रांचीः झारखंड में इंडिया गठबंधन में राजद और सीपीआई माले के नेताओं की उपस्थिति के बिना झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने आनन फानन में 81 सीट में से 70 विधानसभा सीट आपस में बांट ली. कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास पर अचानक से संवाददाता सम्मेलन बुलाकर मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने विधानसभा की 81 में से 70 सीटों पर झामुमो-कांग्रेस के उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा कर दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाकी की सीट के लिए अन्य सहयोगी दलों के साथ बात होगी, लेकिन यह तय हो गया है कि 70 सीटों पर कांग्रेस और झामुमो के उम्मीदवार होंगे.
70 में से झामुमो का कितना ? इसका खुलासा बाद मेंः हेमन्त सोरेन
मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि इन 70 विधानसभा सीटों में से झारखंड मुक्ति मोर्चा कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगा और कांग्रेस के कोटे में कितनी सीटें आएगी, इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी.
2019 में 43-31-07 का था फॉर्मूला
2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में कांग्रेस, झामुमो और राजद शामिल थे. इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा को तब 43, कांग्रेस को 31 और राष्ट्रीय जनता दल को 07 सीटें मिली थीं.
राजद और माले नेता नहीं थे उपस्थित
बता दें कि जिस वक्त सीट शेयरिंग की घोषण हो रही थी उस वक्त कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव, झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर उपस्थित थे, लेकिन राजद और माले का कोई भी नेता उपस्थित नहीं था. तेजस्वी यादव की रांची में उपस्थिति के बावजूद उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूर रखा गया. सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव हेमंत सोरेन के संपर्क में थे और राजद के लिए सम्मानजनक सीटों की मांग कर रहे थे. राजद ने कम से कम 11 सीटों की मांग की थी, लेकिन हेमंत सोरेन ने शनिवार को अचानक आनन फानन में कांग्रेस के साथ सीटों का एलान कर दिया, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की सीटों की संख्या का खुलासा नहीं किया.
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