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बड़ा खुलासा : Online Video देख अपहरण की रची साजिश, रूस से MBBS करना चाहती थी लड़की - Kota Student Missing Case

Big Reveal, एमपी की छात्रा ने अपने ही अपहरण की साजिश दोस्तों के साथ रच डाली थी. इस योजना को बनाने के लिए उसने सोशल मीडिया का सहारा लिया और वीडियो देखते हुए पूरी योजना को कारित किया. कोटा से गायब हुई छात्रा के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है.

Kota Student Missing Case
कोटा से छात्रा अपहरण मामले में बड़ा खुलासा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 3, 2024, 8:36 PM IST

कोटा सिटी एसपी का बड़ा खुलासा...

कोटा. मध्य प्रदेश के शिवपुरी निवासी छात्रा के परिजनों ने कोटा पुलिस को उसके अपहरण की सूचना दी थी. जिस पर कोटा शहर के विज्ञान नगर थाना पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया था. साथ ही इस मामले में प्रारंभिक तौर पर ही सामने आ गया था कि छात्रा का कोई अपहरण नहीं हुआ है. वह अपने दोस्तों के साथ साजिश कर झूठी अपहरण की कहानी बना रही थी. बुधवार को घटना के दो सप्ताह बाद लड़की और उसके दोस्त को पुलिस ने इंदौर से दस्तयाब कर लिया.

पूरे मामले का खुलासा कर कोटा सिटी एसपी अमृता दुहन ने बताया कि छात्रा का एडमिशन कराने के लिए उसकी मां 3 अगस्त 2022 को कोटा आई थी. मां उसी दिन वापस लौट गई थी, लेकिन छात्रा कोटा में ही रुक गई थी. इसके बाद छात्रा तीन दिन बाद वापस इंदौर लौट गई, जहां पर अपने दोस्तों के साथ रहने लग गई और वहां रह कर ही पढ़ाई कर रही थी. आने वाले दिनों में नीट-यूजी का एग्जाम आने वाला है.

पढ़ें : अपने अपहरण की 'साजिश' रचने वाली MP की छात्रा को इंदौर से किया गया दस्तयाब - Kota Student Missing Case

ऐसे में उसे लग गया था कि यह परीक्षा वह पास नहीं कर पाएगी, जिससे उसका एडमिशन एमबीबीएस के लिए कॉलेज में नहीं हो पाएगा. इसलिए उसने योजना बनाई कि वह रूस से एमबीबीएस कर लेगी. हालांकि, इसके लिए लाखों रुपए का खर्च होगा, जिसके लिए उसने अपने ही अपहरण की साजिश दोस्तों के साथ मिलकर रच डाली. इस योजना को बनाने के लिए उसने सोशल मीडिया का सहारा लिया और उसमें वीडियो देखते हुए योजना को कारित किया.

कानूनी राय के बाद ही होगा मुकदमा : छात्रा ने आने दोस्त के साथ स्वयं के अपहरण की झूठी कहानी रची. इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि अपहरण का मुकदमा पहले दर्ज था. इसमें लड़का और लड़की को दस्तयाब कर लिया गया है. अब लड़की और उसके दोस्त पर क्या कार्रवाई होती है, इसके पहले पुलिस कानूनी राय लेगी. लड़की ने 18 मार्च को अपने खुद के हाथ-पैर बंधा हुआ फोटो दोस्त के मोबाइल से अपने पिता को भेज दिया था.

अमृतसर जाकर गुरुद्वारे में रुके, लंगर में खाया खाना : लड़की के अपहरण की सूचना 18 मार्च को कोटा पुलिस को मिली थी. इस पूरी साजिश में शामिल छात्रा और उसका दोस्त पुलिस के निशाने पर 20 मार्च से ही आ गए थाे. उसके बाद से ही पुलिस ने इस मामले में साफ कर दिया था कि यह अपहरण नहीं है. छात्रा अपने दोस्त के साथ मिलकर ही इस पूरी कहानी को अंजाम दे रही है. उनके एक दोस्त को पुलिस ने दस्तयाब भी किया था, जिसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया था.

हालांकि, इसके बावजूद भी छात्रा और उसका दोस्त पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे थे. पुलिस ने पता लगा लिया था कि वे लोग 19 मार्च को इंदौर में ही थे. ऐसे में पुलिस से बचने के लिए वह बिना टिकट कटाए चंडीगढ़ चले गए, जहां से अमृतसर गए और स्वर्ण मंदिर के गुरुद्वारे में रुक गए. इसके बाद जैसे ही वापस आए, इंदौर पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के जरिए उन्हें पकड़ लिया. इनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए वे गुरुद्वारा अमृतसर में ही रुक गए और लंगर में खाना खाते रहे.

कोटा सिटी एसपी का बड़ा खुलासा...

कोटा. मध्य प्रदेश के शिवपुरी निवासी छात्रा के परिजनों ने कोटा पुलिस को उसके अपहरण की सूचना दी थी. जिस पर कोटा शहर के विज्ञान नगर थाना पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया था. साथ ही इस मामले में प्रारंभिक तौर पर ही सामने आ गया था कि छात्रा का कोई अपहरण नहीं हुआ है. वह अपने दोस्तों के साथ साजिश कर झूठी अपहरण की कहानी बना रही थी. बुधवार को घटना के दो सप्ताह बाद लड़की और उसके दोस्त को पुलिस ने इंदौर से दस्तयाब कर लिया.

पूरे मामले का खुलासा कर कोटा सिटी एसपी अमृता दुहन ने बताया कि छात्रा का एडमिशन कराने के लिए उसकी मां 3 अगस्त 2022 को कोटा आई थी. मां उसी दिन वापस लौट गई थी, लेकिन छात्रा कोटा में ही रुक गई थी. इसके बाद छात्रा तीन दिन बाद वापस इंदौर लौट गई, जहां पर अपने दोस्तों के साथ रहने लग गई और वहां रह कर ही पढ़ाई कर रही थी. आने वाले दिनों में नीट-यूजी का एग्जाम आने वाला है.

पढ़ें : अपने अपहरण की 'साजिश' रचने वाली MP की छात्रा को इंदौर से किया गया दस्तयाब - Kota Student Missing Case

ऐसे में उसे लग गया था कि यह परीक्षा वह पास नहीं कर पाएगी, जिससे उसका एडमिशन एमबीबीएस के लिए कॉलेज में नहीं हो पाएगा. इसलिए उसने योजना बनाई कि वह रूस से एमबीबीएस कर लेगी. हालांकि, इसके लिए लाखों रुपए का खर्च होगा, जिसके लिए उसने अपने ही अपहरण की साजिश दोस्तों के साथ मिलकर रच डाली. इस योजना को बनाने के लिए उसने सोशल मीडिया का सहारा लिया और उसमें वीडियो देखते हुए योजना को कारित किया.

कानूनी राय के बाद ही होगा मुकदमा : छात्रा ने आने दोस्त के साथ स्वयं के अपहरण की झूठी कहानी रची. इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि अपहरण का मुकदमा पहले दर्ज था. इसमें लड़का और लड़की को दस्तयाब कर लिया गया है. अब लड़की और उसके दोस्त पर क्या कार्रवाई होती है, इसके पहले पुलिस कानूनी राय लेगी. लड़की ने 18 मार्च को अपने खुद के हाथ-पैर बंधा हुआ फोटो दोस्त के मोबाइल से अपने पिता को भेज दिया था.

अमृतसर जाकर गुरुद्वारे में रुके, लंगर में खाया खाना : लड़की के अपहरण की सूचना 18 मार्च को कोटा पुलिस को मिली थी. इस पूरी साजिश में शामिल छात्रा और उसका दोस्त पुलिस के निशाने पर 20 मार्च से ही आ गए थाे. उसके बाद से ही पुलिस ने इस मामले में साफ कर दिया था कि यह अपहरण नहीं है. छात्रा अपने दोस्त के साथ मिलकर ही इस पूरी कहानी को अंजाम दे रही है. उनके एक दोस्त को पुलिस ने दस्तयाब भी किया था, जिसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया था.

हालांकि, इसके बावजूद भी छात्रा और उसका दोस्त पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे थे. पुलिस ने पता लगा लिया था कि वे लोग 19 मार्च को इंदौर में ही थे. ऐसे में पुलिस से बचने के लिए वह बिना टिकट कटाए चंडीगढ़ चले गए, जहां से अमृतसर गए और स्वर्ण मंदिर के गुरुद्वारे में रुक गए. इसके बाद जैसे ही वापस आए, इंदौर पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के जरिए उन्हें पकड़ लिया. इनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए वे गुरुद्वारा अमृतसर में ही रुक गए और लंगर में खाना खाते रहे.

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