नई दिल्ली: दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. चारों तरफ से आलोचना के बीच केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने बड़ा बयान दिया है. ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने मंगलवार को कहा कि अगर केदारनाथ धाम मंदिर नाम रखने से लोगों की भावनाएं आहत हो रही है तो मंदिर का नाम बदलने पर विचार करेंगे और जल्द ही इसकी प्रकिया शुरू की जाएगी.
#WATCH | Uttarakhand: Regarding the controversy over the Kedarnath temple being built in Burari, Shri Kedarnath Dham Delhi Trust founder Surendra Rautela, says, " if sentiments are being hurt by naming the temple to be built in delhi as kedarnath temple, then the trust will change… pic.twitter.com/TVmGhsEhlu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 16, 2024
वहीं, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धर्म रक्षक हैं, इसलिए उन्हें मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. मुख्यमंत्री का मंदिर ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है. उनको बेवजह घसीटा जा रहा है. केदारनाथ धाम मंदिर के फाउंडर ने कहा कि ये विवाद केवल राजनीतिक है. इसको बेवजह तूल दिया जा रहा है. पहले इंदौर में भी केदारनाथ धाम बना हुआ है. सैफई में अखिलेश यादव भी बहुत बड़ा केदारनाथ धाम मंदिर बना रहे हैं, जिस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है. उसका विरोध नहीं किया जा रहा है.
10 जुलाई को हुआ था भूमिपूजनः 10 जुलाई को दिल्ली में केदारनाथ दिल्ली धाम का भूमि पूजन हुआ. इसके बाद उत्तराखंड में जगतगुरु और कई राजनीति दलों के नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया. कहा कि इस मंदिर के बनने से उत्तराखंड के मुख्य केदारनाथ धाम का महत्व कम हो जाएगा. इसीलिए दिल्ली में इसे ना खोला जाना जाए.
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रौतेला ने कहा कि बहुत जल्द मंदिर के निर्माण कार्य को शुरू कर दिया जाएगा और भव्य मंदिर जल्द बनाकर तैयार होगा. जिसकी पूरी रूपरेखा और लेआउट प्लान बना लिया गया है. लोगों की भावनाएं आहत ना हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.
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