जींद: हरियाणा के जाट लैंड में आने वाला जिला जींद तीन लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों का भाग्य लिखता है. जींद जिले की पांच विधानसभा सीटों के मतदाता 3 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं. इनमें है हिसार, सिरसा और सोनीपत लोकसभा सीट. हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 की वोटिंग 25 मई को हुई थी, जिसकी मतगणना मंगलवार 4 जून को हो रही है.
तीनों लोकसभा सीटों पर प्रमुख उम्मीदवार
सोनीपत लोकसभा से राई से भाजपा विधायक मोहनलाल बडौली, कांग्रेस के टिकट पर सतपाल ब्रह्मचारी समेत 22 प्रत्याशी अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. वहीं हिसार लोकसभा से भाजपा सरकार में मंत्री रहे रणजीत सिंह चौटाला, कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश उर्फ जेपी, जजपा से नैना चौटाला, इनेलो से सुनैना चौटाला समेत कई उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा के अशोक तंवर, कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के बीच मुकाबला बताया जा रहा है. इन सभी उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला मतदाताओं ने ईवीएम में बंद किया है, जो 4 जून को खुलेगा.
जिला | जींद | ||
लोकसभा सीट | सोनीपत | हिसार | सिरसा |
विधानसभा सीटें | सफीदों, जींद, जुलाना | उचाना | नरवाना |
प्रमुख उम्मीदवार | सतपाल ब्रह्मचारी- कांग्रेस मोहनलाल बड़ौली- बीजेपी | जयप्रकाश- कांग्रेस रणजीत चौटाला- बीजेपी नैना चौटाला- जेजेपी सुनैना चौटाला- इनेलो | कुमारी सैलजा- कांग्रेस अशोक तंवर- बीजेपी |
सफीदों में कांग्रेस को बढ़त मिलने की संभावना (सोनीपत लोकसभा सीट)
सफीदों गैर जाट बहुल विधानसभा सीट मानी जाती है. यहां के मतदाताओं का मूड अलग है जो अक्सर सरकार के खिलाफ जाते हैं. 1987 में देवीलाल लहर में हुए चुनाव में भी सफीदों ने निर्दलीय को जिता दिया था. 2019 मे भाजपा की लहर के बाद भी यहां से कांग्रेस जीती. लोकसभा चुनाव 2024 में किसी की लहर नहीं देखने को मिली. यहां का बड़ा वोट बैंक किसान है जो भाजपा से नाराज है. कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी सफीदों विधानसभा के गांव गागोली के रहने वाले हैं. लोकल होने का फायदा उन्हें मिलता दिखाई दे रहा है.
जींद में मुकाबला कांटे का, हार जीत का अंतर कम (सोनीपत लोकसभा सीट)
जींद विधानसभा फिलहाल भाजपा के पाले में है. यहां भी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. शहर के मतदाता हार-जीत तय करते हैं. इस बार मतदाता दो धड़ों में बंटा नजर आया. हवा ना किसी के खिलाफ रही, और ना किसी के पक्ष में रही. भाजपा (मोहनलाल बड़ौली) और कांग्रेस (सतपाल ब्रह्मचारी) से दोनों प्रत्याशी ब्राह्मण होने के चलते जातीय समीकरण गड़बड़ा गए हैं. पिछले चुनाव के मुकाबले यहां कांग्रेस का ग्राफ बढ़ा है. जातीय समीकरणों के उलझने के कारण यहां मुकाबला बेहद कड़ा है. इसलिए जीत-हार का अंतर बहुत कम रहने की संभावना है.
जुलाना में कांग्रेस को बढ़त की संभावना (सोनीपत लोकसभा सीट)
जुलाना विधानसभा जाट बाहुल क्षेत्र है. जुलाना सीट से फिलहाल जननायक जनता पार्टी का विधायक है. यहां पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है. विधानसभा का बड़ा वोट बैंक जाट-भाजपा के खिलाफ है. यहां भी जातीय समीकरण गड़बड़ाए हुए हैं. कांग्रेस को प्रत्याशी स्थानीय होने का फायदा मिल रहा है. यहां पर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में माहौल बताया जा रहा है.
उचाना विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस को बढ़त की संभावना (हिसार लोकसभा सीट)
उचाना सीट हिसार लोकसभा सीट की हिस्सा है. लोकसभा चुनाव में उचाना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा तथा कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. हालांकि यहां पर देवीलाल के तीन वंंशज अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा से रणजीत चौटाला तो कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश आमने-सामने हैं. जाट बहुल इस सीट पर बिखराव दिखाई दे रहा है. समीकरणों में भाजपा को उतना साथ नहीं मिल रहा, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल रहा है.
नरवाना सुरक्षित सीट में कांग्रेस बढ़त की तरफ (सिरसा लोकसभा सीट)
नरवाना विधानसभा क्षेत्र सिरसा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जाट बाहुल इलाका होने के बाद भी रिर्जव है. मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है, समीकरणों में सिरसा सीट पर भी कांग्रेस को बढ़त दिखाई दे रही है. इनेला से स्थानीय प्रत्याशी भी हैं. किसान आंदोलन का यहां पर बड़ा असर है. जिसका प्रभाव चुनाव में भी देखने को मिला है. सिरसा लोकसभा सीट पर बीजेपी के अशोक तंवर और कांग्रेस की कुमारी सैलजा के बीच टक्कर है.