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ट्रेनी डॉक्टर रेप मर्डर केस: सुरक्षा को लेकर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की हड़ताल फिर से शुरू - Kolkata Doctor Rape Murder Case

Kolkata Doctor Rape Murder Case: ट्रेनी डॉक्टर संग रेप और मर्डर केस को 52 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. देखिए सरकार क्या करती है.

KOLKATA DOCTOR RAPE MURDER CASE
सुरक्षा को लेकर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने पूरी तरह बंद किया काम (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 1, 2024, 10:33 AM IST

Updated : Oct 1, 2024, 11:26 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आर जी कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर संग रेप और मर्डर केस के विरोध में मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों ने पूर्ण रूप से काम बंद कर दिया और प्रदर्शन किया. नाराज डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी पर विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बनाने का फैसला किया है.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने 8 घंटे चली लंबी बैठक के बाद यह फैसला लिया. डॉक्टरों ने कहा कि जब तक हमलोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने अस्पताल की सुरक्षा को मजबूत करने, स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने और अस्पतालों में धमकी और राजनीति को खत्म करने से संबंधित 10 मांगें भी रखी हैं.

पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने एक बयान में कहा कि हम आज से पूर्ण हड़ताल पर लौटने के लिए बाध्य हैं. जब तक हमें सुरक्षा, रोगी सेवाओं और भय की राजनीति पर सरकार से स्पष्ट जवाब नहीं मिलता, तब तक हमारे पास अपनी पूर्ण हड़ताल जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. फ्रंट ने आगे कहा कि हमें एहसास किया है कि सीबीआई जांच कितनी धीमी है. हमने पहले भी कई बार देखा है कि सीबीआई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है, जिससे आरोप दायर करने में देरी के चलते ऐसी घटनाओं में असली दोषियों को राहत मिल जाती है.

डॉक्टरों ने आगे कहा कि इस जघन्य घटना में सुप्रीम कोर्ट ने केवल सुनवाई को स्थगित किया है और कार्यवाही की वास्तविक अवधि को कम कर दिया है. हम इस लंबी न्यायिक प्रक्रिया से निराश और क्रोधित हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य टास्क फोर्स के साथ बैठक बुलाने की उनकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने कहा कि हमारी पांच मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बातचीत हो चुकी है. हमने 26 और 29 जुलाई को अपनी मांगों को दोहराया और मुख्य सचिव से सरकार के लिखित निर्देशों को जल्द लागू करने का आग्रह किया है.

डॉक्टरों ने कहा कि उन ईमेल में हमने मुख्य सचिव से राज्य टास्क फोर्स के साथ बैठक बुलाने का भी अनुरोध किया था, जिसमें जूनियर डॉक्टरों भी शामिल हो. दुर्भाग्य से, राज्य सरकार ने ना केवल ऐसी बैठक बुलाई और उन्होंने हमारे पत्रों का भी कोई जवाब नहीं दिया. नाराजगी जताते हुए डॉक्टरों ने कहा कि 9 अगस्त को हुई इस घटना को 52 दिन बीत चुके हैं, फिर भी सुरक्षा को लेकर हमें कोई जवाब नहीं मिला है.

पढ़ें: कोलकाता रेप मर्डर केस: SC ने CCTV लगाने और अन्य कार्य में धीमी गति पर बंगाल सरकार की खिंचाई की

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आर जी कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर संग रेप और मर्डर केस के विरोध में मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों ने पूर्ण रूप से काम बंद कर दिया और प्रदर्शन किया. नाराज डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी पर विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बनाने का फैसला किया है.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने 8 घंटे चली लंबी बैठक के बाद यह फैसला लिया. डॉक्टरों ने कहा कि जब तक हमलोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने अस्पताल की सुरक्षा को मजबूत करने, स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने और अस्पतालों में धमकी और राजनीति को खत्म करने से संबंधित 10 मांगें भी रखी हैं.

पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने एक बयान में कहा कि हम आज से पूर्ण हड़ताल पर लौटने के लिए बाध्य हैं. जब तक हमें सुरक्षा, रोगी सेवाओं और भय की राजनीति पर सरकार से स्पष्ट जवाब नहीं मिलता, तब तक हमारे पास अपनी पूर्ण हड़ताल जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. फ्रंट ने आगे कहा कि हमें एहसास किया है कि सीबीआई जांच कितनी धीमी है. हमने पहले भी कई बार देखा है कि सीबीआई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है, जिससे आरोप दायर करने में देरी के चलते ऐसी घटनाओं में असली दोषियों को राहत मिल जाती है.

डॉक्टरों ने आगे कहा कि इस जघन्य घटना में सुप्रीम कोर्ट ने केवल सुनवाई को स्थगित किया है और कार्यवाही की वास्तविक अवधि को कम कर दिया है. हम इस लंबी न्यायिक प्रक्रिया से निराश और क्रोधित हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य टास्क फोर्स के साथ बैठक बुलाने की उनकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने कहा कि हमारी पांच मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बातचीत हो चुकी है. हमने 26 और 29 जुलाई को अपनी मांगों को दोहराया और मुख्य सचिव से सरकार के लिखित निर्देशों को जल्द लागू करने का आग्रह किया है.

डॉक्टरों ने कहा कि उन ईमेल में हमने मुख्य सचिव से राज्य टास्क फोर्स के साथ बैठक बुलाने का भी अनुरोध किया था, जिसमें जूनियर डॉक्टरों भी शामिल हो. दुर्भाग्य से, राज्य सरकार ने ना केवल ऐसी बैठक बुलाई और उन्होंने हमारे पत्रों का भी कोई जवाब नहीं दिया. नाराजगी जताते हुए डॉक्टरों ने कहा कि 9 अगस्त को हुई इस घटना को 52 दिन बीत चुके हैं, फिर भी सुरक्षा को लेकर हमें कोई जवाब नहीं मिला है.

पढ़ें: कोलकाता रेप मर्डर केस: SC ने CCTV लगाने और अन्य कार्य में धीमी गति पर बंगाल सरकार की खिंचाई की

Last Updated : Oct 1, 2024, 11:26 AM IST
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