कोलकाता: आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में अब कोलकाता पुलिस के ASI अनूप दत्ता का नाम भी जुड़ गया है. दरअसल, मामले में गिरफ्तार किए गए नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय और अनूप दत्ता कें संबंध का खुलासा हुआ है. सीबीआई ने मंगलवार को इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए उन्हें तलब किया.
CGO कॉम्प्लेक्स पहुंचने पर अनूप दत्ता को मीडिया का सामना करना पड़ा, जहां मीडियाकर्मियों ने एएसआई से पूछा, "आप संजय को कब से जानते हैं?" हालांकि, वह सवाल का जवाब देने के बजाए से वहां से भागते नजर आए. वह तेजी से सीजीओ कॉम्प्लेक्स में केंद्रीय बलों के सुरक्षा घेरे में घुस गए. इस दौरान एक जवान से उनकी टक्कर भी हुई.
कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है CBI
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर आरजी कर मामले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई मामले में पहले भी कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से शनिवार से पूछताछ चल रही है. मंगलवार को भी वे सीजीओ गए और सीबीआई की पूछताछ का सामना किया. इसके अलावा भी सीबीआई कई जगहों पर जांच के लिए गई है.
#WATCH | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | Accused Sanjoy's Roy close associate sprints and reaches CBI Special Crime Branch office in Kolkata. pic.twitter.com/RQezqhswEj
— ANI (@ANI) August 20, 2024
संजय रॉय के मोबाइल की जांच
इतना ही नहीं मामले में गिरफ्तार किए गए संजय रॉय से भी पूछताछ जारी है. सीबीआई ने उसके मोबाइल फोन की भी जांच की है. संजय रॉय के मोबाइल में कई पुलिसकर्मियों के नंबर मिले हैं. कोलकाता पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अनूप दत्ता का नाम भी इस सूची में शामिल है.
जांचकर्ता अनूप दत्ता से जानना चाहते हैं कि घटना के बाद और उससे पहले संजय की गतिविधियों के बारे में उसे क्या जानकारी थी? संजय रॉय से उसका रिश्ता कब से है? संजय एक नागरिक स्वयंसेवक होते हुए भी कलकत्ता पुलिस बटालियन में कैसे रह रहा था और वह दिन-रात कलकत्ता पुलिस लिखी बाइक कैसे खरीद सकता है? किस पुलिस अधिकारी का संजय से करीबी रिश्ता था? क्या आरजी कार के जघन्य अपराध के बाद संजय उससे मिला था?
जगह-जगह विरोध प्रदर्शन
इस बीच आरजी कर मामले के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का स्वास्थ्य भवन अभियान. पुलिस के विरोध के कारण जुलूस अस्पताल तक नहीं पहुंच सका. प्रदर्शनकारियों ने मांग की, "हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा चाहते हैं. उन्होंने आरजी कर मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? बंगाल की मुख्यमंत्री एक लड़की की सुरक्षा नहीं कर सकती, लेकिन वह अभी भी उस कुर्सी पर क्यों बैठी हैं."
दूसरी ओर बरुईपुर अनुमंडल न्यायालय के वकील आरजी कर घटना के विरोध में सड़कों पर उतर आए. उन्होंने न्याय और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. बैनर और तख्तियां लेकर वकीलों का जुलूस न्यायालय परिसर से निकला.