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गर्भवती घोड़ी को पीटने वालों को पकड़ने में नाकाम केरल पुलिस, साइबर सेल की ले रही मदद - Pregnant Mare Beaten in Kerala

केरल पुलिस बीते गुरुवार को एक गर्भवती घोड़ी को पीटने वाले आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही है. अब पुलिस साइबर सेल की मदद से इन आरोपियों की तलाश कर रही है.

Pregnant mare beaten in Kerala
केरल में गर्भवती घोड़ी को पीटा (फोटो - ETV Bharat Kerala)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 29, 2024, 2:59 PM IST

कोल्लम: केरल पुलिस कोल्लम जिले में एक गर्भवती घोड़ी पर हुए क्रूर हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए अपने साइबर सेल की मदद ले रही है. जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोल्लम के पल्लीमुक्कू में एक मंदिर के पास पांच महीने की गर्भवती घोड़ी को बुरी तरह पीटा गया. इस मारपीट का दिल-दहलाने वाला सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था.

घटना के बाद, घोड़ी के मालिक, कोल्लम के वडक्के विला पल्लीमुक्कू निवासी शानवास ने सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने के लिए मंदिर के अधिकारियों से संपर्क किया. मंदिर के अधिकारियों और घोड़ी के मालिक शानवास दोनों वह सीसीटीवी फुटेज देखी, जिसमें उन्होंने पाया कि छह लोग बांस की छड़ियों से घोड़ी पर बेरहमी से हमला कर रहे हैं. शानवास ने बाद में इरावीपुरम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बावजूद, पुलिस ने चार दिन बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. विशेष शाखा के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और अब आरोपियों का पता लगाने के लिए साइबर सेल के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं. रविवार को घोड़ी को स्वास्थ्य जांच के लिए थेवल्ली जिला पशु चिकित्सा केंद्र ले जाया गया.

वहीं दूसरी ओर कोल्लम जिला पंचायत के अध्यक्ष पीके गोपन ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन घोड़े के इलाज के लिए घर पर ही व्यवस्था कर रहा है. गोपन ने ईटीवी भारत को बताया कि 'घोड़े की गंभीर सूजन और पैर में गंभीर चोट को देखते हुए अस्पताल तक इतनी लंबी दूरी तय करना अनावश्यक है. इसलिए घर पर ही इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.'

पशु कल्याण मंत्री जे चिंजू रानी ने भी इस क्रूर हमले की निंदा की. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने केरल में पशु क्रूरता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कानूनी तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने पुष्टि की कि पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम 1960 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें तीन महीने तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है.

मंत्री ने पुलिस को दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. स्थानीय निवासियों ने मंत्री सहित उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बावजूद गिरफ्तारी में देरी पर निराशा व्यक्त की है. नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने बताया कि हमले के लिए जिम्मेदार गिरोह में एक ज्ञात कापा आरोपी शामिल है.

कोल्लम: केरल पुलिस कोल्लम जिले में एक गर्भवती घोड़ी पर हुए क्रूर हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए अपने साइबर सेल की मदद ले रही है. जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोल्लम के पल्लीमुक्कू में एक मंदिर के पास पांच महीने की गर्भवती घोड़ी को बुरी तरह पीटा गया. इस मारपीट का दिल-दहलाने वाला सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था.

घटना के बाद, घोड़ी के मालिक, कोल्लम के वडक्के विला पल्लीमुक्कू निवासी शानवास ने सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने के लिए मंदिर के अधिकारियों से संपर्क किया. मंदिर के अधिकारियों और घोड़ी के मालिक शानवास दोनों वह सीसीटीवी फुटेज देखी, जिसमें उन्होंने पाया कि छह लोग बांस की छड़ियों से घोड़ी पर बेरहमी से हमला कर रहे हैं. शानवास ने बाद में इरावीपुरम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बावजूद, पुलिस ने चार दिन बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. विशेष शाखा के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और अब आरोपियों का पता लगाने के लिए साइबर सेल के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं. रविवार को घोड़ी को स्वास्थ्य जांच के लिए थेवल्ली जिला पशु चिकित्सा केंद्र ले जाया गया.

वहीं दूसरी ओर कोल्लम जिला पंचायत के अध्यक्ष पीके गोपन ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन घोड़े के इलाज के लिए घर पर ही व्यवस्था कर रहा है. गोपन ने ईटीवी भारत को बताया कि 'घोड़े की गंभीर सूजन और पैर में गंभीर चोट को देखते हुए अस्पताल तक इतनी लंबी दूरी तय करना अनावश्यक है. इसलिए घर पर ही इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.'

पशु कल्याण मंत्री जे चिंजू रानी ने भी इस क्रूर हमले की निंदा की. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने केरल में पशु क्रूरता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कानूनी तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने पुष्टि की कि पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम 1960 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें तीन महीने तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है.

मंत्री ने पुलिस को दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. स्थानीय निवासियों ने मंत्री सहित उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बावजूद गिरफ्तारी में देरी पर निराशा व्यक्त की है. नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने बताया कि हमले के लिए जिम्मेदार गिरोह में एक ज्ञात कापा आरोपी शामिल है.

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