लखनऊः नीट (NEET) पेपर लीक को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन के साथ राजनीति हो रही है. वहीं, इस मामले में लगातार नए खुलासे भी हो रहे हैं. अब इस केस में रवि अत्री का नाम सामने आया है. बताया जा रहा है कि रवि अत्री ही असली मास्टर माइंड है, जो अपने साथियों से पटना में पेपर लीक कराया था. रवि अत्री वही है, जो यूपी पुलिस पेपर लीक का मास्टर माइंड था और वर्तमान में मेरठ की जेल में बंद है. एसटीएफ ने शुक्रवार को ही रवि अत्री समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में जार्जशीट दाखिल की है. ग्रेटर नोएडा का रहने वाला रवि अत्री 'पेपर लीक' का माहिर खिलाड़ी है. आइए जानते हैं कि एमबीबीएस करते-करते कैसे साल्वर और पेपर लीक का मास्टर माइंड बन गया.
बचपन से ही अमीर और डॉक्टर बनने का सपना था
ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव का रहने वाला रवि अत्री बचपन से होशियार और पढ़ने में अच्छा था. रवि अपनी मां के साथ खेत में भी किताबें साथ लेकर जाता था. वह अपने परिजनों और दोस्तों से कहता था कि एक दिन वह बहुत अमीर आदमी बनेगा. रवि की शुरू ही डॉक्टर बनने की इच्छा थी. इसलिए श्रीराम मॉडल इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान के कोटा में मेडिकल एंट्रेस एग्जाम की तैयारी करने चला गया था. यहां पर उसने कोचिंग सेंटर में एडमिशन लेकर तैयारी करने लगा. इसी दौरान सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया और पेपर लीक कराने के गुर सीखा. कोटा आने के एक साल बाद 2007 में रवि ने पहली बार सॉल्वर बना और रेलवे, बैंक की परीक्षा में दूसरे की जगह बैठकर पेपर साल्व किया था.
चीटिंग से एमबीबीएस में लिया था एडमिशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रवि ने 2012 में चीटिंग से हरियाणा प्री-मेडिकल टेस्ट पास कर लिया था और PGIMS-रोहतक में एडमिशन ले लिया. इस काम में मोहित चौधरी नाम ने मदद की थी. इसी साल रवि को मेडिकल एग्जाम पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन बाद में जमानत पर छूट गया था. जेल से छूटने के कुछ दिन बाद फिर एसबीआई का पेपर लीक कराने के मामले में गिरफ्तार हो गया. बताया जाता है कि रवि ने MBBS की थर्ड ईयर तक तो पढ़ाई की लेकिन फाइनल ईयर का पेपर नहीं दिया. इसके बाद से पूरी तरह से साल्वर और पेपर लीक कराने के धंधे में उतर गया.
पूरी जांच-पड़ताल और प्लानिंग से कराता है पेपर लीक
पुलिस की पूछताछ में रवि अत्री के बारे में जो जानकारी सामने आई है, वह प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर छपने और ट्रांसपोर्ट कंपनी से लेकर इससे जुड़े कर्मचारियों के बारे में पहले पता लगा लेता था. इसके बाद पूरी प्लानिंग के साथ पूरे गिरोह को सक्रिय कर पेपर लीक करवाता था. यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के अलावा आरओ-एआरओ परीक्षा के साथ कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करवाने में रवि की अहम भूमिका रही है. अभी तक तीन बार जेल भी जा चुका है. यूपी पुलिस का पेपर लीक कराने के मामले में एसटीएफ ने रवि को नोएडा से ही गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से जेल में बंद है.