पिंगला/गरबेटा : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उसे 'नौकरी खाने वाली' करार दिया. ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता लगभग 26,000 शिक्षकों की आजीविका 'छीनने की साजिश' करने वाले इसके नेताओं को माफ नहीं करेगी.
टीएमसी के घाटल उम्मीदवार देव के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने एक ही सांस में सीपीआई (एम) और कांग्रेस पर भी हमला किया, और दोनों पार्टियों को राज्य में भाजपा की 'आंख और कान' कहा.
ममता ने रैली में लोगों से पूछा, 'आपने आदमखोर बाघों के बारे में तो सुना है, लेकिन क्या आपने नौकरीखोर बीजेपी के बारे में सुना है? क्या आपने कोर्ट द्वारा इतने सारे लोगों को बेरोजगार किए जाने के बाद बीजेपी, सीपीआई (एम) और कांग्रेस के नेताओं के चेहरे पर खुशी देखी?'
उन्होंने कहा कि 'मैं फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती या न्यायाधीशों के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती. लेकिन आप 26 हजार युवाओं की नौकरी छीनकर उनसे 12 फीसदी ब्याज के साथ वेतन वापस मांग रहे हैं. क्या आप ऐसे नौकरियां ले सकते हैं? उन्हें सुधरने का मौका दें. 26 हजार लोगों के साथ ऐसा कैसे किया जा सकता है.'
ये है मामला : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य संचालित स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने चयन प्रक्रिया को 'अमान्य और शून्य' घोषित कर दिया. बनर्जी ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाओं से 'साजिश' स्पष्ट थी.
उन्होंने दावा किया, 'पश्चिम बंगाल में इंडिया गुट का अस्तित्व नहीं है. सीपीआई (एम) और कांग्रेस को वोट देने से पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत होंगे. यह टीएमसी है, जो यहां सांप्रदायिक और अलोकतांत्रिक बीजेपी से लड़ रही है.' बनर्जी ने भाजपा की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि उसने चिलचिलाती गर्मी की परवाह किए बिना चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव कराने के लिए मजबूर किया.