देहरादून: कैलाश मानसरोवर की यात्रा हिंदुओं के लिए बेहद खास होती है. इस यात्रा पर जाने के लिए शिव भक्त काफी उत्सुक रहते हैं. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चीन-नेपाल के रूट से होकर जाना पड़ता था, मगर अब उत्तराखंड की धामी सरकार के प्रयासों के बाद अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन तिब्बत जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के ओल्ड लिपुलेख पास ही कैलाश पर्वत के दर्शन किये जा सकते हैं. इसकी शुरुआत भी कर दी गई. श्रद्धालुओं के पहले दल ने पिथौरागढ़ के ओल्ड लिपुलेख पास ही कैलाश दर्शन किये हैं. देशभर के शिवभक्तों को कैलाश दर्शन करवाने के विए धामी सरकार ने 5 दिन का टूर पैकेज बनाया है.
धामी सरकार ने कैलाश दर्शन की जिम्मेदारी कुमाऊं मंडल विकास निगम को दी है. कुमाऊं मंडल विकास निगम ही कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज को मैनैज करता है. इस 5 दिवसीय टूर पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश और ओम पर्वत (ॐ) के दर्शन भी शामिल हैं. ये दोनों ही धाम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में ही मौजूद है, जबकि कैलाश मानसरोवर तिब्बत में मौजूद हैं.
कुमाऊं मंडल विकास निगम ने इसके लिए बैच सिस्टम तय किया है. इस साल 60 भक्तों को कैलाश दर्शन के लिए ले जाया गया. जिसमें बैच के हिसाब के यात्रियों को दर्शन करवाये गये. पांच दिवसीय कैलाश दर्शन टूर पैकेज में पहले श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर के जरिये पिथौरागढ़ के गुंजी पहुंचाया जाएगा. यहां से अगले दिन श्रद्धालुओं को आदि कैलाश के दर्शन करवाये जाएंगे. इसके बाद भक्तों को सड़क मार्ग से ओल्ड लिपुलेख पहुंचाया जाएगा. ओल्ड लिपुलेख पास से शिवभक्तों को ओम पर्वत और कैलाश पर्वत के दर्शन कराये जाएंगे.
कैलाश दर्शन में खर्च को लेकर पिथौरागढ़ जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया इसके लिए देश के कोने कोने से यात्री आते हैं. वे अपने अपने खर्च पर रुकते हैं. कुमाऊं मंडल विकास निगम सभी यात्रियों को बैच के हिसाब से कैलाश दर्शन के लिए ले जाते हैं. जिसमें मुख्य तीन दिन होते हैं. इन तीन दिनों में केएमवीएन के अधिकारी उनके साथ होते हैं. इस दौरान श्रद्धालु अपनी सहूलियत के हिसाब से खर्च करते हैं.
KMVN की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन: कैलाश दर्शन योजना के लिए देश के किसी भी कोने से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. इसके लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है.
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