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जानिए- BJP सरकार से क्यों नाराज हैं अयोध्या के व्यापारी, क्या इसीलिए पार्टी को मिली करारी हार - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव में फैजाबाद संसदीय सीट से भाजपा को हार का सामना (lok sabha election 2024) करना पड़ा. आइये जानते हैं कि अयोध्या से भाजपा की पराजय को लेकर व्यापारियों का क्या कहना है?

जानिए अयोध्या के व्यापारी भाजपा सरकार से क्यों हैं नाराज?
जानिए अयोध्या के व्यापारी भाजपा सरकार से क्यों हैं नाराज? (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 10:34 AM IST

Updated : Jun 11, 2024, 12:10 PM IST

जानिए अयोध्या के व्यापारी भाजपा सरकार से क्यों हैं नाराज? (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

अयोध्या : राम पथ के निर्माण के दौरान 13 किलोमीटर के दायरे में तमाम दुकानों और मकानों को तोड़ना पड़ा. इस दौरान मुआवजे को लेकर व्यापारियों और अयोध्या के लोगों में काफी असंतोष भी देखा गया. कई विश्लेषक इसे फैजाबाद संसदीय सीट पर भाजपा की हार से भी जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि व्यापारी इन आरोपों से सहमत नहीं हैं. हां, उनकी अपनी समस्याएं और मुद्दे जरूर हैं. इसे लेकर हमने बात की अयोध्या के व्यापारियों से. देखिए वह क्या कहते हैं.

अयोध्या धाम व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज गुप्ता कहते हैं कि भाजपा की हार का ठीकरा यहां के व्यापारियों पर गलत फोड़ा गया है. यहां के व्यापारियों ने वोट दिया, तभी यहां की विधानसभा सीट से लल्लू सिंह जी जीते हैं. हां, यह सही है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. हम लोगों की दुकानें चौड़ीकरण में तोड़ी गईं. मुआवजे के नाम पर ठगा गया. एक-दो लाख रुपये देकर हम लोगों को संतुष्ट कर दिया गया. फिर भी हम लोग दो दिन दुकानें बंद किए रहे. जन प्रतिनिधि और कोई अधिकारी नहीं आया.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने आपस में बैठक की कि 'राम जी के वास्ते, दे दो रास्ते.' हमने यह नीति अपनाई और अपने-अपने कागज दिए. 22 जनवरी को यहां उद्घाटन हुआ. व्यापार बढ़ा, लेकिन यहां के व्यापारियों और नागरिकों को उपेक्षित भी होना पड़ा. किसी भी कार्यक्रम में कोई भी निमंत्रण स्थानीय लोगों को नहीं दिया गया. हार का सबसे बड़ा कारण वोटों का ध्रुवीकरण होना है. भाजपा का बूथ मैनेजमेंट बहुत खराब था. बीएलओ और सरकारी तंत्र पर विश्वास करना सबसे बड़ा कारण है भाजपा की हार का.


एक अन्य स्थानीय नेता कहते हैं कि 13 किलोमीटर के राम पथ निर्माण में 800 दुकानदार पूरी तरह से विस्थापित हो गए हैं. विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने एक बैठक की थी और कहा था कि व्यापारियों को दुकान के बदले दुकान दी जाएगी, बिना कोई पैसा लिए. इसी भरोसे में आकर लोगों ने उनको वोट दिया और यहां से वेद प्रकाश गुप्ता विजयी हुए. हालांकि, चुनाव जीतने के बाद एक लाख रुपये देकर आपकी दुकानें छीन ली गईं. अब 20 से 25 लाख रुपये लेकर दुकानें अलग एलाॅट की जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि आप सोचिए एक गरीब व्यापारी जो रोज कमाता रोज खाता है, वह लाखों रुपये कहां से लाएगा. यहां सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल के कारण भी बहुत समस्याएं हैं. आप देख लीजिए अयोध्या जिले के नंबर वाली गाड़ियां यहां बहुत कम दिखाई देंगी. सारी वीवीआईपी गाड़ियां वेद मंदिर के किनारे से संघ वाले ले जाकर दर्शन कराते हैं. स्थानीय लोग बहुत ही पीड़ा में हैं इस समय. यदि हमारा कोई रिश्तेदार आ गया, तो वह अंतर घुस नहीं सकता है गाड़ी के साथ.



एक व्यापारी कहते हैं कि भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर सबसे ज्यादा यहां के व्यापारियों को प्रताड़ित किया है. लोगों की दुकानें छीन ली गईं. मुआवजा भी भीख की तरह से मिला है. अभी भी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है. उसमें भी लोगों ने लाखों रुपये से अपने घर बनवाए हैं, लेकिन मुआवजा नाम मात्र को दिया जा रहा है. लोगों ने वोट तो किया है, लेकिन किसी में उत्साह नहीं था. एक युवा व्यापारी कहते हैं कि उन्हें मुआवजे में बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ा है. कोई सुनवाई नहीं होती है. उन लोगों को लगता है कि अब व्यापारियों के वोट की जरूरत नहीं है. यही सब कारण हैं कि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. मुआवजे की सरकार ने कोई सही नीति ही नहीं बनाई है. एक स्थानीय युवा बताते हैं कि पहले तो यहां स्कूल बस तक नहीं चलने दी जा रही थी. अब बस तो चलने लगी है, लेकिन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ है. हम लोगों को कॉलेज भी पीछे से घूमकर जाना पड़ता है. अपना प्रवेश पत्र दिखाने के बाद भी नहीं जाने देते थे.

यह भी पढ़ें : अयोध्या में बीजेपी की शर्मनाक हार पर यह बोले संत, क्या जातिवाद-भितरघात रही बड़ी वजह? - Reason for BJP defeat in Ayodhya

यह भी पढ़ें : अयोध्या में क्यों हारी भाजपा; पार्टी के दिग्गज कहां रहे फेल, क्या रहा सपा की जीत का मंत्र - BJP Loose Ayodhya

जानिए अयोध्या के व्यापारी भाजपा सरकार से क्यों हैं नाराज? (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

अयोध्या : राम पथ के निर्माण के दौरान 13 किलोमीटर के दायरे में तमाम दुकानों और मकानों को तोड़ना पड़ा. इस दौरान मुआवजे को लेकर व्यापारियों और अयोध्या के लोगों में काफी असंतोष भी देखा गया. कई विश्लेषक इसे फैजाबाद संसदीय सीट पर भाजपा की हार से भी जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि व्यापारी इन आरोपों से सहमत नहीं हैं. हां, उनकी अपनी समस्याएं और मुद्दे जरूर हैं. इसे लेकर हमने बात की अयोध्या के व्यापारियों से. देखिए वह क्या कहते हैं.

अयोध्या धाम व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज गुप्ता कहते हैं कि भाजपा की हार का ठीकरा यहां के व्यापारियों पर गलत फोड़ा गया है. यहां के व्यापारियों ने वोट दिया, तभी यहां की विधानसभा सीट से लल्लू सिंह जी जीते हैं. हां, यह सही है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. हम लोगों की दुकानें चौड़ीकरण में तोड़ी गईं. मुआवजे के नाम पर ठगा गया. एक-दो लाख रुपये देकर हम लोगों को संतुष्ट कर दिया गया. फिर भी हम लोग दो दिन दुकानें बंद किए रहे. जन प्रतिनिधि और कोई अधिकारी नहीं आया.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने आपस में बैठक की कि 'राम जी के वास्ते, दे दो रास्ते.' हमने यह नीति अपनाई और अपने-अपने कागज दिए. 22 जनवरी को यहां उद्घाटन हुआ. व्यापार बढ़ा, लेकिन यहां के व्यापारियों और नागरिकों को उपेक्षित भी होना पड़ा. किसी भी कार्यक्रम में कोई भी निमंत्रण स्थानीय लोगों को नहीं दिया गया. हार का सबसे बड़ा कारण वोटों का ध्रुवीकरण होना है. भाजपा का बूथ मैनेजमेंट बहुत खराब था. बीएलओ और सरकारी तंत्र पर विश्वास करना सबसे बड़ा कारण है भाजपा की हार का.


एक अन्य स्थानीय नेता कहते हैं कि 13 किलोमीटर के राम पथ निर्माण में 800 दुकानदार पूरी तरह से विस्थापित हो गए हैं. विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने एक बैठक की थी और कहा था कि व्यापारियों को दुकान के बदले दुकान दी जाएगी, बिना कोई पैसा लिए. इसी भरोसे में आकर लोगों ने उनको वोट दिया और यहां से वेद प्रकाश गुप्ता विजयी हुए. हालांकि, चुनाव जीतने के बाद एक लाख रुपये देकर आपकी दुकानें छीन ली गईं. अब 20 से 25 लाख रुपये लेकर दुकानें अलग एलाॅट की जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि आप सोचिए एक गरीब व्यापारी जो रोज कमाता रोज खाता है, वह लाखों रुपये कहां से लाएगा. यहां सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल के कारण भी बहुत समस्याएं हैं. आप देख लीजिए अयोध्या जिले के नंबर वाली गाड़ियां यहां बहुत कम दिखाई देंगी. सारी वीवीआईपी गाड़ियां वेद मंदिर के किनारे से संघ वाले ले जाकर दर्शन कराते हैं. स्थानीय लोग बहुत ही पीड़ा में हैं इस समय. यदि हमारा कोई रिश्तेदार आ गया, तो वह अंतर घुस नहीं सकता है गाड़ी के साथ.



एक व्यापारी कहते हैं कि भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर सबसे ज्यादा यहां के व्यापारियों को प्रताड़ित किया है. लोगों की दुकानें छीन ली गईं. मुआवजा भी भीख की तरह से मिला है. अभी भी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है. उसमें भी लोगों ने लाखों रुपये से अपने घर बनवाए हैं, लेकिन मुआवजा नाम मात्र को दिया जा रहा है. लोगों ने वोट तो किया है, लेकिन किसी में उत्साह नहीं था. एक युवा व्यापारी कहते हैं कि उन्हें मुआवजे में बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ा है. कोई सुनवाई नहीं होती है. उन लोगों को लगता है कि अब व्यापारियों के वोट की जरूरत नहीं है. यही सब कारण हैं कि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. मुआवजे की सरकार ने कोई सही नीति ही नहीं बनाई है. एक स्थानीय युवा बताते हैं कि पहले तो यहां स्कूल बस तक नहीं चलने दी जा रही थी. अब बस तो चलने लगी है, लेकिन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ है. हम लोगों को कॉलेज भी पीछे से घूमकर जाना पड़ता है. अपना प्रवेश पत्र दिखाने के बाद भी नहीं जाने देते थे.

यह भी पढ़ें : अयोध्या में बीजेपी की शर्मनाक हार पर यह बोले संत, क्या जातिवाद-भितरघात रही बड़ी वजह? - Reason for BJP defeat in Ayodhya

यह भी पढ़ें : अयोध्या में क्यों हारी भाजपा; पार्टी के दिग्गज कहां रहे फेल, क्या रहा सपा की जीत का मंत्र - BJP Loose Ayodhya

Last Updated : Jun 11, 2024, 12:10 PM IST
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