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सोरेन परिवार में सीता को छोड़ सभी ने दर्ज की शानदार जीत, कल्पना को मुनिया ने दी कड़ी टक्कर - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION RESULT

झारखंड में सीता सोरेन को छोड़ कर सोरेन परिवार के सभी सदस्यों ने जीत दर्ज की है. चंद्रकांत सिंह की रिपोर्ट

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION RESULT
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2024, 6:07 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के मतगणना में जो रुझान आए हैं, उससे झामुमो गदगद है. इंडिया गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहा है. इस चुनाव में सीता सोरेन को छोड़ दें तो सोरेन परिवार के सभी सदस्यों ने जीत दर्ज की है.

बरहेट से हेमंत सोरेन ने दर्ज की जीत

सीएम हेमंत सोरेन एक बार फिर से बरहेट से शानदार जीत दर्ज करते हुए, जीत की हैट्रिक लगाई है. उन्होंने 2014 और 2019 में भी यहां से जीत दर्ज की थी. हेमंत सोरेन यहां शुरुआत से ही लीड पर रहे और उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के गमालियल हेंब्रम कभी भी लीड लेते हुए नहीं दिखे. हेमंत सोरेन सोरेन ने भी यहां सभा की लोगों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहे. बरहेट विधानसभा चुनाव मतदाओं की कुल संख्या 2.25 लाख थी. इसमें महिलाओं की संख्या करीब 1.15 लाख और पुरुषों को संख्या करीब 1.10 रही. इस सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें करीब 69.50 फीसदी वोटिंग हुई थी.

गांडेय से कल्पना सोरेन ने दर्ज की जीत

इस चुनाव में झारखंड की सबसे वीआईपी सीटों में से एक गांडेय विधानसभा सीट पर कल्पना सोरेन ने जीत हासिल की है. हालांकि शुरुआती रुझानो में कल्पना अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार मुनिया देवी से 3000 से 4000 वोटों से पिछड़ गईं. लेकिन जल्दी ही कल्पना ने वापसी की और उन्होंने लीड बना लिया. इस सीट पर मुनिया देवी ने कल्पना को कड़ी टक्कर दी.

कल्पना सोरेन झामुमो की सबसे बड़ी स्टार प्रचारकों में से एक थीं. उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में 100 से अधिक सभाएं की. बीजेपी ने इनके खिलाफ मुनिया देवी को उतारा मुनिया देवी गिरिडीह की जिला परिषद अध्यक्ष रही थीं और उनकी काफी अच्छी पैठ मानी जा रही थी. गांडेय विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ था. यहां कुल 3 लाख 19 हजार 910 मतदाता हैं इनमें पुरुष 1 लाख 64 हजार 926 और 1 लाख 54 हजार 982 महिला वोटर हैं. जबकि 2 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. गांडेय में 73.36 प्रतिशत मतदान हुआ था.

दुमका से बसंत सोरेन ने दर्ज की जीत

संथाल क्षेत्र झामुमो का गढ़ माना जाता है. दुमका क्षेत्र में भी झामुमो को बढ़त मिलती रही है. यहां से सोरेन के परिवार के छोटे बेटे बसंत सोरेन ने जीत हासिल की है. उनका मुकाबला पूर्व सांसद और बीजेपी उम्मीदवार सुनील सोरेन से था. सुनील सोरेन दुमका लोकसभा क्षेत्र से 2019 में सांसद थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर सीता सोरेन को दे दिया गया था. जिसके बाद उन्हें दुमका विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाया गया. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बसंत सोरेन को सुनील सोरेन से कड़ी टक्कर मिली. कई राउंड तक सुनील सोरेन आगे भी रहे. हांलाकि आखिर में बसंत ने जीत दर्ज की.

हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को मिली हार

झारखं विधानसभा चुनाव 2024 में सोरेन परिवार के एक मात्र सदस्य को हार मिली, उसका नाम है सीता सोरेन जो जामताड़ा से बीजेपी से उम्मीदवार थीं. सीता सोरेन के सामने थे जामताड़ा विधानसभी सीट से लगातार दो बार जीत चुके इरफान अंसारी. इस इलाके में मुसलमानों और आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी है. माना जाता है कि इनपर इरफान और उनके पिता फुरकान अंसारी का काफी प्रभाव है. ऐसे में इस इलाके में उन्हें टक्कर दे पाना आसान नहीं था. हालांकि सीता सोरेन ने शुरुआती राउंड में लीड बनाई थी, लेकिन जल्दी ही इरफान ने उन्हें पीछे छोड़ दिया और शानदार जीत दर्ज की.

झामुमो से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुईं थीं सीता

सीता सोरेन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही झामुमो से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुईं थी. लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें दुमका से बीजेपी ने टिकट दिया था, लेकिन वे झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन से हार गईं. इसके बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में जामताड़ा से टिकट दिया गया. लेकिन यहां भी सीता सोरेन को हार का सामना करना पड़ा. झारखंड चुनाव के दौरान भी इरफान अंसारी के एक बयान को लेकर हंगामा किया गया. लेकिन चुनाव में इसका कोई असर नहीं पड़ा और इरफान में शानदार जीत दर्ज की.

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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के मतगणना में जो रुझान आए हैं, उससे झामुमो गदगद है. इंडिया गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहा है. इस चुनाव में सीता सोरेन को छोड़ दें तो सोरेन परिवार के सभी सदस्यों ने जीत दर्ज की है.

बरहेट से हेमंत सोरेन ने दर्ज की जीत

सीएम हेमंत सोरेन एक बार फिर से बरहेट से शानदार जीत दर्ज करते हुए, जीत की हैट्रिक लगाई है. उन्होंने 2014 और 2019 में भी यहां से जीत दर्ज की थी. हेमंत सोरेन यहां शुरुआत से ही लीड पर रहे और उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के गमालियल हेंब्रम कभी भी लीड लेते हुए नहीं दिखे. हेमंत सोरेन सोरेन ने भी यहां सभा की लोगों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहे. बरहेट विधानसभा चुनाव मतदाओं की कुल संख्या 2.25 लाख थी. इसमें महिलाओं की संख्या करीब 1.15 लाख और पुरुषों को संख्या करीब 1.10 रही. इस सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें करीब 69.50 फीसदी वोटिंग हुई थी.

गांडेय से कल्पना सोरेन ने दर्ज की जीत

इस चुनाव में झारखंड की सबसे वीआईपी सीटों में से एक गांडेय विधानसभा सीट पर कल्पना सोरेन ने जीत हासिल की है. हालांकि शुरुआती रुझानो में कल्पना अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार मुनिया देवी से 3000 से 4000 वोटों से पिछड़ गईं. लेकिन जल्दी ही कल्पना ने वापसी की और उन्होंने लीड बना लिया. इस सीट पर मुनिया देवी ने कल्पना को कड़ी टक्कर दी.

कल्पना सोरेन झामुमो की सबसे बड़ी स्टार प्रचारकों में से एक थीं. उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में 100 से अधिक सभाएं की. बीजेपी ने इनके खिलाफ मुनिया देवी को उतारा मुनिया देवी गिरिडीह की जिला परिषद अध्यक्ष रही थीं और उनकी काफी अच्छी पैठ मानी जा रही थी. गांडेय विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ था. यहां कुल 3 लाख 19 हजार 910 मतदाता हैं इनमें पुरुष 1 लाख 64 हजार 926 और 1 लाख 54 हजार 982 महिला वोटर हैं. जबकि 2 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. गांडेय में 73.36 प्रतिशत मतदान हुआ था.

दुमका से बसंत सोरेन ने दर्ज की जीत

संथाल क्षेत्र झामुमो का गढ़ माना जाता है. दुमका क्षेत्र में भी झामुमो को बढ़त मिलती रही है. यहां से सोरेन के परिवार के छोटे बेटे बसंत सोरेन ने जीत हासिल की है. उनका मुकाबला पूर्व सांसद और बीजेपी उम्मीदवार सुनील सोरेन से था. सुनील सोरेन दुमका लोकसभा क्षेत्र से 2019 में सांसद थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर सीता सोरेन को दे दिया गया था. जिसके बाद उन्हें दुमका विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाया गया. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बसंत सोरेन को सुनील सोरेन से कड़ी टक्कर मिली. कई राउंड तक सुनील सोरेन आगे भी रहे. हांलाकि आखिर में बसंत ने जीत दर्ज की.

हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को मिली हार

झारखं विधानसभा चुनाव 2024 में सोरेन परिवार के एक मात्र सदस्य को हार मिली, उसका नाम है सीता सोरेन जो जामताड़ा से बीजेपी से उम्मीदवार थीं. सीता सोरेन के सामने थे जामताड़ा विधानसभी सीट से लगातार दो बार जीत चुके इरफान अंसारी. इस इलाके में मुसलमानों और आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी है. माना जाता है कि इनपर इरफान और उनके पिता फुरकान अंसारी का काफी प्रभाव है. ऐसे में इस इलाके में उन्हें टक्कर दे पाना आसान नहीं था. हालांकि सीता सोरेन ने शुरुआती राउंड में लीड बनाई थी, लेकिन जल्दी ही इरफान ने उन्हें पीछे छोड़ दिया और शानदार जीत दर्ज की.

झामुमो से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुईं थीं सीता

सीता सोरेन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही झामुमो से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुईं थी. लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें दुमका से बीजेपी ने टिकट दिया था, लेकिन वे झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन से हार गईं. इसके बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में जामताड़ा से टिकट दिया गया. लेकिन यहां भी सीता सोरेन को हार का सामना करना पड़ा. झारखंड चुनाव के दौरान भी इरफान अंसारी के एक बयान को लेकर हंगामा किया गया. लेकिन चुनाव में इसका कोई असर नहीं पड़ा और इरफान में शानदार जीत दर्ज की.

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