रांची: रांची में दुर्गा पूजा के दौरान कई पूजा पंडालों का निर्माण अलग-अलग थीम पर किया गया है, और कई पूजा पंडालों में अलग-अलग थीम पर झांकियां भी बनाई गई हैं. इन झांकियों में राजनीतिक रंग भी देखने को मिल रहे हैं.
अल्बर्ट एक्का चौक पर "अंत ही आरंभ है" थीम पर बने पंडाल में जहां काशी के घाट और नरेंद्र मोदी की सिलिकॉन मूर्तियां लगाई गई हैं, वहीं नामकुम में जय माता दी दुर्गा पूजा समिति द्वारा बनाए गए पंडाल में गरीबों के मसीहा के रूप में लालू प्रसाद, बिहार में उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति पत्र बांटते तेजस्वी यादव की मूर्तियां लगाई गई हैं, साथ ही हरियाणा में पहलवान से विधायक बनीं विनेश फोगट, पिता लालू प्रसाद को किडनी दान करने वाली बेटी रोहिणी आचार्य और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की मूर्तियां लगाई गई हैं.
वृंदावन के वैष्णो माता मंदिर थीम पर बनाया गया पंडाल
नामकुम में जय माता दी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष विनोद सिंह ने बताया कि इस बार पंडाल का स्वरूप वृंदावन के वैष्णो माता मंदिर के मॉडल जैसा बनाया गया है. पंडाल के बाहर कृष्ण वाटिका बनाई गई है जहां भगवान कृष्ण और 14 गाय हैं जो भगवान की बांसुरी की धुन पर आकर्षित होती हैं. वे बताते हैं कि करीब 18 लाख रुपये का बजट रखा गया है.
उन्होंने बताया कि माता रानी की मूर्ति के साथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की भी मूर्ति है क्योंकि उन्होंने समाज को जगाने का काम किया था. साथ ही तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री रहते हुए नियुक्ति पत्र बांटकर जिस तरह बिहार में युवाओं के बीच लोकप्रिय हुए, उसे भी दिखाया गया है. विनोद सिंह कहते हैं कि इस बार दान पेटी में जो भी राशि मिलेगी, समिति उसे लड़कियों के कल्याण के काम में खर्च करेगी.
बेटियां संकट के समय दुर्गा बनकर करतीं हैं रक्षा
उन्होंने कहा कि ओलंपिक पहलवान विनेश फोगट ने अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी ने अपनी जान की परवाह किए बिना किडनी दान कर अपने पिता लालू प्रसाद की जान बचाई और जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बिना किसी कारण के जेल भेज दिया गया तो उनकी पत्नी ने रसोई छोड़ कर वीरांगना की तरह दुश्मनों से लोहा लिया. इसलिए इन तीनों की मूर्तियां रखकर पंडाल में पहुंचने वाले सभी लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि हमारी बेटियां संकट के समय दुर्गा बनकर हमारी रक्षा करती हैं, इसलिए सिर्फ नवरात्रि में ही नहीं बल्कि साल के 365 दिन बेटियों का ख्याल रखना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए.
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