बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार के महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने मामले में कई अहम सबूत जुटाए हैं. जांच में पता चला है कि 700 से ज्यादा खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. इससे पहले सिर्फ 18 खातों में ही पैसे ट्रांसफर की बात सामने आई थी. हालांकि सैकड़ों खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वाल्मीकि कॉरपोरेशन के खाते से हैदराबाद की फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (FFCCSL) के विभिन्न खातों में 94.73 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इस संबंध में बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस थाने में दर्ज मामले की जांच एसआईटी कर रही है. जांच में पुष्टि हुई है कि 700 से अधिक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी सत्यनारायण वर्मा इस मामले का सरगना बताया जा रहा है. वर्मा के साथी साईतेज को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. दोनों नया बैंक अकाउंट खोलकर पैसे ट्रांसफर करने में शामिल थे. पता चला है कि चरवाहों और कई अन्य लोगों के खातों में पैसे जमा किए गए थे. प्रत्येक खाते में 5 लाख से 2 करोड़ रुपये तक पैसे ट्रांसफर किए गए.
बीते दिनों कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम के अधिकारी चंद्रशेखरन ने आत्महत्या कर ली थी. बाद में पता चला कि निगम में घोटाला हुआ है. राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए सीआईडी के डीएसपी मोहम्मद रफी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. फिलहाल एसआईटी मामले की जांच कर रही है.
एसआईटी ने गत सोमवार को फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के चेयरमैन के सहयोगी साई तेजा को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 14 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. कई बैंक अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है.
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