रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के 69 घंटे के भीतर एनडीए ने सीट शेयरिंग का एलान कर मानसिक बढ़त हासिल कर ली है. भाजपा को 68, आजसू को 10, जदयू को 02 और लोजपा को 01 सीट मिली है. नीतीश की पार्टी जदयू के खाते में जमशेदपुर पश्चिम और तमाड़ सीट गई है.
सीट शेयरिंग में सबसे ज्यादा फायदा आजसू को मिला है. 2014 में आजसू को एनडीए में 08 सीटें मिली थी. इनमें से पांच सीटों पर आजसू के प्रत्याशी जीते थे. इस बार आजसू को 10 सीटें मिली हैं. खास बात है कि भाजपा ने लोजपा को एससी के लिए रिजर्व चतरा सीट दे दी है. यहां से भाजपा जीतती रही है. वर्तमान में सिर्फ इसी सीट पर राजद का कब्जा है. 2014 में लोजपा को गठबंधन के तहत एसटी के लिए रिजर्व शिकारीपाड़ा सीट मिली थी, जहां लोजपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई थी.
इस सीट शेयरिंग से साफ हो गया है कि भाजपा 28 में से 25 एसटी और 9 में से 07 एससी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. क्योंकि एसटी के लिए रिजर्व लोहरदगा, मनोहरपुर और तमाड़ के अलावा एससी के लिए रिजर्व जुगसलाई और चतरा सीट सहयोगी दलों के खाते में गई है.
हिमंता ने की सीट शेयरिंग की घोषणा
झारखंड विधानसभा चुनाव प्रभारी सह केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चारों दल मिलकर झारखंड में चुनाव लड़ेंगे और इंडिया गठबंधन के कुशासन का अंत करने के बाद ही चैन की सांस लेंगे. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सीट शेयरिंग की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आजसू के साथ सीटों पर सहमति बनी है. इनमें सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, ईचागढ़, मांडू, जुगसलाई, डुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर सीट शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जदयू को जमशेदपुर पश्चिम और तमाड़ सीट मिली है जबकि लोजपा को चतरा सीट दी गई है.
एक-दो सीटों पर इधर-उधर हो सकता है- हिमंता
हालांकि हिमंता बिस्वा सरमा ने यह बात भी कही कि एक-दो सीटों पर इधर-उधर हो सकता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बड़कागांव सीट पर भाजपा लड़ेगी. अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस सीट पर बीच का रास्ता निकाला गया है क्योंकि आजसू यहां से लड़ना चाह रहा था. संभावना है कि 2019 में बड़कागांव से आजसू के प्रत्याशी रहे रौशन लाल चौधरी को भाजपा अपना प्रत्याशी बना सकती है. पिछले चुनाव में रौशन लाल चौधरी दूसरे और भाजपा प्रत्याशी लोकनाथ महतो तीसरे स्थान पर रहे थे.
कब जारी होगी प्रत्याशियों की सूची?
अब सवाल था कि प्रत्याशियों की लिस्ट कब जारी होगी. क्योंकि हिमंता बिस्वा ने खुद कहा था कि चुनाव की घोषणा होने के 48 घंटे के भीतर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इस मसले पर उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग को तय करना सबसे प्रमुख काम था. यह काम पूरा हो गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि केंद्रीय चुनाव कमेटी महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड की पहली सूची जारी कर देगी. यह काम परसों यानी 20 अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव बाबूलाल मरांडी, सुदेश महतो, चंपाई सोरेन, अमर बाउरी समेत सभी बड़े नेताओं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि झामुमो और कांग्रेस की लिस्ट जारी नहीं हुई है. इसलिए उस हिसाब से एक-दो सीटों की अदला-बदली को लेकर संभावना का द्वार खोलकर रखा गया है.
वर्तमान सरकार से निजात चाहती है जनता- सुदेश
आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने भाजपा दफ्तर से हेमंत सरकार पर निशाना साधा. हर वर्ग वर्तमान सरकार के कुशासन से निजात चाह रहा है. लोग कल्याणकारी सरकार चाहते है. यहां ना शासन है और ना विकास है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता दोनों दलों को एक साथ देखना चाहती है. इस चुनाव में गठबंधन के तहत हर विषय को साथ लेकर जनता के बीच जाएंगे. सुदेश महतो ने भी कहा कि कुछ सीटों पर चर्चा चल रही है. इसका भी हल निकल आएगा.
हेमंत सरकार ने सिर्फ ठगा- बाबूलाल मरांडी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के उन पुराने वादों का जिक्र किया जो आजतक अधूरे हैं. उन्होंने कहा कि 2022 में भारत में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में झारखंड प्रथम स्थान पर रहा. सरकार आदिवासियों की बात करती है लेकिन यहां आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है. सेना की जमीन तक को बेच डाला. पूरे झारखंड में 1951 में 36 प्रतिशत आदिवासी थे. आज आदिवासी आबादी सिर्फ 26 प्रतिशत है. संथाल में 1951 में 44 प्रतिशत आदिवासी थे. आज वहां आदिवासी की संख्या 28 प्रतिशत है. आदिवासी समाज चिंतित है. उन्होंने कहा कि बताने के बाद भी सरकार वोट के लिए कुछ नहीं कर रही है. इसलिए रोटी, बेटी और माटी को बचाना है.
विलंब से हुआ संयुक्त प्रेस कांफ्रेस, सुदेश ने दी सफाई
सुबह 8 बजे भाजपा की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया था कि भाजपा कार्यालय में 11 बजे आजसू के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस होगा. इससे साफ हो गया था कि सीट शेयरिंग की घोषणा होनी है. भाजपा दफ्तर में बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी पहुंचे लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में विलंब होने लगा. इसी बीच भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा आजसू प्रमुख सुदेश महतो के आवास पर पहुंच गये. इसको आजसू की नाराजगी के एंगल से देखा जाने लगा.
इसके बाद 1 बजकर 40 मिनट पर दोनों दलों के प्रमुख नेताओं के प्रेस कांफ्रेंस में आते ही सारे कयासों पर विराम लग गया. रुठने के मसले पर सुदेश महतो ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि हमने गठबंधन में इस शब्द को कभी जन्म लेने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर एक शब्द आपने गठबंधन के खिलाफ ना आजसू से सुना होगा ना भाजपा से.
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