नई दिल्ली: भूस्खलन प्रभावित वायनाड में सर्च और बचाव अभियान अभी भी जारी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को केरल सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि स्थानीय सरकार के संरक्षण में अवैध मानव निवास और अवैध खनन गतिविधियां चल रही हैं. मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार को इकोसेंसिटिव जोन के लिए एक योजना बनानी चाहिए.
यादव ने कहा, " स्थानीय नेताओं ने इस क्षेत्र पर अतिक्रमण की अनुमति दी है. यह एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है. हमने पहले ही पूर्व वन महानिदेशक संजय कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की. उन्होंने केरल सरकार के साथ सामंजस्य किया है. हमें लगता है कि यह राज्य सरकार की गलती है. स्थानीय सरकार के संरक्षण में अवैध मानव निवास और अवैध खनन गतिविधि चल रही है."
इकोसेंसिटिव जोन के लिए योजना बनानी चाहिए
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि केरल सरकार को इकोसेंसिटिव जोन के लिए योजना बनानी चाहिए. साथ ही राज्य सरकार को पूर्व वन महानिदेशक संजय कुमार की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट भी पेश करनी चाहिए.
इकोसेंसिटिव जोन में नहीं होना चाहिए खनन
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक भूपेंद्र यादव ने कहा कि इकोसेंसिटिव जोन में अवैध बस्ती और खनन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, "अवैध बस्ती और खनन के कारण हमें नुकसान उठाना पड़ा. हमने इकोसेंसिटिव जोन के लिए एक समिति बनाई है. लंबे समय से राज्य सरकार समिति से बच रही है, जो उन्हें नहीं करना चाहिए."
बचाव और राहत का काम जारी
केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान सोमवार को लगातार सातवें दिन भी जारी रहा. राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2 अगस्त तक मरने वालों की संख्या 308 हो चुकी है. बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में भीषण भूस्खलन हुआ था, जिससे भारी तबाही हुई और जान-माल का नुकसान हुआ था.
भूपेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान पर भी बात की और कहा कि अभियान को दो महीने हो चुके हैं. उन्होंने कहा, "मैं सभी संगठनों और आम आदमी को बधाई देना चाहता हूं कि पिछले दो महीनों में पोर्टल पर 26 करोड़ से अधिक लोगों ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत एंट्री की हैं. यह अभियान पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाता है. मनुष्य होने के नाते, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी मां और धरती मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें.
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