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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने कारसेवक अभय आसनसोल से अयोध्या के लिए रवाना - Ram Mandir Ayodhya

Ram Mandir Pran Pratishtha : 1990 के राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े कारसेवक अभय कुमार बर्णवाल, आसनसोल से अयोध्या के लिए रवाना हुए. इस दौरान फूल-मालाओं के साथ बड़ी संख्या में लोग उन्हें पावन यात्रा पर विदा करने के लिए स्टेशन पर पहुंचे थे. पढ़ें पूरी खबर..

Ram Mandir Pran Pratishtha
Ram Mandir Pran Pratishtha
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2024, 7:12 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 7:18 PM IST

आसनसोल: 1990 में राम मंदिर निर्माण आंदोलन में पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी अभय कुमार बर्णवाल ने हिस्सा लिया था. आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में अभय के पैर में गोली लगने से वे घायल हो गये थे. वह शुक्रवार दोपहर को आसनसोल से वाया दिल्ली अयोध्या के लिए रवाना हुए. आसनसोल रेलवे स्टेशन पर यात्रा पर बड़ी संख्या में लोग फूल-माला पहनाकर शुभकामनाएं देकर विदा किया. बता दें राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उन्हें विशेष निमंत्रण पत्र डाक से मिला है.

30 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन सपा सरकार ने राम मंदिर की मांग कर रहे कारसेवकों के मार्च पर सरकार ने गोलियां चलवाईं. उस गोलीबारी की घटना में 16 कारसेवकों की जान चली गई थी. उसी दिन मार्च में हिस्सा लेने के दौरान आसनसोल निवासी कार सेवक अभय कुमार बरनवाल भी गोली लगने से घायल हुए थे. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हुए आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या कार सेवक विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए किसी तरह 350 किलोमीटर पैदल चलकर अयोध्या पहुंचे थे.

स्थानीय लोगों के अनुसार गोलीबारी की घटना से प्रभावित कार सेवकों के बीच वह संभवतः पश्चिम बंगाल के एकमात्र जीवित व्यक्ति हैं. अभय कुमार बर्णवाल ने कहा, 'मुझे गर्व है कि मैं इस विशेष क्षण में उपस्थित रह सकूंगा. भगवान राम को लगभग पांच सौ के बाद रिहा किया गया था. तब और अब की अयोध्या में अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, 'उस दिन मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी दूसरे देश में हूं. यह मेरा देश नहीं है. आज ऐसा लग रहा है कि राम के कहने पर उनका एक भक्त देश में इतना ऐतिहासिक क्षण लेकर आया है.'

आसनसोल: 1990 में राम मंदिर निर्माण आंदोलन में पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी अभय कुमार बर्णवाल ने हिस्सा लिया था. आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में अभय के पैर में गोली लगने से वे घायल हो गये थे. वह शुक्रवार दोपहर को आसनसोल से वाया दिल्ली अयोध्या के लिए रवाना हुए. आसनसोल रेलवे स्टेशन पर यात्रा पर बड़ी संख्या में लोग फूल-माला पहनाकर शुभकामनाएं देकर विदा किया. बता दें राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उन्हें विशेष निमंत्रण पत्र डाक से मिला है.

30 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन सपा सरकार ने राम मंदिर की मांग कर रहे कारसेवकों के मार्च पर सरकार ने गोलियां चलवाईं. उस गोलीबारी की घटना में 16 कारसेवकों की जान चली गई थी. उसी दिन मार्च में हिस्सा लेने के दौरान आसनसोल निवासी कार सेवक अभय कुमार बरनवाल भी गोली लगने से घायल हुए थे. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हुए आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या कार सेवक विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए किसी तरह 350 किलोमीटर पैदल चलकर अयोध्या पहुंचे थे.

स्थानीय लोगों के अनुसार गोलीबारी की घटना से प्रभावित कार सेवकों के बीच वह संभवतः पश्चिम बंगाल के एकमात्र जीवित व्यक्ति हैं. अभय कुमार बर्णवाल ने कहा, 'मुझे गर्व है कि मैं इस विशेष क्षण में उपस्थित रह सकूंगा. भगवान राम को लगभग पांच सौ के बाद रिहा किया गया था. तब और अब की अयोध्या में अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, 'उस दिन मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी दूसरे देश में हूं. यह मेरा देश नहीं है. आज ऐसा लग रहा है कि राम के कहने पर उनका एक भक्त देश में इतना ऐतिहासिक क्षण लेकर आया है.'

Last Updated : Jan 20, 2024, 7:18 PM IST
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