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कौन हैं जयराम महतो? सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, आंदोलन से निकलकर बने राजनेता - JAIRAM MAHTO

जयराम महतो का जन्म 27 दिसंबर 1994 को धनबाद जिले के मानटांड गांव में हुआ था.उनके पिता एक आंदोलनकारी थे.

जयराम महतो
जयराम महतो (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 9, 2024, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड की डुमरी से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के विधायक जयराम महतो ने विवादों में घिर गए हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर महतो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह किसी नाजिर को चेतावनी देते नजर आ रहे हैं. जब मीडिया ने इस वीडियो को लेकर जयराम महतो से सवाल किया तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह वीडियो उनका ही है.

जब मीडिया कर्मियों ने उनसे पूछा कि क्या किसी जन प्रतिनिधि को इस तरह की भाषा बोलनी चाहिए.तो उन्होंने ऐसी भाषा बोलना उचित नहीं है, लेकिन आपको यह जानना जरूरी है कि वह जिस नाजिर को धमकी दे रहे थे, उसने एक गरीब मजदूर से 10 हजार रुपये की रिश्वत ली है.

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब जयराम महतो चर्चा में हैं. हाल ही में वह नंगे पैर विधानसभा पहुंचे थे. इसको लेकर वह सुर्खियों में आ गए थे. इस दौरान उनके हाथ में एक लाल डायरी थी.विधानसभा में दाखिल होने से पहले उन्होंने डायरी को बायीं ओर रखा और घुटने के बल बैठकर सिर झुकाया.विधानसभा के प्रवेश द्वार को नमन किया.

कौन हैं जयराम महतो?
जयराम महतो का जन्म 27 दिसंबर 1994 को धनबाद जिले के मानटांड गांव में हुआ था.उनके पिता एक आंदोलनकारी थे. उनकी अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी. जयराम की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई. फिर पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज, धनबाद से उन्होंने इंग्लिश ऑनर्स में मास्टर्स किया.

राजनीति में एंट्री कैसे हुई?
झारखंड सरकार ने दिसंबर 2021 को एक अधिसूचना जारी की थी.इसमें राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए झारखंड की बाहरी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की लिस्ट में रखा गया था.इसको लेकर झारखंड में आंदोलन शुरू हो गया. इस अधिसूचना से नाराज स्थानीय युवाओं ने कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और इन्हीं प्रदर्शन के दौरान जयराम महतो का नाम निकलकर आया, क्योंकि वे कई जगहों पर युवाओं का नेतृत्व कर रहे थे.

जयराम लगातार भाषा, स्थानीयता और रोजगार के मुद्दे पर मुखर रहे हैं. साल 2023 में उन्होंने ‘झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति’ के नाम से एक संगठन बनाया और आगे चलकर उनका राजनीतिक दल ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ (JLKM) रजिस्टर हो गया.

यह भी पढ़ें- हम क्या 'लॉलीपॉप' खाएंगे? ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी नेताओं पर कसा तंज, लोगों से की बड़ी अपील

नई दिल्ली: झारखंड की डुमरी से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के विधायक जयराम महतो ने विवादों में घिर गए हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर महतो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह किसी नाजिर को चेतावनी देते नजर आ रहे हैं. जब मीडिया ने इस वीडियो को लेकर जयराम महतो से सवाल किया तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह वीडियो उनका ही है.

जब मीडिया कर्मियों ने उनसे पूछा कि क्या किसी जन प्रतिनिधि को इस तरह की भाषा बोलनी चाहिए.तो उन्होंने ऐसी भाषा बोलना उचित नहीं है, लेकिन आपको यह जानना जरूरी है कि वह जिस नाजिर को धमकी दे रहे थे, उसने एक गरीब मजदूर से 10 हजार रुपये की रिश्वत ली है.

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब जयराम महतो चर्चा में हैं. हाल ही में वह नंगे पैर विधानसभा पहुंचे थे. इसको लेकर वह सुर्खियों में आ गए थे. इस दौरान उनके हाथ में एक लाल डायरी थी.विधानसभा में दाखिल होने से पहले उन्होंने डायरी को बायीं ओर रखा और घुटने के बल बैठकर सिर झुकाया.विधानसभा के प्रवेश द्वार को नमन किया.

कौन हैं जयराम महतो?
जयराम महतो का जन्म 27 दिसंबर 1994 को धनबाद जिले के मानटांड गांव में हुआ था.उनके पिता एक आंदोलनकारी थे. उनकी अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी. जयराम की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई. फिर पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज, धनबाद से उन्होंने इंग्लिश ऑनर्स में मास्टर्स किया.

राजनीति में एंट्री कैसे हुई?
झारखंड सरकार ने दिसंबर 2021 को एक अधिसूचना जारी की थी.इसमें राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए झारखंड की बाहरी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की लिस्ट में रखा गया था.इसको लेकर झारखंड में आंदोलन शुरू हो गया. इस अधिसूचना से नाराज स्थानीय युवाओं ने कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और इन्हीं प्रदर्शन के दौरान जयराम महतो का नाम निकलकर आया, क्योंकि वे कई जगहों पर युवाओं का नेतृत्व कर रहे थे.

जयराम लगातार भाषा, स्थानीयता और रोजगार के मुद्दे पर मुखर रहे हैं. साल 2023 में उन्होंने ‘झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति’ के नाम से एक संगठन बनाया और आगे चलकर उनका राजनीतिक दल ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ (JLKM) रजिस्टर हो गया.

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