नई दिल्ली : कर्नाटक में एमएलसी पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद भाजपा की तेजस्विनी गौड़ा शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं और आरोप लगाया कि भगवा पार्टी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं करती है. गौड़ा 2004 और 2009 के बीच कांग्रेस सांसद थीं. वह 2014 में भाजपा में शामिल हो गई थीं. कांग्रेस में शामिल होने को उन्होंने 'घर वापसी' कहा.
उन्हें यहां मुख्यालय में पार्टी महासचिव जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल किया गया. जयराम रमेश ने कहा कि 'हम कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय नेता तेजस्विनी गौड़ा का कांग्रेस में स्वागत करते हैं. हमें पूरा विश्वास है कि तेजस्विनी जी आने वाले चुनाव में सक्रिय रहेंगी. तेजस्विनी 2004 से 2009 के बीच कांग्रेस सांसद थीं और विभिन्न मुद्दों पर मुखर रही हैं. हमें खुशी है कि वह कांग्रेस में लौट आई हैं.'
गौड़ा ने कहा कि 'कांग्रेस सिर्फ बातों में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखती है. इतिहास हमारे देखने के लिए मौजूद है. अब समय आ गया है और मैं पूरी ईमानदारी से पार्टी के लिए काम करना चाहूंगी.'
उन्होंने कहा कि 'भाजपा संवैधानिक लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं करती.' पूर्व पत्रकार गौड़ा ने यह विश्वास भी जताया कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 में से 23 सीटें जीतेगी.
2014 में भाजपा में शामिल होने के बाद, गौड़ा 2018 में विधायक चुनी गईं. वह भगवा पार्टी की प्रवक्ता भी रही थीं. एमएलसी के रूप में उनका कार्यकाल जून 2024 में समाप्त होना था.
वह कनकपुरा क्षेत्र से 14वीं लोकसभा (2004-2009) की सदस्य थीं. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जद (एस) के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को हराकर सीट जीती, जो अब बेंगलुरु ग्रामीण है.