नई दिल्ली: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी पाकिस्तान के दौरे पर हैं. रायसी की यात्रा के आखिरी दिन दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया. अपने संयुक्त बयान में ईरान और पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे का सावधानीपूर्वक उल्लेख किया. इस दौरान दोनों देशों ने क्षेत्र को लोगों की इच्छानुसार शांतिपूर्ण तरीकों से इस मुद्दे को हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र के लोगों की इच्छा के आधार पर और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से कश्मीर के मुद्दे को हल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
शांतिपूर्ण समाधान पर महत्व: बयान के अनुसार क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने मुद्दे का समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के माध्यम से विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के महत्व पर जोर दिया.
पाकिस्तान से टिप्पणी करने से परहेज करने की अपील: गौरतलब है कि भारत ने बार-बार दोहराया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, देश के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे, जबकि किसी भी अन्य देश को विशेष रूप से पाकिस्तान से इस पर टिप्पणी करने से परहेज करने का आग्रह किया है.
शहबाज शरीफ रायसी को दिया था निमंत्रण: बता दें कि ईरानी राष्ट्रपति रायसी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निमंत्रण पर 22-24 अप्रैल तक पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा की. इस दौरान उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था, जिसमें विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन, कैबिनेट के अन्य सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने कश्मीर मुद्दा उठाया और ईरान को उसके रुख के लिए धन्यवाद दिया. हालांकि, ईरानी राष्ट्रपति रायसी ने कश्मीर का जिक्र करने से परहेज किया.
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