्टिविटी जरूरी
वहीं, सड़क कनेक्टिविटी के बारे में कारगिली ने कहा कि सड़क कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है. द्रास-गुरेज, पार्काचिक-पहलगाम और तुरतुक-हनु सड़कों को जोड़ने और बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कारगिल में हवाई कनेक्टिविटी 2019 में भाजपा सरकार द्वारा किया गया एक वादा था और उड़ान योजना के तहत इसकी घोषणा की गई थी, फिर भी मुद्दा अनसुलझा है.

बेरोजगारी का मुद्दा भी चिंताजनक
कारगिली ने कहा कि, 'बेरोजगारी का मुद्दा भी चिंताजनक हैं. पिछले पांच वर्षों में राजपत्रित पदों पर कोई भर्ती नहीं हुई है. हालांकि, मांग के मुताबिक, सरकार जेकेपीएससी के माध्यम से लद्दाख सेवा कैडर की भर्ती करने पर सहमत हुई, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि, लद्दाख सेवा कैडर की भर्ती की तत्काल आवश्यकता है.

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