बेलगावी: कर्नाटक में बेलगावी जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने हेसकॉम अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म के झूठे आरोप लाने के मामले में सभी 13 दोषियों की सजा क एलान कर दिया है. अदालत ने सभी दोषियों को 3 साल 6 महीने की जेल और प्रत्येक पर 86,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सत्र न्यायालय ने मंगलवार को सभी को दोषी ठहराया था.
हेसकॉम (हुबली इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड) की सहायक अभियंता बीवी सिंधु ने हेसकॉम बेलगावी डिवीजन के अधीक्षक अभियंता तुकाराम मज्जगी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का झूठा मामला दर्ज कराया था. सिंधु ही नहीं, बल्कि उस समय उनके साथ काम करने वाले जूनियर इंजीनियर सुभाष हलोली, पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन रेडिहाला और वरिष्ठ सहायक भीमप्पा गोदालाकुंडराघी सहित 13 लोगों ने तुकाराम के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया था. सिंधु वर्तमान में मैसूर में कार्यरत हैं.
बाद में पुलिस की जांच में आरोप झूठे पाए गए. आरोपियों को सजा मिलने के बाद सरकारी वकील मुरलीधर कुलकर्णी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2017 से लेकर 2024 तक 7 साल तक मामले का ट्रायल चला और लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि एक आरोपी बीवी सिंधु ने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन सभी 13 दोषियों को समान सजा दी गई क्योंकि वे अपराध के लिए उकसाने और साजिश में शामिल थे.
सरकारी वकील ने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया गया था. मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और एक निर्दोष व्यक्ति पर दोष मढ़ दिया गया. एक वरिष्ठ और ईमानदार अधिकारी के खिलाफ साजिश रची गई और उसपर आरोप लगाए गए, जबकि उन्होंने कोई अपराध ही नहीं किया था. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सजा दुर्लभ है, जहां एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए थे. मुरलीधर ने कहा कि सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर विचार किया कि सिंधु ने अपने बयान में कहा था कि अन्य आरोपियों के उकसावे पर उसने झूठा मामला दर्ज कराया था कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है.
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