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उत्तराखंड की इस चोटी से होंगे सीधे कैलाश पर्वत के दर्शन, चीन जाने का झंझट खत्म - Kailash Darshan from Lipulekh Pass

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 9, 2024, 8:05 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 8:52 PM IST

Kailash Mansarovar Darshan, Kailash Darshan from Lipulekh Pass अब चीन की धरती पर पर पैर रखे बिना ही श्रद्धालु कैलाश के दर्शन कर सकेंगे. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मौजूद लिपुलेख दर्रे से 200 मीटर की ऊंचाई पर एक ऐसी जगह तलाशी गई है जहां से तिब्बत में मौजूद कैलाश मानसरोवर के सीधे दर्शन किए जा सकते हैं.

Kailash Mansarovar Darshan
उत्तराखंड की इस चोटी से होंगे सीधे कैलाश पर्वत के दर्शन (ETV BHARAT)
उत्तराखंड की इस चोटी से होंगे सीधे कैलाश पर्वत के दर्शन (ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में लगातार गतिविधियां बढ़ रही हैं. इसमें केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना का अहम रोल है. इसी के चलते एक बड़ी उपलब्धि देखने को मिली है. पिथौरागढ़ के गुंजी क्षेत्र में से आगे जाकर पड़ने वाले ओल्ड लिपुलेख दर्रे के पास 200 मीटर की खड़ी चट्टान पर ऊपर एक ऐसा समतल स्थान पाया गया है जहां से सीधे तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत के दीदार किये जा सकते हैं.

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गुंजी से ओम पर्वत का रास्ता (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

चीन की धरती पर पैर रखे बिना होंगे कैलाश के दर्शन: उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है कि हम भारत की सीमा के भीतर रहकर ही बिना चीन की धरती पर जाए, बिना पासपोर्ट बनाएं भी कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह हाल ही में आदि कैलाश की यात्रा पर गए थे. इस दौरान उन्होंने इस रमणीय स्थल का दौरा किया. इस जगह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा पिथौरागढ़ के गुंजी से दो मार्ग जाते हैं, एक मार्ग आदि कैलाश के लिए चला जाता है. गुंजी से जोलिंगकोंग में रुक कर भी आदि कैलाश के दर्शन किए जाते हैं. गुंजी से दूसरा रास्ता नाभीढांग जाता है. उससे आगे जाकर ओम पर्वत की ओर जाया जाता है. इसी मार्ग पर आगे जाकर ओल्ड लिपुलेख वाली सड़क पर रोड हेड से 200 मीटर खड़ी चट्टान को पार कर इस जगह पर पहुंच जाता है. यहां से कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं.

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चट्टान पर पहुंचने का पैदलमार्ग (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

सरकार ने तैयार किया ऑल ट्रेन व्हीकल (ATV) प्रस्ताव: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया भले ही इस जगह से कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है. यह 18000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है. उन्होंने बताया अभी इस जगह के लिए जाने वाला रास्ता बेहद जोखिम भरा और खड़ी चढ़ाई वाला है. उन्होंने बताया इस जगह जाने के लिए ऑल ट्रेन व्हीकल (ATV) का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जिससे यहां एटीवी से पहुंच जाए.

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ओल्ड लिपुलेख दर्र पर 18000 फीट की उंचाई (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

केंद्र के साथ मिलकर इसे किया जाएगा डेवलप: सतपाल महाराज ने बताया इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी चर्चा हो गई है. उत्तराखंड सरकार की तरफ से भी यह निर्णय ले लिया गया है कि इस जगह को डेवलप किया जाएगा. यहां पर पहुंच को सुगम बनाया जाएगा. इसके अलावा इससे पीछे गुंजी से लेकर के आदि कैलाश और गुंजी से नाभीढांग और ओम पर्वत तक मौजूद सड़क पर डामरीकरण के साथ ही शौचालय बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं.

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दल के साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

कभी चीनी सैनिकों ने की तोड़फोड़, KMVN का बनेगा कैफेटेरिया: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा लगातार सीमांत इलाकों में गतिविधियां बढ़ रही हैं. उन्होंने बताया पूर्व में इन क्षेत्रों में भारत की ओर से गतिविधियां होती थी. यहां से कैलाश के दर्शन भी किए जाते थे. बीच में चीन की तरफ से आने वाले सैनिकों ने यहां तोड़फोड़ भी की थी. तब KMVN का एक स्टैंड भी तोड़ा गया था. अब उत्तराखंड सरकार दोबारा से यहां कैफेटेरिया बनाएगी, जो आदि कैलाश जाने वाले लोगों के लिए सुस्ताने के काम आएगा. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हाल ही में इस जगह का अपने परिवार के साथ दौरा किया था. उन्होंने इस जगह कई वीडियो भी बनाये. जिसमें सतपाल महाराज ने यहां की नैसर्गिक सुंदरता और महत्व के बारे में बताया.

पढ़ें- उत्तराखंड में आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा शुरू, 'बम-बम भोले' के जयकारों के साथ 49 यात्री रवाना - Adi Kailash Yatra 2024

पढे़ं- हेली सेवा से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन शुरू, पहले दिन 16 यात्रियों ने करीब से निहारा पवित्र स्थल - Adi Kailash And Om Parvat Darshan

उत्तराखंड की इस चोटी से होंगे सीधे कैलाश पर्वत के दर्शन (ETV BHARAT)

देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में लगातार गतिविधियां बढ़ रही हैं. इसमें केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना का अहम रोल है. इसी के चलते एक बड़ी उपलब्धि देखने को मिली है. पिथौरागढ़ के गुंजी क्षेत्र में से आगे जाकर पड़ने वाले ओल्ड लिपुलेख दर्रे के पास 200 मीटर की खड़ी चट्टान पर ऊपर एक ऐसा समतल स्थान पाया गया है जहां से सीधे तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत के दीदार किये जा सकते हैं.

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गुंजी से ओम पर्वत का रास्ता (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

चीन की धरती पर पैर रखे बिना होंगे कैलाश के दर्शन: उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है कि हम भारत की सीमा के भीतर रहकर ही बिना चीन की धरती पर जाए, बिना पासपोर्ट बनाएं भी कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह हाल ही में आदि कैलाश की यात्रा पर गए थे. इस दौरान उन्होंने इस रमणीय स्थल का दौरा किया. इस जगह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा पिथौरागढ़ के गुंजी से दो मार्ग जाते हैं, एक मार्ग आदि कैलाश के लिए चला जाता है. गुंजी से जोलिंगकोंग में रुक कर भी आदि कैलाश के दर्शन किए जाते हैं. गुंजी से दूसरा रास्ता नाभीढांग जाता है. उससे आगे जाकर ओम पर्वत की ओर जाया जाता है. इसी मार्ग पर आगे जाकर ओल्ड लिपुलेख वाली सड़क पर रोड हेड से 200 मीटर खड़ी चट्टान को पार कर इस जगह पर पहुंच जाता है. यहां से कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं.

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चट्टान पर पहुंचने का पैदलमार्ग (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

सरकार ने तैयार किया ऑल ट्रेन व्हीकल (ATV) प्रस्ताव: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया भले ही इस जगह से कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है. यह 18000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है. उन्होंने बताया अभी इस जगह के लिए जाने वाला रास्ता बेहद जोखिम भरा और खड़ी चढ़ाई वाला है. उन्होंने बताया इस जगह जाने के लिए ऑल ट्रेन व्हीकल (ATV) का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जिससे यहां एटीवी से पहुंच जाए.

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ओल्ड लिपुलेख दर्र पर 18000 फीट की उंचाई (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

केंद्र के साथ मिलकर इसे किया जाएगा डेवलप: सतपाल महाराज ने बताया इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी चर्चा हो गई है. उत्तराखंड सरकार की तरफ से भी यह निर्णय ले लिया गया है कि इस जगह को डेवलप किया जाएगा. यहां पर पहुंच को सुगम बनाया जाएगा. इसके अलावा इससे पीछे गुंजी से लेकर के आदि कैलाश और गुंजी से नाभीढांग और ओम पर्वत तक मौजूद सड़क पर डामरीकरण के साथ ही शौचालय बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं.

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दल के साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (फोटो क्रेडिट: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज)

कभी चीनी सैनिकों ने की तोड़फोड़, KMVN का बनेगा कैफेटेरिया: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा लगातार सीमांत इलाकों में गतिविधियां बढ़ रही हैं. उन्होंने बताया पूर्व में इन क्षेत्रों में भारत की ओर से गतिविधियां होती थी. यहां से कैलाश के दर्शन भी किए जाते थे. बीच में चीन की तरफ से आने वाले सैनिकों ने यहां तोड़फोड़ भी की थी. तब KMVN का एक स्टैंड भी तोड़ा गया था. अब उत्तराखंड सरकार दोबारा से यहां कैफेटेरिया बनाएगी, जो आदि कैलाश जाने वाले लोगों के लिए सुस्ताने के काम आएगा. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने हाल ही में इस जगह का अपने परिवार के साथ दौरा किया था. उन्होंने इस जगह कई वीडियो भी बनाये. जिसमें सतपाल महाराज ने यहां की नैसर्गिक सुंदरता और महत्व के बारे में बताया.

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Last Updated : Aug 9, 2024, 8:52 PM IST
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