ETV Bharat / bharat

देहरादून में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की धर्म सभा, कहा- केदारनाथ हारने और जीतने की चीज नहीं - SHANKARACHARYA AVIMUKTESHWARANAND

ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने की देहरादून में धर्म सभा, केदारनाथ उपचुनाव और सोना विवाद पर दिया बयान

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati
देहरादून में धर्मसभा (फोटो- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 18, 2024, 7:12 PM IST

देहरादून: ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से देहरादून में धर्म सभा के आयोजन किया गया. जिसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ धाम, चारधाम यात्रा और लैंड जिहाद समेत कई मुद्दों पर बयान दिया. इसके अलावा केदारनाथ उपचुनाव पर भी बयान देकर माहौल गरमा दिया है.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने देश के तमाम धार्मिक और सामाजिक विषयों पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी. साथ ही कई विवादित विषयों पर भी अपनी बात खुलकर सामने रखी. शंकराचार्य ने कहा कि उत्तराखंड हमारे धर्म और संस्कारों का पूरक है. जब भी सनातनी धर्म या फिर संस्कार के बारे में सोचता है तो वो उत्तराखंड चला आता है. ऐसे में उत्तराखंड की आबोहवा और देवत्व को बनाए रखना धार्मिक रूप से उनकी जिम्मेदारी है तो वहीं राजनीतिक रूप से भी सरकारों की जिम्मेदारी बनती है.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

16 दिसंबर से शुरू होगी शीतकालीन यात्रा: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि आगामी 16 दिसंबर से वे शीतकालीन यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं. वे दूसरी बार शीतकालीन यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि लोगों में इस भ्रांति को खत्म करना है कि कपाट बंद होने के बाद यात्रा या फिर दर्शन नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि शीतकालीन के लिए केवल कपाट बंद होते हैं, लेकिन डोली दूसरी जगह पर जाती है, वहां पर उनकी पूजा अर्चना की जाती है और आशीर्वाद लिया जाता है. केवल ग्रीष्मकालीन स्थल पर दर्शन मौसम की वजह से रोक दिए जाते हैं. उनका सभी सनातन धर्मियों से अपील है कि वो इस भ्रांति में ना आए कि केवल गर्मियों में ही भगवान के दर्शन किए जा सकते हैं.

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati
ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान (फोटो- ETV Bharat GFX)

केदारनाथ को न बनाएं राजनीति का विषय: केदारनाथ उपचुनाव को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्पष्ट रूप से कहा कि केदारनाथ धाम किसी के राजनीतिक हार-जीत का विषय नहीं है. बल्कि, यह आत्मशांति का विषय है. केदारनाथ धाम का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों को साधने में अगर किया जाता है तो यह हाथी से हल जुतवाने जैसा काम है.

सोना विवाद पर भी रखी अपनी बात: वहीं, केदारनाथ में सोना विवाद को लेकर एक बार फिर से शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने तमाम अखबारों और मीडिया रिपोर्टिंग के आधार पर सोना चोरी होने की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री की ओर से कहा गया था कि वो जांच करवा रहे हैं, उस जांच में क्या कुछ रहा, उसका आज तक किसी को पता नहीं लग पाया है. यदि सरकार या फिर बदरी केदार मंदिर समिति अपनी जगह सही है तो उन्हें इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.

ये भी पढ़ें-

देहरादून: ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से देहरादून में धर्म सभा के आयोजन किया गया. जिसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ धाम, चारधाम यात्रा और लैंड जिहाद समेत कई मुद्दों पर बयान दिया. इसके अलावा केदारनाथ उपचुनाव पर भी बयान देकर माहौल गरमा दिया है.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने देश के तमाम धार्मिक और सामाजिक विषयों पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी. साथ ही कई विवादित विषयों पर भी अपनी बात खुलकर सामने रखी. शंकराचार्य ने कहा कि उत्तराखंड हमारे धर्म और संस्कारों का पूरक है. जब भी सनातनी धर्म या फिर संस्कार के बारे में सोचता है तो वो उत्तराखंड चला आता है. ऐसे में उत्तराखंड की आबोहवा और देवत्व को बनाए रखना धार्मिक रूप से उनकी जिम्मेदारी है तो वहीं राजनीतिक रूप से भी सरकारों की जिम्मेदारी बनती है.

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

16 दिसंबर से शुरू होगी शीतकालीन यात्रा: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि आगामी 16 दिसंबर से वे शीतकालीन यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं. वे दूसरी बार शीतकालीन यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि लोगों में इस भ्रांति को खत्म करना है कि कपाट बंद होने के बाद यात्रा या फिर दर्शन नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि शीतकालीन के लिए केवल कपाट बंद होते हैं, लेकिन डोली दूसरी जगह पर जाती है, वहां पर उनकी पूजा अर्चना की जाती है और आशीर्वाद लिया जाता है. केवल ग्रीष्मकालीन स्थल पर दर्शन मौसम की वजह से रोक दिए जाते हैं. उनका सभी सनातन धर्मियों से अपील है कि वो इस भ्रांति में ना आए कि केवल गर्मियों में ही भगवान के दर्शन किए जा सकते हैं.

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati
ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान (फोटो- ETV Bharat GFX)

केदारनाथ को न बनाएं राजनीति का विषय: केदारनाथ उपचुनाव को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्पष्ट रूप से कहा कि केदारनाथ धाम किसी के राजनीतिक हार-जीत का विषय नहीं है. बल्कि, यह आत्मशांति का विषय है. केदारनाथ धाम का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों को साधने में अगर किया जाता है तो यह हाथी से हल जुतवाने जैसा काम है.

सोना विवाद पर भी रखी अपनी बात: वहीं, केदारनाथ में सोना विवाद को लेकर एक बार फिर से शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने तमाम अखबारों और मीडिया रिपोर्टिंग के आधार पर सोना चोरी होने की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री की ओर से कहा गया था कि वो जांच करवा रहे हैं, उस जांच में क्या कुछ रहा, उसका आज तक किसी को पता नहीं लग पाया है. यदि सरकार या फिर बदरी केदार मंदिर समिति अपनी जगह सही है तो उन्हें इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.