पटना: आज से बिहार में एनडीए सरकार की वापसी हो गई है. नीतीश कुमार की अगुवाई में आज नई सरकार का शपथ ग्रहण हो रहा है. जिसमें बीजेपी की तरह से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले रहे हैं. सम्राट चौधरी को उनके समर्थक 'बिहार का योगी' बताते हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तो उनको भावी सीएम तक बता चुके हैं.
राबड़ी सरकार में मंत्री रहे सम्राट चौधरी: राष्ट्रीय जनता दल से अपनी सियासी पारी का आगाज करने वाले 54 वर्षीय सम्राट चौधरी पहली बार साल 1999 में खगड़िया के परबत्ता से विधायक बने थे. वह राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रहे थे. बाद में वह जीतनराम मांझी के साथ चले गए. हालांकि बाद के दिनों में उन्होंने मांझी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया.
2020 में भी बने थे मंत्री: सम्राट चौधरी 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बनी एनडीए की सरकार में भी मंत्री बने थे. नीतीश कैबिनेट में उनको पंचायती राज विभाग का जिम्मा मिला था. उन्हीं के कार्यकाल में बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न हुआ था.
कोइरी जाति से आते हैं सम्राट चौधरी: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कोइरी जाति (कुशवाहा) से आते हैं. बिहार में लव-कुश यानी कुर्मी और कुशवाहा जाति पर नीतीश कुमार की पकड़ मानी जाती है. वैसे में बीजेपी ने 27 मार्च 2023 को सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर नीतीश के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की थी.
माता-पिता भी राजनीति में: सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी का करीबी संबंध आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और नीतीश कुमार से भी रहा है. वह खगड़िया से विधायक और सांसद भी रहे थे. सम्राट चौधरी की मां पार्वती देवी भी तारापुर विधानसभा सीट से विधायक रहीं थीं.
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