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केरल के पादरी ने विकसित की GPS से लैस लाइफ जैकेट, समुद्री लहरों में भी करेगी रक्षा - Life Jacket for Sea Rescue

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 13, 2024, 9:35 PM IST

Abraham Perikilakkatt Develops Life Jacket for Sea Rescue: केरल निवासी पादरी अब्राहम पेरीकिलक्कट को मछुआरों के समुद्र में डूबने के लगातार मामलों के बाद इस डिवाइस को विकसित करने का विचार आया. उन्होंने इसे 'नूह की नाव' (Noah's Ark) नामक दिया है.

Abraham Perikilakkatt Develops Life Jacket for Sea Rescue
केरल के पादरी ने विकसित की GPS से लैस लाइफ जैकेट (ETV Bharat)

कोट्टायम: केरल के रहने वाले ईसाई पादरी और इंजीनियर अब्राहम पेरीकिलक्कट ने समुद्री लहरों में भी रक्षा करने वाली लाइफ जैकेट विकसित किया है. 'नूह की नाव' (Noah's Ark) नाम के इस बचाव उपकरण को उन्होंने लगभग पांच हजार रुपये की लागत से बनाया. यह उनके व्यापक प्रयासों का परिणाम है. केरल में मछुआरों के समुद्र में डूबने के लगातार मामलों ने फादर अब्राहम पेरीकिलक्कट को इसका समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया.

लाइफबॉय जैसा दिखने वाला यह उपकरण फाइबर से बना है और इसमें रिंग के बीच में तिरछी सीट लगी हुई है. फादर अब्राहम के अनुसार, इस पर बैठने वाला कोई भी व्यक्ति सुरक्षित रूप से लहरों पर तैर सकता है. फादर अब्राहम ने इस उपकरण का सबसे पहले स्थिर पानी में परीक्षण किया था और एक व्यक्ति के इसमें बैठक पर यह केवल आठ सेंटीमीटर डूबा था. उन्होंने कि बीच में लगी सीट आरामदायक रूप से हाथ की मूवमेंट और पैडलिंग की अनुमति देती है.

'नूह की नाव' के परीक्षण का दूसरा चरण समुद्र तट पर आयोजित किया गया. तेज धाराओं में भी, रिंग के ऊपर दोनों तरफ हाथ रखने पर शरीर का लगभग 70 प्रतिशत वजन पानी के स्तर से नीचे रहता है, जिससे पानी के साथ स्थिरता और गति सुनिश्चित होती है.

आपातकालीन स्थिति में संकेत भेजता है यह डिवाइस
इसके अलावा, डिवाइस में एक GPS सिस्टम भी शामिल है जो आपातकालीन स्थिति में जमीन पर आपात संकेत भेजता है. फादर अब्राहम पेरीकिलक्कट ने बताया कि इस जीवन रक्षक डिवाइस को न केवल खतरनाक स्थितियों में बल्कि मछली पकड़ने और यात्री नावों पर सवार होने वालों के लिए भी स्थायी सुरक्षा उपाय के रूप में रखा जा सकता है.

आश्रम में रह रहे हैं फादर अब्राहम
उन्होंने कहा कि डिवाइस की निर्माण लागत लगभग पांच हजार रुपये है. फादर अब्राहम जल यात्राओं और बांधों पर सुरक्षा के लिए इस सिस्टम के इस्तेमाल की संभावना भी तलाश रहे हैं. पूर्व में पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षक रहे फादर अब्राहम पेरीकिलक्कट सेवानिवृत्त के बाद पुथुप्पल्ली सीएमआई आश्रम में रह रहे हैं.

यह भी पढ़ें- DRDO ने ग्लाइड बम 'गौरव' का सफल उड़ान परीक्षण किया, लंबी दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम

कोट्टायम: केरल के रहने वाले ईसाई पादरी और इंजीनियर अब्राहम पेरीकिलक्कट ने समुद्री लहरों में भी रक्षा करने वाली लाइफ जैकेट विकसित किया है. 'नूह की नाव' (Noah's Ark) नाम के इस बचाव उपकरण को उन्होंने लगभग पांच हजार रुपये की लागत से बनाया. यह उनके व्यापक प्रयासों का परिणाम है. केरल में मछुआरों के समुद्र में डूबने के लगातार मामलों ने फादर अब्राहम पेरीकिलक्कट को इसका समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया.

लाइफबॉय जैसा दिखने वाला यह उपकरण फाइबर से बना है और इसमें रिंग के बीच में तिरछी सीट लगी हुई है. फादर अब्राहम के अनुसार, इस पर बैठने वाला कोई भी व्यक्ति सुरक्षित रूप से लहरों पर तैर सकता है. फादर अब्राहम ने इस उपकरण का सबसे पहले स्थिर पानी में परीक्षण किया था और एक व्यक्ति के इसमें बैठक पर यह केवल आठ सेंटीमीटर डूबा था. उन्होंने कि बीच में लगी सीट आरामदायक रूप से हाथ की मूवमेंट और पैडलिंग की अनुमति देती है.

'नूह की नाव' के परीक्षण का दूसरा चरण समुद्र तट पर आयोजित किया गया. तेज धाराओं में भी, रिंग के ऊपर दोनों तरफ हाथ रखने पर शरीर का लगभग 70 प्रतिशत वजन पानी के स्तर से नीचे रहता है, जिससे पानी के साथ स्थिरता और गति सुनिश्चित होती है.

आपातकालीन स्थिति में संकेत भेजता है यह डिवाइस
इसके अलावा, डिवाइस में एक GPS सिस्टम भी शामिल है जो आपातकालीन स्थिति में जमीन पर आपात संकेत भेजता है. फादर अब्राहम पेरीकिलक्कट ने बताया कि इस जीवन रक्षक डिवाइस को न केवल खतरनाक स्थितियों में बल्कि मछली पकड़ने और यात्री नावों पर सवार होने वालों के लिए भी स्थायी सुरक्षा उपाय के रूप में रखा जा सकता है.

आश्रम में रह रहे हैं फादर अब्राहम
उन्होंने कहा कि डिवाइस की निर्माण लागत लगभग पांच हजार रुपये है. फादर अब्राहम जल यात्राओं और बांधों पर सुरक्षा के लिए इस सिस्टम के इस्तेमाल की संभावना भी तलाश रहे हैं. पूर्व में पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षक रहे फादर अब्राहम पेरीकिलक्कट सेवानिवृत्त के बाद पुथुप्पल्ली सीएमआई आश्रम में रह रहे हैं.

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