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जानें कौन हैं चंपई सोरेन, जो होंगे झारखंड के नए मुख्यमंत्री

Jharkhand new CM Champai Soren. चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया है.

CM Champai Soren
CM Champai Soren
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2024, 8:51 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 9:17 PM IST

रांची: सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं. विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया है. चंपई सोरेन सोरेन परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं. इसलिए हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद सोरेन परिवार ने उन पर भरोसा जताया है.

चंपई सोरेन लगातार 4 बार से सरायकेला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, इससे पूर्व वर्ष 2000 में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी अनंत राम टुडू ने इन्हें शिकस्त दी थी. उसके बाद से वे लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं. वर्ष 2010, 2013 और 2019 में वे झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.

सामान्य किसान परिवार से आते हैं चंपई सोरेन: अपने चार भाई-बहनों में चंपई सोरेन सबसे बड़े हैं. उनके पिता सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित जिलिंगगोरा गांव में खेती करते थे. चंपई भी अपने पिता की मदद करते थे. चंपई ने 10वीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. इसी बीच कम उम्र में ही उनकी शादी मानको से हो गई. शादी के बाद चंपई के 3 बेटे और 2 बेटियां हुईं.

झारखंड आंदोलन में निभाई अहम भूमिका: चंपई सोरेन का झारखंड आंदोलन में भी बड़ा योगदान है. जब अलग राज्य झारखंड की मांग तेज होने लगी और आंदोलन शुरू किया गया. तब झारखंड में शिबू सोरेन के साथ चंपई भी आंदोलन में शामिल हो गये. जल्द ही वह 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर हो गये. इसके बाद चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गये.

बीजेपी सरकार में भी रहे मंत्री: 2010 से 2013 के दौरान बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल 129 दिन की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और अहम मंत्रालय दिए गए. चंपई सोरेन 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. लेकिन फिर झामुमो की सरकार बनी और उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्रालय का पदभार सौंपा गया. वे 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक मंत्री रहे.

इसके बाद जब 2019 में फिर झामुमो की सरकार बनी और हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने तो उन्हें फिर मंत्री बनाया गया. इस बार उन्हें परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया है. इसके साथ ही चंपई सोरेन झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं. अब जब जमीन घोटाला मामले में ईडी की जांच के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, तो उन्हें झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, चंपई सोरेन बनेंगे नए सीएम

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रांची: सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं. विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया है. चंपई सोरेन सोरेन परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं. इसलिए हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद सोरेन परिवार ने उन पर भरोसा जताया है.

चंपई सोरेन लगातार 4 बार से सरायकेला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, इससे पूर्व वर्ष 2000 में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी अनंत राम टुडू ने इन्हें शिकस्त दी थी. उसके बाद से वे लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं. वर्ष 2010, 2013 और 2019 में वे झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.

सामान्य किसान परिवार से आते हैं चंपई सोरेन: अपने चार भाई-बहनों में चंपई सोरेन सबसे बड़े हैं. उनके पिता सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित जिलिंगगोरा गांव में खेती करते थे. चंपई भी अपने पिता की मदद करते थे. चंपई ने 10वीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. इसी बीच कम उम्र में ही उनकी शादी मानको से हो गई. शादी के बाद चंपई के 3 बेटे और 2 बेटियां हुईं.

झारखंड आंदोलन में निभाई अहम भूमिका: चंपई सोरेन का झारखंड आंदोलन में भी बड़ा योगदान है. जब अलग राज्य झारखंड की मांग तेज होने लगी और आंदोलन शुरू किया गया. तब झारखंड में शिबू सोरेन के साथ चंपई भी आंदोलन में शामिल हो गये. जल्द ही वह 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर हो गये. इसके बाद चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गये.

बीजेपी सरकार में भी रहे मंत्री: 2010 से 2013 के दौरान बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल 129 दिन की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और अहम मंत्रालय दिए गए. चंपई सोरेन 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. लेकिन फिर झामुमो की सरकार बनी और उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्रालय का पदभार सौंपा गया. वे 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक मंत्री रहे.

इसके बाद जब 2019 में फिर झामुमो की सरकार बनी और हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने तो उन्हें फिर मंत्री बनाया गया. इस बार उन्हें परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया है. इसके साथ ही चंपई सोरेन झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं. अब जब जमीन घोटाला मामले में ईडी की जांच के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, तो उन्हें झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है.

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Last Updated : Jan 31, 2024, 9:17 PM IST
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