नई दिल्ली/भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ बीते तीन से देश की राजनीति की सुर्खियों में हैं. लगातार अटकलें रहीं कि कमलनाथ अपने बेटे के साथ बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं. इसके साथ ये भी अटकलें तेज चली कि कमलनाथ के साथ एमपी के कई विधायक बीजेपी का दामन थामने वाले हैं. इन अटकलों को और बल तब मिला जब कमलनाथ ने इन अटकलों को खारिज नहीं किया. इसके साथ ही नई दिल्ली में डेरा डालते ही कमलनाथ ने अपने बंगले पर जय श्री राम का ध्वज भी लहरा दिया. लेकिन लंबी खामोशी के बाद सोमवार को कमलनाथ ने अब साफ किया कि वह बीजेपी ज्वाइन करने नहीं जा रहे. इसके साथ ही बंगले पर लगाया गया श्री राम का ध्वज भी सोमवार दोपहर को निकाल लिया गया.
कमलनाथ के साथ ही समर्थकों के बयानों से तेज हुईं अटकलें
गौरतलब है कि कमलनाथ की नाराजगी और बीजेपी ज्वाइन करने की संभावना से मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही थीं. हालांकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार दोहराते रहे कि कमलनाथ कांग्रेस में ही रहेंगे. लेकिन इन दोनों प्रमुख नेताओं के बयानों में वो आत्मविश्वास नहीं दिख रहा था. क्योंकि लगभग ये तय हो गया था कि कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं. वहीं, कमलनाथ के समर्थकों कांग्रेस नेताओं ने खुलेतौर पर ये मान लिया था कि कमलनाथ जल्द ही फैसला लेने जा रहे हैं. समर्थकों द्वारा अपने एक्स हैंडल पर इस बात के संकेत दिए थे कि मामला गंभीर है और कमलनाथ अब नहीं रुकेंगे.
कमलनाथ समर्थकों ने खुलतौर पर मानी नाराजगी
कमलनाथ के कट्टर समर्थक पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के साथ ही दीपक सक्सेना ने भी मीडिया से खुलेआम स्वीकार किया था कि कमलनाथ का कांग्रेस में सम्मान घटा है. कमलनाथ के साथ आलाकमान ने व्यवहार ठीक नहीं किया. बगैर कमलनाथ के सहमति के उनके विरोधी जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान दे दी. इसके साथ ही राज्यसभा में जाने की चाहत रखने वाले कमलनाथ की भावनाओं की कद्र नहीं की गई. इसके अलावा कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने भी संकेत दिए थे कि अब कमलनाथ कांग्रेस में नहीं रहेंगे. जहां वह जाएंगे वहीं उनके समर्थक भी जाएंगे.
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राहुल गांधी की सक्रियता से ऐसे बदला राजनीतिक दृश्य
जब लगभग ये मान लिया गया था कि बीजेपी के अधिवेशन में कमलनाथ व सांसद बेटे नकुलनाथ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे तो अंततः राहुल गांधी को सक्रिय होना पड़ा. राहुल गांधी ने कमलनाथ को फोन करके कहा कि आप जैसे वरिष्ठ नेताओं ने देश व कांग्रेस के लिए बहुत काम किया है. कांग्रेस को आप जैसे लोगों की जरूरत है. राहुल गांधी के फोन के बाद कमलनाथ के रुख में अंतर दिखने लगा. इसके बाद कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि जब ऐसा कुछ होगा तो आपको बताएंगे. साथ ही सज्जन वर्मा ने मीडिया से कहा कि कमलनाथ कहीं नहीं जा रहे. ये सब मीडिया की उपज है. खास बात यह है कि राहुल गांधी के फोन के बाद कमलनाथ का रुख बदला तो उनके समर्थकों के बयान भी बदलने लगे. वहीं, बताया जाता है कि बीजेपी में भी कमलनाथ को लेकर एक राय नहीं बन पा रही थी.