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साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियों का बेपटरी होना हादसा या साजिश, IB और यूपी पुलिस करेगी जांच - Kanpur Train Accident

साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि इंजन से पहले कोई बोल्डर टकराया था. जो संभवतः पटरी पर रखा हुआ था. इसके बाद एक के बाद एक 22 बोगियां पटरी से उतर गईं. ट्रेन में सवार कुछ यात्रियों का भी कहना था कि कुछ टकराने की आवाज आई थी.

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कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने के बाद ट्रैक पर जमा भीड़. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 17, 2024, 12:09 PM IST

कानपुर: साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की 22 बोगियां कानपुर में शुक्रवार की रात पटरी से उतर गईं. हादसा बड़ा था लेकिन, गनीमत रही कि किसी प्रकार की जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. हादसे को लेकर ट्रेन के ड्राइवर की बात और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जो कहा उससे सवाल उठ रहे हैं कि ये एक हादसा था या फिर किसी की साजिश थी.

जीएम नॉर्थ सेंट्रल रेलवे उपेंद्र चंद्र जोशी और कानपुर कमिश्नर अखिल कुमार ने रेल हादसे के बारे में दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

दरअसल, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि इंजन से पहले कोई बोल्डर टकराया था. जो संभवतः पटरी पर रखा हुआ था. इसके बाद एक के बाद एक 22 बोगियां पटरी से उतर गईं. ट्रेन में सवार कुछ यात्रियों का भी कहना था कि कुछ टकराने की आवाज आई थी.

हादसा या साजिश सवाल उठने के क्या हैं आधार

  • लोको पायलट ने साबरमती एक्सप्रेस के डीरेल होने से पहले इंजन के किसी चीज से टकराने की बात कही है.
  • आखिर बोल्टर ट्रैक पर कैसे आया.
  • ट्रेन में सवार यात्रियों ने भी टकराने की बात बोली है.
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रैक पर रखी किसी चीज से इंजन के टकराने की बात सोशल मीडिया पर लिखी है.
  • हादसे की जांच के लिए आईबी और यूपी पुलिस को लगाया गया है.
  • साबरमती एक्सप्रेस डीरेलमेंट में 400 मीटर तक ट्रैक क्षतिग्रस्त होना भी साजिश की ओर इशारा कर रहा.

अफसरों की अभी तक की पड़ताल के मुताबिक रेलवे के ट्रैक पर जो बोल्टर रखा गया था वह बहुत ही भारी था. अफसरों का मानना है कि इसी बोल्टर से टकराकर इंजन का कैटल गार्ड टूटा, जिससे इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि यह हादसा एक साजिश का हिस्सा हो सकता है. इसके पीछे एक ठोस वजह यह भी है कि कुछ देर पहले ही उस ट्रैक से ही एक ट्रेन सामान्य तौर से गुजरी थी.

इसलिए रेलवे कर्मियों ने भी किसी तरीके का कोई स्टेप नहीं लिया था और ना ही उन्हें उम्मीद थी कि ठीक एक घंटे बाद उसी ट्रैक पर साबरमती एक्सप्रेस डीरेल हो जाएगी. अब अफसर जिन सवालों का जवाब तलाश रहे हैं, उसमें सबसे प्रमुख सवाल यह है कि आखिर बोल्टर ट्रैक पर कैसे आया?

जहां पर यह हादसा हुआ वहां आसपास कोई दुकान या किसी का घर या कोई और ऐसा स्थल तो नहीं जहां पर लोग एकत्रित रहते हों? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से भी इस बात की आशंका जताई गई है कि कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस को डीरेल करने के लिए यह कहीं ना कहीं एक साजिश रची गई है. लेकिन जब तक कोई ठोस सबूत रेलवे या पुलिस अफसरों को नहीं मिल जाता तब तक साजिश की तस्वीर साफ नहीं हो सकेगी.

400 मीटर तक ट्रैक हुआ क्षतिग्रस्त: साबरमती एक्सप्रेस डीरेलमेंट में 400 मीटर तक ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ है. रेलवे के आला अफसरों का मानना है कि इतनी अधिक दूरी तक ट्रैक का क्षतिग्रस्त होना कहीं ना कहीं एक साजिश की ओर इशारा कर रहा है. हालांकि, अफसरों की ओर से इस मामले को लेकर जांच जारी है. रेल अफसरों के मुताबिक जो बोल्टर ट्रैक पर रखा गया है,वह पटरियों के आसपास से उछलकर नहीं आया. भारी या बहुत अधिक वजन का बोल्टर है. जिसे पटरी पर रखा गया या फेन्का गया जिससे लम्बी दूरी तक ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाए.

रेल मंत्री ने किया ट्वीट: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि साबरमती एक्सप्रेस (वाराणसी से अहमदाबाद) का इंजन आज सुबह 2:35 बजे कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकरा गया. इसके बाद पटरी से उतर गया. इस घटना के बाद कुछ निशान देखे गए हैं. कुछ निशान लोको से 16वें कोच के पास मिले थे. शुरुआती जांच के अनुसार, रेलवे ट्रैक में कोई फ्रैक्चर नहीं है. रेल मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि हादसे के एविडेंस सुरक्षित कर लिए गए हैं. आईबी और यूपी पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है.

भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के बीच हुए हादसा: बता दें कि हादसा कानपुर के भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के पास हुआ. ट्रेन वाराणसी से साबरमती की ओर जा रही थी. हादसे की जानकारी मिलते ही देर रात ही घटना स्थल पर रेलवे के अधिकारी, कानपुर पुलिस, रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई थी. हादसे की वजह का पता लगाया जा रहा है.

साबरमती एक्सप्रेस के लोको पायलट ने हादसे के बाद क्या कहा: लोको पायलट का कहना है कि बोल्डर इंजन से टकराया जिसके कारण इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. वहीं अब इस घटना की जांच के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को बुलाया गया है. यूपी पुलिस भी पूरे मामले पर नजर रखे हुए है. इसके साथ ही बता दें कि हादसे के कारण 16 ट्रेनें रद कर दी गई हैं. साथ ही 10 दिन से अधिक के लिए रूट में बदलाव किया गया है.

ये भी पढ़ेंः यूपी में फिर बड़ा रेल हादसा; कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियां पटरी से उतरीं, आधी रात मची चीख-पुकार

कानपुर: साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की 22 बोगियां कानपुर में शुक्रवार की रात पटरी से उतर गईं. हादसा बड़ा था लेकिन, गनीमत रही कि किसी प्रकार की जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. हादसे को लेकर ट्रेन के ड्राइवर की बात और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जो कहा उससे सवाल उठ रहे हैं कि ये एक हादसा था या फिर किसी की साजिश थी.

जीएम नॉर्थ सेंट्रल रेलवे उपेंद्र चंद्र जोशी और कानपुर कमिश्नर अखिल कुमार ने रेल हादसे के बारे में दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

दरअसल, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि इंजन से पहले कोई बोल्डर टकराया था. जो संभवतः पटरी पर रखा हुआ था. इसके बाद एक के बाद एक 22 बोगियां पटरी से उतर गईं. ट्रेन में सवार कुछ यात्रियों का भी कहना था कि कुछ टकराने की आवाज आई थी.

हादसा या साजिश सवाल उठने के क्या हैं आधार

  • लोको पायलट ने साबरमती एक्सप्रेस के डीरेल होने से पहले इंजन के किसी चीज से टकराने की बात कही है.
  • आखिर बोल्टर ट्रैक पर कैसे आया.
  • ट्रेन में सवार यात्रियों ने भी टकराने की बात बोली है.
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रैक पर रखी किसी चीज से इंजन के टकराने की बात सोशल मीडिया पर लिखी है.
  • हादसे की जांच के लिए आईबी और यूपी पुलिस को लगाया गया है.
  • साबरमती एक्सप्रेस डीरेलमेंट में 400 मीटर तक ट्रैक क्षतिग्रस्त होना भी साजिश की ओर इशारा कर रहा.

अफसरों की अभी तक की पड़ताल के मुताबिक रेलवे के ट्रैक पर जो बोल्टर रखा गया था वह बहुत ही भारी था. अफसरों का मानना है कि इसी बोल्टर से टकराकर इंजन का कैटल गार्ड टूटा, जिससे इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि यह हादसा एक साजिश का हिस्सा हो सकता है. इसके पीछे एक ठोस वजह यह भी है कि कुछ देर पहले ही उस ट्रैक से ही एक ट्रेन सामान्य तौर से गुजरी थी.

इसलिए रेलवे कर्मियों ने भी किसी तरीके का कोई स्टेप नहीं लिया था और ना ही उन्हें उम्मीद थी कि ठीक एक घंटे बाद उसी ट्रैक पर साबरमती एक्सप्रेस डीरेल हो जाएगी. अब अफसर जिन सवालों का जवाब तलाश रहे हैं, उसमें सबसे प्रमुख सवाल यह है कि आखिर बोल्टर ट्रैक पर कैसे आया?

जहां पर यह हादसा हुआ वहां आसपास कोई दुकान या किसी का घर या कोई और ऐसा स्थल तो नहीं जहां पर लोग एकत्रित रहते हों? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से भी इस बात की आशंका जताई गई है कि कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस को डीरेल करने के लिए यह कहीं ना कहीं एक साजिश रची गई है. लेकिन जब तक कोई ठोस सबूत रेलवे या पुलिस अफसरों को नहीं मिल जाता तब तक साजिश की तस्वीर साफ नहीं हो सकेगी.

400 मीटर तक ट्रैक हुआ क्षतिग्रस्त: साबरमती एक्सप्रेस डीरेलमेंट में 400 मीटर तक ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ है. रेलवे के आला अफसरों का मानना है कि इतनी अधिक दूरी तक ट्रैक का क्षतिग्रस्त होना कहीं ना कहीं एक साजिश की ओर इशारा कर रहा है. हालांकि, अफसरों की ओर से इस मामले को लेकर जांच जारी है. रेल अफसरों के मुताबिक जो बोल्टर ट्रैक पर रखा गया है,वह पटरियों के आसपास से उछलकर नहीं आया. भारी या बहुत अधिक वजन का बोल्टर है. जिसे पटरी पर रखा गया या फेन्का गया जिससे लम्बी दूरी तक ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाए.

रेल मंत्री ने किया ट्वीट: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि साबरमती एक्सप्रेस (वाराणसी से अहमदाबाद) का इंजन आज सुबह 2:35 बजे कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकरा गया. इसके बाद पटरी से उतर गया. इस घटना के बाद कुछ निशान देखे गए हैं. कुछ निशान लोको से 16वें कोच के पास मिले थे. शुरुआती जांच के अनुसार, रेलवे ट्रैक में कोई फ्रैक्चर नहीं है. रेल मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि हादसे के एविडेंस सुरक्षित कर लिए गए हैं. आईबी और यूपी पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है.

भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के बीच हुए हादसा: बता दें कि हादसा कानपुर के भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के पास हुआ. ट्रेन वाराणसी से साबरमती की ओर जा रही थी. हादसे की जानकारी मिलते ही देर रात ही घटना स्थल पर रेलवे के अधिकारी, कानपुर पुलिस, रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई थी. हादसे की वजह का पता लगाया जा रहा है.

साबरमती एक्सप्रेस के लोको पायलट ने हादसे के बाद क्या कहा: लोको पायलट का कहना है कि बोल्डर इंजन से टकराया जिसके कारण इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. वहीं अब इस घटना की जांच के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को बुलाया गया है. यूपी पुलिस भी पूरे मामले पर नजर रखे हुए है. इसके साथ ही बता दें कि हादसे के कारण 16 ट्रेनें रद कर दी गई हैं. साथ ही 10 दिन से अधिक के लिए रूट में बदलाव किया गया है.

ये भी पढ़ेंः यूपी में फिर बड़ा रेल हादसा; कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियां पटरी से उतरीं, आधी रात मची चीख-पुकार

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