ETV Bharat / bharat

टीपी चन्द्रशेखरन हत्या मामले में आरोपियों को केरल हाई कोर्ट ने सुनाई दोहरी उम्रकैद की सजा

Kerala High Court, TP Chandrasekaran murder case, टीपी चन्द्रशेखरन हत्या मामले में केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया. अदालत ने 1 से 5 और 7वें आरोपी को दोहरी उम्रकैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. इसके अलावा छठे आरोपी को उम्रकैद और छह माह की सजा सुनाई.

Kerala High Court
केरल हाई कोर्ट
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 27, 2024, 10:05 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल हाई कोर्ट ने टीपी चन्द्रशेखरन की हत्या के मामले में आरोपियों को मौत की सजा नहीं सुनाई. हाई कोर्ट ने इस मामले में 1 से 5 और 7वें आरोपी को दोहरी उम्रकैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. हाई कोर्ट ने एक से पांच आरोपियों एमसी अनूप, मनोज कुमार (किरमानी मनोज), एनके सुनील कुमार (कोडी सुनी), टीके राजिश और एमके मुहम्मद शफी और सातवें आरोपी के शिनोज की सजा को बरकरार रखा.

उच्च न्यायालय ने उन पर हत्या के आरोप के अलावा साजिश करने का दोषी पाया, जिसके बाद अदालत ने उनकी सजा दोहरी उम्रकैद में परिवर्तित कर दिया. जानकारी के अनुसार ट्रायल कोर्ट ने उन्हें केवल हत्या का दोषी ठहराया था. अदालत के आदेश से यह स्पष्ट हो गया कि अभियुक्तों को मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा, भले ही यह अत्यंत बर्बर हत्या थी.

हाई कोर्ट ने छठे आरोपी को उम्रकैद और छह महीने की सजा सुनाई है. हाई कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया है कि सात साल तक के आरोपियों को अगले 20 साल तक सजा की अवधि में कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए.

10वें आरोपी केके कृष्णन (पूर्व ओंचियम एरिया कमेटी) और 12वें आरोपी ज्योति बाबू (पूर्व कुन्नोथ परंब लोकल कमेटी) को भी केरल हाई कोर्ट ने हत्या की साजिश का दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. उच्च न्यायालय ने यह भी फैसला सुनाया कि वे दोनों अपनी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए पैरोल के लिए आवेदन कर सकते हैं.

तिरुवनंतपुरम: केरल हाई कोर्ट ने टीपी चन्द्रशेखरन की हत्या के मामले में आरोपियों को मौत की सजा नहीं सुनाई. हाई कोर्ट ने इस मामले में 1 से 5 और 7वें आरोपी को दोहरी उम्रकैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. हाई कोर्ट ने एक से पांच आरोपियों एमसी अनूप, मनोज कुमार (किरमानी मनोज), एनके सुनील कुमार (कोडी सुनी), टीके राजिश और एमके मुहम्मद शफी और सातवें आरोपी के शिनोज की सजा को बरकरार रखा.

उच्च न्यायालय ने उन पर हत्या के आरोप के अलावा साजिश करने का दोषी पाया, जिसके बाद अदालत ने उनकी सजा दोहरी उम्रकैद में परिवर्तित कर दिया. जानकारी के अनुसार ट्रायल कोर्ट ने उन्हें केवल हत्या का दोषी ठहराया था. अदालत के आदेश से यह स्पष्ट हो गया कि अभियुक्तों को मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा, भले ही यह अत्यंत बर्बर हत्या थी.

हाई कोर्ट ने छठे आरोपी को उम्रकैद और छह महीने की सजा सुनाई है. हाई कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया है कि सात साल तक के आरोपियों को अगले 20 साल तक सजा की अवधि में कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए.

10वें आरोपी केके कृष्णन (पूर्व ओंचियम एरिया कमेटी) और 12वें आरोपी ज्योति बाबू (पूर्व कुन्नोथ परंब लोकल कमेटी) को भी केरल हाई कोर्ट ने हत्या की साजिश का दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. उच्च न्यायालय ने यह भी फैसला सुनाया कि वे दोनों अपनी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए पैरोल के लिए आवेदन कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.