तिरुवनंतपुरम: केरल के तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर में त्वचा रोग से पीड़ित शेर के लिए अमेरिका से दवा मंगाई गई. यह दवा छह साल की शेरनी ग्रेसी के लिए अमेरिका से मंगाई गई थी. त्रिवेंद्रम चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक निकेश किरण ने बताया कि ग्रेसी कुछ वर्षों से क्रोनिक एटोपिक डर्माटाइटिस बीमारी से पीड़ित है.
उन्होंने कहा, अमेरिका में बनी एंटीबायोटिक 'सेफोवासिन' (Cefovacin) की चार खुराकें मंगाई गई हैं. इस दवा की कीमत 10,000 रुपये प्रति खुराक है. डॉ. निकेश किरण ने बताया कि जोइटिस (Zoetis) नामक कंपनी के जरिये यह दवा मंगाई गई है.
शेरनी ग्रेसी का जन्म इसी चिड़ियाघर में हुआ है, लेकिन उसके पिछले पैरों में समस्या हो गई थी, जिसका इलाज चल रहा है. ठीक होने के बाद उसे चेन्नई के वेंडाल्लूर चिड़ियाघर में शिफ्ट किया जाएगा. इसकी जगह पर दूसरी शेरनी को तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर लाया जाएगा. यह स्थानांतरण आनुवंशिक रूप से बेहतर शिशुओं को जन्म देने के उद्देश्य से 'ब्लड लाइन एक्सचेंज' कार्यक्रम का हिस्सा होगा.
तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर में वर्तमान में तीन शेर हैं. ग्रेसी के अलावा, चिड़ियाघर में नायला (7) नामक एक मादा शेर और लियो (5) नामक एक नर शेर भी है. ग्रेसी का इलाज पशु चिकित्सक निकेश किरण के नेतृत्व में जिला पशु चिकित्सा केंद्र के डॉ. अश्वथी वीजी, डॉ. अजू अलेक्जेंडर और डॉ. हारिस की एक टीम द्वारा किया जा रहा है.
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