पानीपत: अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 2028 के लॉस एंजिल्स खेलों में लैक्रोस गेम को शामिल करने की मंजूरी दे दी है. भारतीय लैक्रोस गेम के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय मिथुन और राष्ट्रीय जर्नल सेक्रेटरी तौसिफ अहमद लारी हैं. जिन्होंने देश के सभी राज्यों में इसकी टीमें तैयार कर कमेटियों का गठन किया. दोनों ने दिसंबर 2023 में हरियाणा की जिम्मेदारी आर्य पीजी कॉलेज के प्रोफेसर राजेश टूरन को दी है. जिन्हें हरियाणा लैक्रोस गेम का जनरल सेक्रेट्री नियुक्त किया गया है.
17 मार्च से राज्य स्तरीय गेम: प्रोफेसर राजेश ने बताया कि उन्होंने महज 2 महीने में हरियाणा के 10 जिलों से खिलाड़ियों को खेल के लिए तैयार किया है. इन 12 जिलों में पानीपत, जींद, फतेहाबाद, सोनीपत, रोहतक, दादरी, भिवानी, हिसार, करनाल और फरीदाबाद आदि शामिल हैं. सभी जिलों के खिलाड़ियों के लिए वर्कशॉप भी लगाई थी. जहां उन्हें ट्रेनिंग दी गई थी. अब 17 और 18 मार्च को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता होगी.
ये प्रतियोगिता पानीपत के गांव भंडारी में होगी. पहली राज्य स्तरीय इस प्रतियोगिता में अंडर-17, अंडर 19 और 19 साल से अधिक उम्र के खिलाड़ी हिस्सा ले सकते हैं. राज्य स्तरीय गेम के बाद नेशनल चैंपियनशिप 29 से 31 मार्च यूपी के आगरा में होगी.
क्या है लैक्रोस गेम: ये खेल लैक्रोस स्टिक और लैक्रोस बॉल के साथ खेला जाता है. इसकी उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका में 12वीं शताब्दी में हुई थी. इस खेल में खिलाड़ी गेंद को गोल में ले जाने, पास करने, पकड़ने और शूट करने के लिए लैक्रोस स्टिक के सिर का उपयोग करते हैं. खेल के चार संस्करण हैं. जिनमें अलग-अलग छड़ें, फ़ील्ड, नियम और उपकरण हैं. ये फील्ड लैक्रोस, महिला लैक्रोस, बॉक्स लैक्रोस और इंटर क्रॉस हैं.
क्या हैं लैक्रोस गेम के नियम: गेम 45 मिनट का होता है. जिसमें 5 मिनट का ब्रेक होता है. इसके अलावा 8-8 मिनट के पांच राउंड होते हैं. एक टीम को गोल करने के लिए 30 सेकंड का ही समय मिलता है. ये खेल कई दशकों पहले ओलंपिक में शामिल था. ये गेम 1904, 1908 में ओलिंपिक में खेला जा चुका है. 1928, 1932, 1948 में ये गेम डेमो पर था.