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जानिए कौन हैं स्वामी कैलाशानंद गिरि? जिन्हें स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने बनाया आध्यात्मिक गुरु - LAURENE POWELL JOBS MAHAKUMBH 2025

प्रयागराज महाकुंभ में कल्पवास कर रहीं लॉरेन पॉवेल जॉब्स, स्वामी कैलाशानंद गिरि को बनाया गुरु, 22-22 घंटे करते हैं कठिन साधना

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लॉरेन पॉवेल के आध्यात्मिक गुरू (फोटो- X@MahaKumbh_2025/Facebook@Swami Kailashanand Giri ji/X@ANI)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 13, 2025, 7:58 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 10:48 PM IST

किरन कांत शर्मा, देहरादून: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ का आगाज हो गया है. यह सनातन धर्म की समृद्ध संस्कृति का विशाल और भव्य उत्सव है, जिसके तहत देश और दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं. इस बार यह महाकुंभ यूपी के प्रयागराज में हो रहा है. जिसमें हिस्सा लेने के लिए प्रसिद्ध अमेरिकी कारोबारी और एप्पल के सह-संस्थापक रहे स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी पहुंचीं हुई हैं, जिसकी चर्चाएं चारों ओर हो रही है. लॉरेन ने प्रयागराज कुंभ में न केवल आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि को अपना गुरु बनाया है, बल्कि कल्पवास कर सनातन के प्रति अपनी आस्था को भी जताया है.

चर्चाओं में आए स्वामी कैलाशानंद गिरि: दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में से एक लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में आकर न केवल अपने परिवार बल्कि, उनके जैसे अन्य लोगों को भी ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार ऐसा सनातन धर्म में है क्या? जिसके प्रति वो आकर्षित हुई हैं. निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें नया नाम 'कमला' दिया है. साथ ही अपना गोत्र देकर एक नई दिशा दिखाई है. अब लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिरकार स्वामी कैलाशानंद गिरि कौन हैं? जिनके प्रभाव में आकर लॉरेन पॉवेल जॉब्स से कमला बन गईं.

Laurene Powell Jobs
प्रयागराज में लॉरेन पॉवेल जॉब्स (फोटो सोर्स- X@ANI)

अखाड़े में किस पद पर हैं कैलाशानंद गिरि? स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज इस वक्त निरंजनी अखाड़े के सबसे बड़े या यूं कहें कि सर्वोच्च पद पर आसीन हैं. वे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और निरंजन पीठाधीश्वर हैं. धर्म के जानकार प्रतीक मिश्र पुरी कहते हैं जिस तरह से किसी भी देश में प्रधानमंत्री के ऊपर राष्ट्रपति होता है, उसी तरह से संतों में भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष एक उपाधि होती है. मौजूदा समय में शंकराचार्य सर्वोच्च पद पर आसीन हैं. इन्हें संतों का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है.

शंकराचार्य के बाद सभी 13 अखाड़ों के अपने-अपने आचार्य महामंडलेश्वर होते हैं. जूना अखाड़े के मौजूदा समय में अवधेशानंद गिरि आचार्य महामंडलेश्वर हैं. जिनका देश और दुनिया में अपना मुकाम है. इसी तरह से निरंजनी अखाड़े के आचार्य अभी महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि हैं. कैलाशानंद साल 2021 में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बने. इससे पहले वे अग्नि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर भी कुछ समय तक रह चुके हैं. उससे पहले वे महामंडलेश्वर के पद पर आसीन थे.

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आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि (फोटो सोर्स- swamikailashanandgiriji.in)

कहां जन्मे कैलाशानंद गिरि? स्वामी कैलाशानंद गिरि का जन्म एक जनवरी 1976 को बिहार के जमुई में हुआ था. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले कैलाशानंद गिरि ने बचपन में ही अपना घर बार छोड़ दिया था. वे भगवान की भक्ति में इस कदर रम गए कि फिर कभी परिवार की तरफ देखा ही नहीं. जूना अखाड़ा से जुड़े संत हठ योगी कहते हैं कि वैसे एक संत के लिए कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जब संत या अखाड़े के साथ जुड़ता है तो वो अपना पिंडदान कर देता है यानी साधु संत बनने के बाद वो परिवार की मोह माया से ऊपर हो जाता है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

वेद, पाठ, पुराणों के ज्ञान में होना पड़ता है निपुण: संत या साधु बनने के बाद वो सिर्फ समाज, देश और भगवान की भक्ति के लिए जीता है. आचार्य महामंडलेश्वर बनने के लिए वेद, पाठ, पुराणों का ज्ञान सभी में निपुण होना पड़ता है. कठिन परीक्षा और परिश्रम के बाद ही शंकराचार्य और आचार्य महामंडलेश्वर जैसी उपाधियों पर बैठा जा सकता है.

कठिन साधना से प्रभावित हैं लोग: मौजूदा समय में कैलाशानंद गिरि हरिद्वार के चंडी घाट स्थित काली मंदिर के प्रमुख हैं. दक्षिण काली मंदिर नाम से प्रसिद्ध यह ऐतिहासिक स्थल लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद को प्रसिद्धि ऐसे ही हासिल नहीं हुई, बल्कि उनकी ओर किए गए तप, साधना और समर्पण को लोगों ने बेहद करीब से देखा है.

सावन और नवरात्रों के दिनों में स्वामी कैलाशानंद गिरि पूरे महीने विशेष पूजा अर्चना करते हैं, जिसमें लगभग एक ही आसन में बैठकर वे 22 से 24 घंटे तक कठिन तप करते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव का विशेष रूप से अभिषेक देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरि की बात करने का अंदाज हो या मिलने का, वो उन्हें विशेष बनाता है. आध्यात्मिक रूप से हर मुद्दे पर उनकी बेबाक पकड़ लोगों को उनसे जोड़ती है. फिलहाल, उनके पास यूपी और उत्तराखंड सरकार की ओर से सुरक्षा दी गई है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि और पीएम मोदी का मिलन (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

क्या कहते हैं भक्त? आश्रम से जुड़े और स्वामी कैलाशानंद गिरि के भक्त ओमप्रकाश जमदग्नि कहते हैं उन्होंने स्वामी कैलाशानंद गिरि को शुरुआती दिनों से देखा है, जब वे साल 2007 में पहली बार हरिद्वार आए थे. स्वामी जी इससे पहले बरेली और लखनऊ में रहा करते थे, लेकिन जब साल 2007 में उन्हें हरिद्वार में कालीमठ की जिम्मेदारी दी गई, उसके बाद न केवल मंदिर का बल्कि, आसपास का भी स्वरूप पूरी तरह से बदल गया.

ओमप्रकाश जमदग्नि ने कहते हैं कोई व्यक्ति 22 घंटे तक एक आसन पर बैठकर इतनी कठिन तपस्या कैसे कर सकता है? उन्हें देख कर हैरानी होती है. वो खुद भी उनके साथ कई बार पूजन में शामिल हुए हैं, लेकिन एक घंटा तक आसन पर बैठना, उनके लिए मुश्किल हो जाता है. उनका मिलनसार बर्ताव हर किसी को अपना बनाता है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के चरणों में यो यो हनी सिंह (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

यही कारण है कि आज पूरा हरिद्वार शहर उन्हें अपना गुरु मानता है. हफ्ते के सातों दिन मंदिर में जितनी भीड़ माता के दर्शनों के लिए लगती है, उतनी ही भीड़ उनसे मिलने वालों की भी लगी रहती है. उन्हें बेहद खुशी है कि बाबा ने कुंभ मेले में भी हर आयोजन की तरह भक्ति की धारा बहानी शुरू कर दी है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ कंगना रनौत और विधायक उमेश कुमार (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

कई बड़ी हस्तियां हैं कैलाशानंद गिरि के भक्त: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के भक्तों में कई ऐसे नामचीन हस्तियां हैं, जिनकी काफी फैन फॉलोइंग और पहचान है. जो समय-समय पर हरिद्वार स्थित काली मंदिर में स्वामी कैलाशानंद गिरि से मिलने पहुंचते हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरि के शुरुआती शिष्य की अगर बात करें तो उत्तर प्रदेश में रहने के बाद उनसे अखिलेश परिवार जुड़ा. वे अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के भी आध्यात्मिक गुरु हैं.

इसके अलावा दिवंगत राजनेता अमर सिंह का भी उनसे गहरा लगाव था. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कई बार मुलायम सिंह यादव का परिवार उनसे हरिद्वार में आकर मिला तो कभी उन्हें अपने लखनऊ स्थित आवास पर बुलाया. हर छोटे-बड़े आयोजन में स्वामी कैलाशानंद गिरि साथ दिखते रहे हैं.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में अभिनेत्री कंगना रनौत (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में भी स्वामी कैलाशानंद गिरि को देखा गया. जब वे वर-वधु को आशीर्वाद देने के बाद मुकेश अंबानी से मिल रहे थे. टीवी कलाकार या खेल जगत की बात करें तो सुरेश रैना से लेकर प्रवीण यादव और ऋषभ पंत भी उनका आशीर्वाद ले चुके हैं. बीते कुछ समय से रैपर और सिंगर यो यो हनी सिंह भी लगातार कम बैक करने से पहले उनके आश्रम में पहुंचकर उनसे आशीर्वाद लेते हुए दिखाई दिए हैं.

बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत भी केदारनाथ से लेकर हरिद्वार आश्रम में उनका प्रवचन सुनने के लिए पहुंच चुकी हैं. उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जब भी दौरा हुआ, तब भी उन्हें सरकार ने आमंत्रित किया. कई बड़े आयोजनों में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर हरियाणा, बिहार और यूपी के मुख्यमंत्री हो या उद्योग जगत के बड़े नाम उनके यहां आते रहे हैं.

Prayagraj Mahakumbh 2025
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जुटी भक्तों की भीड़ (फोटो सोर्स- X@MahaKumbh_2025)

महाकुंभ में कल्पवास करेंगी लॉरेन पॉवेल जॉब्स: बता दें कि स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स उर्फ कमला निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में महाकुंभ में कल्पवास करेंगी. जिसमें गंगा स्नान से लेकर सभी नियमों का पालन करेंगी. गौर हो कि उनके पति स्टीव जॉब्स का भी उत्तराखंड से नाता रहा है. वे नैनीताल स्थित कैंची धाम में बाबा नीम करौली के आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. जहां से उनके जीवन में परिवर्तन आ गया था.

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चर्चाओं में आए स्वामी कैलाशानंद गिरि: दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में से एक लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में आकर न केवल अपने परिवार बल्कि, उनके जैसे अन्य लोगों को भी ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार ऐसा सनातन धर्म में है क्या? जिसके प्रति वो आकर्षित हुई हैं. निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें नया नाम 'कमला' दिया है. साथ ही अपना गोत्र देकर एक नई दिशा दिखाई है. अब लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिरकार स्वामी कैलाशानंद गिरि कौन हैं? जिनके प्रभाव में आकर लॉरेन पॉवेल जॉब्स से कमला बन गईं.

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अखाड़े में किस पद पर हैं कैलाशानंद गिरि? स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज इस वक्त निरंजनी अखाड़े के सबसे बड़े या यूं कहें कि सर्वोच्च पद पर आसीन हैं. वे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और निरंजन पीठाधीश्वर हैं. धर्म के जानकार प्रतीक मिश्र पुरी कहते हैं जिस तरह से किसी भी देश में प्रधानमंत्री के ऊपर राष्ट्रपति होता है, उसी तरह से संतों में भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष एक उपाधि होती है. मौजूदा समय में शंकराचार्य सर्वोच्च पद पर आसीन हैं. इन्हें संतों का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है.

शंकराचार्य के बाद सभी 13 अखाड़ों के अपने-अपने आचार्य महामंडलेश्वर होते हैं. जूना अखाड़े के मौजूदा समय में अवधेशानंद गिरि आचार्य महामंडलेश्वर हैं. जिनका देश और दुनिया में अपना मुकाम है. इसी तरह से निरंजनी अखाड़े के आचार्य अभी महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि हैं. कैलाशानंद साल 2021 में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बने. इससे पहले वे अग्नि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर भी कुछ समय तक रह चुके हैं. उससे पहले वे महामंडलेश्वर के पद पर आसीन थे.

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आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि (फोटो सोर्स- swamikailashanandgiriji.in)

कहां जन्मे कैलाशानंद गिरि? स्वामी कैलाशानंद गिरि का जन्म एक जनवरी 1976 को बिहार के जमुई में हुआ था. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले कैलाशानंद गिरि ने बचपन में ही अपना घर बार छोड़ दिया था. वे भगवान की भक्ति में इस कदर रम गए कि फिर कभी परिवार की तरफ देखा ही नहीं. जूना अखाड़ा से जुड़े संत हठ योगी कहते हैं कि वैसे एक संत के लिए कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जब संत या अखाड़े के साथ जुड़ता है तो वो अपना पिंडदान कर देता है यानी साधु संत बनने के बाद वो परिवार की मोह माया से ऊपर हो जाता है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

वेद, पाठ, पुराणों के ज्ञान में होना पड़ता है निपुण: संत या साधु बनने के बाद वो सिर्फ समाज, देश और भगवान की भक्ति के लिए जीता है. आचार्य महामंडलेश्वर बनने के लिए वेद, पाठ, पुराणों का ज्ञान सभी में निपुण होना पड़ता है. कठिन परीक्षा और परिश्रम के बाद ही शंकराचार्य और आचार्य महामंडलेश्वर जैसी उपाधियों पर बैठा जा सकता है.

कठिन साधना से प्रभावित हैं लोग: मौजूदा समय में कैलाशानंद गिरि हरिद्वार के चंडी घाट स्थित काली मंदिर के प्रमुख हैं. दक्षिण काली मंदिर नाम से प्रसिद्ध यह ऐतिहासिक स्थल लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद को प्रसिद्धि ऐसे ही हासिल नहीं हुई, बल्कि उनकी ओर किए गए तप, साधना और समर्पण को लोगों ने बेहद करीब से देखा है.

सावन और नवरात्रों के दिनों में स्वामी कैलाशानंद गिरि पूरे महीने विशेष पूजा अर्चना करते हैं, जिसमें लगभग एक ही आसन में बैठकर वे 22 से 24 घंटे तक कठिन तप करते हैं. सावन के महीने में भगवान शिव का विशेष रूप से अभिषेक देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरि की बात करने का अंदाज हो या मिलने का, वो उन्हें विशेष बनाता है. आध्यात्मिक रूप से हर मुद्दे पर उनकी बेबाक पकड़ लोगों को उनसे जोड़ती है. फिलहाल, उनके पास यूपी और उत्तराखंड सरकार की ओर से सुरक्षा दी गई है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि और पीएम मोदी का मिलन (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

क्या कहते हैं भक्त? आश्रम से जुड़े और स्वामी कैलाशानंद गिरि के भक्त ओमप्रकाश जमदग्नि कहते हैं उन्होंने स्वामी कैलाशानंद गिरि को शुरुआती दिनों से देखा है, जब वे साल 2007 में पहली बार हरिद्वार आए थे. स्वामी जी इससे पहले बरेली और लखनऊ में रहा करते थे, लेकिन जब साल 2007 में उन्हें हरिद्वार में कालीमठ की जिम्मेदारी दी गई, उसके बाद न केवल मंदिर का बल्कि, आसपास का भी स्वरूप पूरी तरह से बदल गया.

ओमप्रकाश जमदग्नि ने कहते हैं कोई व्यक्ति 22 घंटे तक एक आसन पर बैठकर इतनी कठिन तपस्या कैसे कर सकता है? उन्हें देख कर हैरानी होती है. वो खुद भी उनके साथ कई बार पूजन में शामिल हुए हैं, लेकिन एक घंटा तक आसन पर बैठना, उनके लिए मुश्किल हो जाता है. उनका मिलनसार बर्ताव हर किसी को अपना बनाता है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के चरणों में यो यो हनी सिंह (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

यही कारण है कि आज पूरा हरिद्वार शहर उन्हें अपना गुरु मानता है. हफ्ते के सातों दिन मंदिर में जितनी भीड़ माता के दर्शनों के लिए लगती है, उतनी ही भीड़ उनसे मिलने वालों की भी लगी रहती है. उन्हें बेहद खुशी है कि बाबा ने कुंभ मेले में भी हर आयोजन की तरह भक्ति की धारा बहानी शुरू कर दी है.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ कंगना रनौत और विधायक उमेश कुमार (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

कई बड़ी हस्तियां हैं कैलाशानंद गिरि के भक्त: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के भक्तों में कई ऐसे नामचीन हस्तियां हैं, जिनकी काफी फैन फॉलोइंग और पहचान है. जो समय-समय पर हरिद्वार स्थित काली मंदिर में स्वामी कैलाशानंद गिरि से मिलने पहुंचते हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरि के शुरुआती शिष्य की अगर बात करें तो उत्तर प्रदेश में रहने के बाद उनसे अखिलेश परिवार जुड़ा. वे अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के भी आध्यात्मिक गुरु हैं.

इसके अलावा दिवंगत राजनेता अमर सिंह का भी उनसे गहरा लगाव था. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कई बार मुलायम सिंह यादव का परिवार उनसे हरिद्वार में आकर मिला तो कभी उन्हें अपने लखनऊ स्थित आवास पर बुलाया. हर छोटे-बड़े आयोजन में स्वामी कैलाशानंद गिरि साथ दिखते रहे हैं.

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स्वामी कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में अभिनेत्री कंगना रनौत (फोटो सोर्स- Facebook@Swami Kailashanand Giri ji)

मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में भी स्वामी कैलाशानंद गिरि को देखा गया. जब वे वर-वधु को आशीर्वाद देने के बाद मुकेश अंबानी से मिल रहे थे. टीवी कलाकार या खेल जगत की बात करें तो सुरेश रैना से लेकर प्रवीण यादव और ऋषभ पंत भी उनका आशीर्वाद ले चुके हैं. बीते कुछ समय से रैपर और सिंगर यो यो हनी सिंह भी लगातार कम बैक करने से पहले उनके आश्रम में पहुंचकर उनसे आशीर्वाद लेते हुए दिखाई दिए हैं.

बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत भी केदारनाथ से लेकर हरिद्वार आश्रम में उनका प्रवचन सुनने के लिए पहुंच चुकी हैं. उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जब भी दौरा हुआ, तब भी उन्हें सरकार ने आमंत्रित किया. कई बड़े आयोजनों में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर हरियाणा, बिहार और यूपी के मुख्यमंत्री हो या उद्योग जगत के बड़े नाम उनके यहां आते रहे हैं.

Prayagraj Mahakumbh 2025
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जुटी भक्तों की भीड़ (फोटो सोर्स- X@MahaKumbh_2025)

महाकुंभ में कल्पवास करेंगी लॉरेन पॉवेल जॉब्स: बता दें कि स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स उर्फ कमला निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में महाकुंभ में कल्पवास करेंगी. जिसमें गंगा स्नान से लेकर सभी नियमों का पालन करेंगी. गौर हो कि उनके पति स्टीव जॉब्स का भी उत्तराखंड से नाता रहा है. वे नैनीताल स्थित कैंची धाम में बाबा नीम करौली के आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. जहां से उनके जीवन में परिवर्तन आ गया था.

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Last Updated : Jan 13, 2025, 10:48 PM IST
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