झांसी: मेडिकल कॉलेज में बीते शुक्रवार को हुए अग्निकांड में मृत बच्चों की संख्या 11 हो गई है. 10 नवजात की मौत पहले ही हो चुकी है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जिस बच्चे की मौत हुई है, वह प्री मैच्योर्ड था, इसीलिए भर्ती कराया गया था. बच्चे की मौत आग के कारण नहीं हुई है.
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल एनएस सेंगर ने बताया कि बांदा निवासी भोला सिंह के एक माह के पुत्र की मौत हुई है. जिस समय अस्पताल में हादसा हुआ, बच्चा भी NICU वार्ड में भर्ती था, लेकिन बच्चा आग की जद में नहीं आया था. बच्चा प्रीमेच्योर 7 माह का और उसका वजन 1 किलोग्राम था. एक माह से उसका इलाज चल रहा था. रविवार को उसकी मौत हो गई. वहीं मृतक बच्चे के पिता भोला सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी ने 7 माह के बच्चे को जन्म दिया था और उसको 13 अक्टूबर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. कहा कि अस्पताल में हुए हादसे से उसका कोई लेना देना नहीं था.
बता दें कि मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार देर रात आग लग गई थी. इस भयानक अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई. चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया था. इसमें 7 बच्चों की पहचान कर ली गई है, जबकि 3 बच्चों की पहचान नहीं हो पाई है.
वहीं इस घटना के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि आग लगने के बाद डॉक्टर्स-नर्स अपनी जान बचाकर भाग गए, उनके बच्चों को बचाने वाला कोई नहीं था. इस घटना की जांच के आदेश सीएम योगी ने दिए थे. हादसा होने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत कई नेता जायजा लेने पहुंचे थे. पीड़ितों को मदद का भरोसा दिया गया था.
मृतकों के परिजनों के एकाउंट में भेजे 5 लाख रुपये
सीएम योगी ने इस हादसे का संज्ञान लेते हुए मृत बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता धनराशि एवं घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार की सहायता धनराशि की घोषणा की थी. जिलाधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 9 बच्चों के परिजनों के खाते में 5 लाख रुपए की धनराशि भेजी जा चुकी है. शेष बचे एक बच्चे के परिजन का बैंक में एकाउंट न होने के कारण सहायता राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है. बैंक एकाउंट खोलने के बाद उन्हें सहायता राशि भेजी जाएगी. झांसी जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि मेडिकल रिकॉर्ड की गहन जांच पड़ताल के बाद 49 बच्चों की सूची तैयार की गई. सूची के अनुसार 49 बच्चों में से रेस्क्यू किए गए 38 बच्चे उपचार की स्थिति में हैं. शनिवार तक 10 बच्चों की बर्न इंजरी के कारण मृत्यु हो चुकी थी. रविवार को जिस बच्चे की मौत हुई है, वह प्री मैच्योर्ड था.